Friday, January 25, 2013

तंत्र ......... जनतंत्र ....... गणतंत्र ....... >>> संजय कुमार

सभी मित्रों , साथियों एवं देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई , ढेरों अनेकों शुभ-कामनाएं ! इस एक दिन के राष्ट्रीय पर्व पर अपने दिलों में राष्ट्र-प्रेम की भावना जाग्रत करें ! इस एक दिन के पर्व को आप बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाएं ! एक दिन के लिए ही सही हमें अपने दिलों में देशभक्ति का जज्बा भर लेना चाहिए और विरोधी ताकतों , देश के दुश्मनों को ये अहसास दिला देना चाहिए कि , हम आज भी अपने देश के लिए मर मिटने को सदैव तैयार रहते हैं ! हम भारतीय जिस एकता - अखंडता , सभ्यता - संस्कृति के लिए पूरे विश्व में जाने जाते हैं , वो बात आज भी हमारे बीच मौजूद है  जिसे कोई तोड़ नहीं सकता ! वर्ना देश के ठेकेदार , धर्म के ठेकेदार आज ऐसी कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं हमारी एकता , अखंडता को खत्म करने की ! इसलिए हमारे दिलों में राष्ट्र-प्रेम का जज्बा सिर्फ एक दिन के लिए ही नहीं बल्कि जीवन पर्यंत तक  हम भरतीयों में होना चाहिए ! आज हमारे देश के जो हालात हैं वो किसी से छुपे नहीं हैं ! कुछ गैर पेशेवर ताकतें इन हालातों का फायदा उठाकर हमें जाति - धर्म - संप्रदाय के नाम पर लड़ाकर अपनी रोटियां सेंकना चाहती हैं ! क्या आप ऐसा होने देंगे ...? हमारे बीच अपनों के लिए एक नफरत की गहरी खाई खोदना चाह रहे हैं ! क्या आप ऐसा होने देंगे ....?  हम सच्चे भारतीय इस बात को अच्छे से जानते हैं और इसीलिए हम किसी के बहकावे में नहीं आते , हम आज की गन्दी और ओछी राजनीति से भली-भांति परिचित है कि , आखिर वो क्या चाहती है ? इसलिए हमारे सब्र का पैमाना किसी के तोड़ने से नहीं टूटता ! हम जानते हैं आज देश के बड़े राजनीतिज्ञ , बड़े धर्माधिकारी , संप्रदाय प्रमुख अपने घटिया बयानबाजी  से इस देश के माहौल को और ख़राब कर रहे हैं ! फिर भी हमें बहुत संयम रखना होगा समझदारी का परिचय देना होगा ...... ये बताना होगा की हमारे लिए इस राष्ट्र से बढकर कोई और नहीं , क्योंकि हमने इस देश की मिटटी में ही जन्म लिया और अपना बचपन यहीं बिताया है ........ इस देश में रहकर ही हमने अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण किया है ! हमें नाम , शोहरत और इज्जत इसी देश में मिली है ! इसलिए ये राष्ट्र हम सभी के लिए प्रथम है उसके बाद अन्य ......... हमें अपने सभी देशवासियों में राष्ट्र - प्रेम की भावना को जगाना होगा और ये जिम्मेदारी हम सभी की है ! हम सभी बचपन से लेकर बुढ़ापे तक सभी जिम्मेदारियों का निर्वाह , अपने कर्तव्यों का पालन जिस तरह करते हैं ठीक उसी तरह इस राष्ट्र के प्रति भी हमारी कुछ जिम्मेदारी और कर्तव्य हैं जिनके प्रति हम शायद ही कभी सोचते हैं या कुछ करते हैं ..... अगर आज देश का हर नागरिक देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने लगेगा अपनी जिम्मेदारी देश के प्रति समझेगा तो समझ लीजिये मेरे देश जैसा शायद ही कोई देश हो ........ शायद ऐसा पहले था तभी तो हम कहते थे  " मेरा भारत महान " किन्तु अब ऐसा नहीं लगता !

क्या आप नहीं चाहेंगे की  फिर से  " मेरा भारत महान " बने ....... तो फिर हमें अपने अन्दर राष्ट्र-प्रेम की भावना को ऐसे जलाना होगा जो किसी भी आंधी-तूफ़ान के बुझाये ना बुझ सके !

