Friday, April 9, 2010

मुझे तो बहुत शर्म आती है, और आप लोगों .......>>>> संजय कुमार

मैं हूँ आपका करीबी दोस्त, उससे भी बढकर , मैं रहता हूँ हमेशा आपके दिल से चिपककर , चाहें उसका परिणाम अच्छा हो या बुरा ! खैर बाद मैं बात करते हैं ! अभी मैं अपनी ताक़त आपको बता रहा हूँ ! आज किसी छोटे मोटे देश की जनसँख्या उतनी नहीं होगी जीतनी संख्या मेरी है ! आज मैं विश्व के लगभग बहुत सारे लोगों के पास रहता हूँ ! मैं ना तो जात पात देखता हूँ , ना अमीर गरीब , ना दोस्त और ना दुश्मन , आज हर छोटी जात बाले के पास या बिश्व के सबसे धनि व्यक्ति के पास मिलूंगा ! आज मैं हर घर मैं तो हूँ ही , घर के आधे से ज्यादा लोगों के पास भी मिल जाता हूँ ! मेरे बिना तो आज विश्व मैं कोई काम हो हो नहीं सकता ! आज मेरे कारण ही इस देश मैं बैठा कोई भी विदेश मैं बैठे हुए अपनों से बात कर सकता है ! यहाँ तक तो आप सब समझ गए होंगे की मैं कोन हूँ ! और मैं क्यों इतनी बड़ी बड़ी बातें कर रहा हूँ ! मैं हूँ आपका मोबाइल और टेलीफोन !मैंने इन्सान को इस आधुनिक दुनिया मैं एक ऐसी चीज दी हैं , इसकी अहमियत आप इस बात से लगा सकते हैं ! की एक प्रेमी अपनी प्रेमिका को जितना प्यार नहीं करता होगा उससे कहीं ज्यादा मुझे ! (प्रेमी प्रेमिकाएं नाराज ना हों ) आज एक छोटे से छोटा काम हो या कोई बड़ा , हर काम मैं मेरा उपयोग होता है , और मैं बहुत खुश होता हूँ ! मैं इंसानों की आपस मैं बात कराता हूँ और अब तो मैं चिट्ठी भी भेजता हूँ ! मुझ पर विडियो , फ़िल्में, गाने , और भी मनोरंजन के साधन उपलव्ध हैं !

जब मेरा उपयोग अच्छे काम के लिए होता है, अच्छे सन्देश पहुँचाने के लिए होता है , जब मेरे द्वारा किसी के व्यवसाय मैं तरक्की होती है तो मन ही मन बहुत खुश होता हूँ ! और अपने आप मैं गर्व भी महसूस करता हूँ , कि जैसे देश को जितनी जरूरत प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कि हैं, उतनी ही मेरी , आज मैं बहुत खुश हूँ .....................

पर ये क्या हो रहा है मेरे साथ , मेरा तो अब उपयोग कम दुरूपयोग ज्यादा हो रहा है ! अरे भाई मेरा उपयोग सही से करो , आप लोग तो अपनी जान कि भी परवाह नहीं करते मेरा उपयोग करते समय कुछ तो ध्यान रखा करो ! जब आप गाड़ी चलाते हैं तो बिलकुल लापरवाह हो जाते हैं , कुछ तो शर्म करो, क्यों अपनी मौत का जिम्मेदार मुझे ठहराते हो !सरकार कितना आपको नियम कानून बताती है , पर आप लोग नहीं सुधरते और ना सुधरेंगे ! गलती आप लोग करते हैं और भुगतना आपके परिवार को ! अरे भाई ऐसा ना करे ! मुझे तो तब बहुत शर्म आती है जब आप लोग मुझे घर के टायलेट और बाथरूम तक ले जाते हैं , कृपया वहां पर मुझे ना ले जाएँ ! और मुझे बहुत शर्म जब आती है , जब आप लोग मुझे किसी कि शमशान यात्रा मैं ले जाते हैं , और वहां पर भी मेरा मुंह बंद नहीं करते , उस जगह मैं बहुत शर्मिंदा होता हूँ , थोड़ी सी शर्म आप लोग भी किया करो ..................



मुझे तो बहुत शर्म आती है, और आप लोगों को .......... थोडा सा सोचिये



धन्यवाद

6 comments:

  1. mobile ke baare me itna sahi sandesh...waah...iska sahi upyog bahut jaruri hai...

    http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/

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  2. वाह वाह बहुत ही खूबसूरती से आपने मोबाईल को लेकर इन दिनों की आपाधापी को सबके सामने रखा है । अलग शैली में लिखा गई एक दिलचस्प पोस्ट
    अजय कुमार झा

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  3. Lajawab vyangya... bahut bahut bahut hi sundar.

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  4. बहुत सटीक...मोबाईल भले कितना भी शरमा जाये...मगर उपयोगकर्ता न शर्मायेंगे.

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  5. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद

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