Monday, April 12, 2010

ये सन्देश भी होते हैं काम के.......>>>> संजय कुमार


अक्सर हम लोगों ने कई बार सड़क पर चलते हुए , ट्रकों और बसों पर लिखा देखा है की , माँ का आशीर्वाद , पापा दी गड्डी, बाबूजी लो मैं आ गयी , बुरी नजर बाले तेरा मुंह काला , तुम कब आओगे , और ना जाने कितने ही इस तरह के शब्द हमने पड़े होंगे ! हमारे मन मैं शायद किसी तरह के भाव उत्पन्न ना हों , पर जो ये लोग लिखबाते हैं , उनके लिए ये शब्द बहुत मायने रखते हैं ! और उन शब्दों मैं उनका प्यार, उनकी तड़प , या उनकी चेतावनी छुपी होती है , और वह प्रेम जो अपनों से करते हैं , जब मैंने इन शब्दों के बारे मैं जानना चाह ! और एक ट्रक बाले से पूंछा !उस पर लिखा था! माँ का आशीर्वाद , जब मैंने उससे पूंछा कि आपने यह क्यों लिखा है , तो बोला यह मेरी माँ के प्रेम और आशीर्वाद का फल है , तो मैंने भी अपना प्यार दिखाने के लिए माँ का नाम लिख दिया ! और ऐसा लिखकर मेरे मन को सकूं मिलता है , और उनका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ बना रहता है ! तब मुझे यह अहसास हुआ कि यह सब तो प्रेम का ही एक रूप है, इस तरह का प्रेम का इजहार तो हमने भी अपनी गाड़ियों पर या अन्य जगह लिखकर प्रदर्शित किया होगा ! मैं अपने दोनों बच्चों को बहुत प्यार करता हूँ , तो मुझे लगा क्यों ना मैं इनका नाम अपने वाहन पर लिखवादूं तो मुझे बहुत खुशी होगी ! ठीक इसी तरह हम लोग किसी को चेतावनी देना चाहते हैं , तो लिख देते हैं बुरी नजर बाले तेरा मुंह काला ! यह सब हम अपनों को बुरी नजर से बचाने के लिए करते हैं ! कहीं लिखा होता है रब की देंन, जिसमे इश्वर का आशीर्वाद छुपा होता है ! जो मन को तसल्ली देता है ! यह सब भी तो प्रेम ही है ,जो हम अपनों से करते हैं !प्रेम जिसका कोई रूप रंग , कोई भाषा या परिभाषा नहीं होती, प्रेम को व्यक्त करने के कई तरीके होते हैं ! कोई मुंह से बोलकर प्रेम का इजहार करता है , तो कोई लिखकर अपने प्रेम का इजहार करता है !

एक छोटा सा सन्देश

वाहनों पर इन सब के साथ भी बहुत कुछ लिखा होता है , जो बहुत मायने रखता है , उसे भी हमें बहुत गौर से पड़ना चाहिए और उनका पालन अच्छे से करना चाहिए! यह शब्द या सन्देश हमारे जीवन को वचाने के लिए होते हैं ! पर हम उन पर बिलकुल भी ध्यान नहीं देते ! और सड़कों पर अपने वाहन ऐसे दौडाते हैं , जैसे कोई रेश हो रही हो , और भूल जाते हैं हम, वह सब जो हम दिनरात देखते और पड़ते रहते हैं , और बार बार करते हैं गलतियाँ ! तो मत लगाओ अपना जीवन खोने कि रेश ! यह जीवन अमूल्य है , पहचानो खुद का महत्व , और पालन करो यातायात नियमों का ! यह नियम हमारी रक्षा के लिए हैं ! कहीं ऐसा न हो ! हमारे जीवन को हमारी ही बुरी नजर लग जाये !

धीरे चलिए, सुरक्षित पहुँचिये ............... जाना है दूर, ना की जिंदगी से दूर .....................

धन्यवाद

3 comments:

  1. Sanjay ji, aap jo vishay uthate hain wo jyadatar aise hote hain jin par logon ki nazar hi nahin jaati.. lekin aap unme se bhi mahatwapoorna sandesh nikaal late hain. bahut khoob. achchha laga padh kar

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  2. dear dipakji
    har baat main kuchh na kuchh sandesh chhupa hota hai, bas thoda sa dhyan jaroori hota hai

    aap sabhi ka dhnyvad, jo aap log mere lekhan ko sarah rahe hain

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