 हम सभी देशवासियों के लिए ये दिन सिर्फ २६ जनवरी का दिन ना होकर " राष्ट्रीय पर्व " का दिन होना चाहिए ! देश के समस्त नागरिकों को गणतंत्र - दिवस राष्ट्रीय पर्व की बहुत बहुत ढेरों -अनेकों शुभ-कामनाएं

" जय-हिंद " वन्दे-मातरम्  " जन-गण -मन  "

धन्यवाद 

Friday, January 18, 2013

कहानियाँ सुनाती है पवन आती जाती ......>>> संजय कुमार

कहानियाँ सुनाती है पवन आती जाती
एक था दिया एक बाती
बहुत दिनों की है ये बात
बड़ी सुहानी थी वो रात
दिया और बाती मिले
मिलके जले एक साथ
ये चाँद ये सितारे बने सारे बाराती
एक था दिया ...
उठाई दोनों ने क़सम
जले बुझेंगे साथ हम
उन्हें ख़बर ना थी मगर
ख़ुशी के साथ भी है ग़म
मिलन के साथ साथ ही 

जुदाई भी है आती
एक था दिया ...
एक दिन गली गली 
ऐसी कुछ हवा चली 
आया एक झोंका 
दे गया जो धोखा 
ज्योत  को चुरा के 
ले गया उठाके 
दिल दिए का बुझ गया 
हो गयी बाती जुदा 
फिर भी उसने ये कहा 
ज्योत को दीजे  दुआ 
तुझको कोई गम ना हो 
रौशनी ये कम ना हो 
तू किसी के घर जले 
खुश रहे फूले -फले 
कहानियाँ सुनाती है पवन आती जाती
एक था दिया एक बाती ........

( फिल्म राजपूत का शानदार गीत आपके लिए )

धन्यवाद  

Saturday, January 12, 2013

300 बीं पोस्ट .....( युवा दिवस ) आज का युवा .........>>> संजय कुमार

आज मैं अपनी 300 बीं पोस्ट लिखते हुए बहुत ही ख़ुशी महसूस कर रहा हूँ ! मैं आप सभी का इस 300बीं पोस्ट पर तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ , मैं आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ, आप सभी का आभार व्यक्त करता हूँ जो आप सभी ने मेरे लेखन को सराहा , समय समय पर अपनी बहुमूल्य टिप्पणियों से मेरा उत्साहवर्धन किया , मुझे  मार्ग -दर्शन दिया ! आगे भी मैं  आप सभी से  मार्ग-दर्शन की उम्मीद रखता हूँ !

तीन बर्षों के  लेखन के दौरान मैंने लगभग हर बिषय पर कुछ ना कुछ अवश्य लिखा है .... राजनीति- राजनीतिज्ञ , भ्रष्टाचार - बेईमानी , नेता - अभिनेता , साधू-संत , घर-परिवार , रिश्ते-नाते , माता -पिता , बुजुर्ग -बच्चे , यहाँ तक की जानवरों और मच्छरों तक को भी नहीं छोड़ा ! मैंने युवाओं पर भी कई पोस्ट लिखीं हैं ! आज " युवा दिवस " के मौके पर मैं फिर एक बार देश के युवाओं को लेकर कुछ लिख रहा हूँ ! मैं अपने सभी युवा साथियों से गुजारिश करूंगा की वो अपनी उपस्थिति से एक सभ्य और शिक्षित समाज का निर्माण करें जो इस देश को विकसित और विकासशील बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए ! आज जो  हमारे देश के हालात हैं वो वद से वद्तर हो चुके हैं , पिछले दिनों जो अमानवीय और दर्दनाक हादसा " दामिनी " के साथ हुआ वो इस देश की सुस्त सुरक्षा व्यवस्था और इंसान के गिरते हुए स्तर का एक बहुत बड़ा उदाहरण था ! देश में  कोई भी सरकार हो उसका मकसद हमेशा अपनी कुर्सी को बचाने का होता है और उसके लिए उन्हें सब कुछ मंजूर है !

हम बात करते हैं आज के युवाओं की जिनके आदर्श सचिन -राहुल , सलमान - शाहरुख़ , कैटरीना - करीना हैं ! स्वामी विवेकानंद और भगत सिंह नहीं ! सच तो ये है कि आज के युवाओं का कोई आदर्श ही नहीं है और ना ही कोई सिद्धांत , जैसे हर हफ्ते फिल्म के पोस्टर बदलते हैं ठीक वैसे ही उनके आदर्श और सिद्धांत ! संस्कार रहित , अपनी मस्ती में मस्त , घर-परिवार , समाज से कोसों दूर .... भेड़चाल के शिकार , उत्तेजना से लबरेज , सब्र का अभाव , मरने - मारने को सदैव तत्पर , विदेशी कल्चर का तेजी से अनुशरण करने वाला ! अपने हांथों से अपने 5000 बर्ष पुराने कल्चर और अपने भविष्य को खत्म करने वाला , और कोई नहीं आज का युवा ही है ! वो बिगड़े हुए युवा ही थे जिन्होंने दिल्ली और गुवाहाटी में इस देश को शर्मसार किया है ! आज देश में बढ़ते अपराधों में सबसे ज्यादा प्रतिशत युवाओं का ही है ! हमारे बीच क्लबों का बढ़ता हुआ चलन , ड्रग्स , शराब , लेट नाईट पार्टियाँ , जिस्मफरोशी इन सभी  के पीछे आज का भटका हुआ युवा ही है ! ऐसा नहीं है की देश का सभी युवा वर्ग यही सब कर रहा है ! इस देश में ऐसे भी नौजवान हैं जो आज भी अपने देश पर मर मिटने को सदैव तत्पर रहते हैं , ऐसे भी युवा हैं जो समाज को सुधारने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं ! आज देश की और दुश्मन ताकतों से हमारी रक्षा करने वाला कोई और नहीं आज का देशभक्त युवा ही है ! आज कई युवा भारत का नाम विश्व स्तर पर ऊंचा कर रहे हैं ! किन्तु ये संख्या ना के बराबर है ! ऐसा क्यों है ......? इसके पीछे आखिर क्या कारण है ? कौन है इसके लिए जिम्मेदार ? युवाओं में संस्कारों का अभाव , पैसे कमाने की अंधी और गलत तरीकों से ज्यादा कमाने की दौड़ , माता -पिता का अपने बच्चों के लिए समय का अभाव , देश में बढ़ती बेरोजगारी , मेंहगाई और भ्रष्टाचारी का अपनी चरम सीमा पर होना , सरकार का हर बात पर ढुल - मुल रवैया , सभी का अपने लिए स्वार्थी होना ! ऐसे अनेकों कारण है जो किसी भी युवा को अपने लक्ष्य से भटका सकता है ! फिर क्या किया जाये .......?

जिम्मेदारी हम युवाओं को ही लेनी पड़ेगी ! हम ही सब कुछ ठीक कर सकते हैं ! किन्तु हमें सोचना होगा , और कार्य करना होगा ! हम युवा ही इस देश की दशा और दिशा बदल सकते हैं ! युवा साथियों आगे बढ़ो और अपने घर -परिवार , समाज और देश के लिए कुछ करो ....... अपनी उपस्थिति अच्छे कामों में दर्ज कराएँ !

मैं अपने सभी युवा साथियों को युवा दिवस की बहुत बहुत बधाई ..... शुभकामनाएं देता हूँ !

धन्यवाद    

Monday, January 7, 2013

ओरी हवा ........>>> गार्गी की कलम से

ओरी हवा 
तेरा मेरा नाता 
बहुत गहरा है 
तू दिखती नहीं , तो क्या 
महसूस तो होती है 
कभी पुरवाई 
कभी बसंत 
कभी लू बन जाती है 
और बारिस को भी तो 
तू ही लाती है 
तु मौसम के अनुरूप ढल जाती है 
और मैं रिश्तों के अनुरूप ,
तुझे क्या लगता है 
क्या तू ही अद्रश्य है 
मैं भी अद्रश्य हो जाती हूँ 
उनकी आँखों से 
जिनका मैं अंश हूँ 
विवाह के बाद !
महीनों साल गुजरते जाते 
फिर भी मेरे प्रति 
उनके दिल से " प्रेम की अनुभूति "
मिटती नहीं !
और ना ही मेरे दिल से 
पर 
मुझे ढलना होता है 
नए नए रिश्तों में 
जिम्मेदारियों में 
मेरा भी ठिकाना नहीं है 
तुम्हारी तरहा !
वक़्त और हालत 
मेरा स्वभाव 
बदल देते हैं 
जैसे मौसम 
तुम्हारा बदल देते हैं !

( प्रिये पत्नी गार्गी की कलम से )

धन्यवाद 

Wednesday, January 2, 2013

हाहाकार .... चीत्कार ....... बलात्कार .......>>> संजय कुमार

आज देश में चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है ! जहाँ देखो जिधर देखो बलात्कार और छेड़खानी की घटनाओं को लेकर आज आम लोगों के दिलो - दिमाग में आक्रोश भरा हुआ है ! और ये आक्रोश तब तक ठंडा नहीं होगा जब तक गुनाहगारों को सजा नहीं मिल जाती ! शायद इस घटना से देश की सरकार , हमारा कानून , लापरवाह अफसर कुछ सबक ले और देश के सविधान में  बदलाव लाये क्योंकि आज गुनाहगारों से पास हर कानून का तोड़ है और गुनाहगारों को ऐसा लगता है जैसे कानून उनका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा ! दिल्ली की घटना कोई पहली घटना नहीं है जिसने देश और इंसानियत को शर्मसार किया हो ( अन्तराष्ट्रीय स्तर ) ... इससे पहले भी हम कई बार शर्मसार हुए हैं ( गुवाहाटी, नोयडा , कोलकाता  )  और आगे भी होते रहेंगे क्योंकि इंसान की काम पिपासा अभी तक शांत नहीं हुई है और मरते दम तक शायद शांत होगी भी नहीं क्योंकि वो किसी भी उम्र में बहक जाता है जिसके उदाहरण 15  साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्गों तक के रूप में हम देख चुके हैं ! सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में प्रति बर्ष 24000 से ज्यादा बलात्कार के मामले दर्ज होते हैं और इनमें भी कुछ जघन्य और दिल दहला देने वाले होते हैं और इससे कहीं ज्यादा जो दर्ज ही नहीं होते , कारण इज्जत खोने बाद इज्जत जाने का डर  ..... देश का कोई भी राज्य हो वो आज महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है ! घर के अन्दर , घर के बाहर , रास्ते में , ऑफिस में, मंदिरों में , तंत्र-मन्त्र के नाम पर पिता, भाई , बेटे , चाचा , मामा , दोस्त , रिश्तेदारों द्वारा नारी की आबरू और उसकी अंतरात्मा को नोंचा - खसोटा जा रहा है ! " दिल्ली गैंग रेप " की दुखद घटना के बाद भी दिल्ली और पूरे देश में घटनाएँ बंद नहीं हुई हैं .. आज भी आप देश का कोई भी अखबार उठा कर देख लीजिये , अख़बार भरे पड़े हैं चीत्कार और बलात्कार से ! क्या इस तरह की घटनाएँ कभी बंद होंगी ? क्या आज के विकृत मानसिकता वाले व्यक्तियों की सोच में बदलाव आएगा ? क्या कानून ऐसे लोगों के लिए और ज्यादा सख्त होगा ? ऐसे बहुत से सवाल आज हमारे सामने हैं जिनका जबाब शायद  किसी के पास नहीं है !  क्योंकि जबाबों से समस्या का समाधान नहीं निकलता बल्कि उन पर अमल करने से समाधान निकलेगा ! तो फिर अमल किसे करना है ? कौन सुधारेगा इन व्यवस्थाओं को ?  क्या हम ? सरकार , आज की नारी शक्ति , बिगड़े युवा , देश की राजनीतिक पार्टियाँ .... आखिर कौन ? आज हर चीज के लिए जिम्मेदार शयद हम ही हैं , क्योंकि आज हर बुराई हम ही से तो है ! आज  जितनी  तेजी से हमारे अन्दर का इंसान , हमारी इंसानियत अपना दम तोड़ रही है इन सभी का कारण हम ही तो  हैं ! क्योंकि हमने कभी भी जीवन के लिए लाभप्रद , समाज के हित में बनाये गये  नियमों  का पालन सही तरीके से कभी नहीं किया ! हमें ही व्यवस्थाओं को सुधारना होगा , हमें ही अपने बच्चों को अपनी आत्मरक्षा के लिए तैयार करना होंगे उन्हें बुराई से लड़ने के  गुण सिखाने होंगे , हमें ही अपने बच्चों में अच्छे संस्कारों का बीजारोपण करना होगा ! हमें अब पहले से कहीं और ज्यादा सतर्क , सचेत और सावधान रहना होगा , हमें अपनी सुरक्षा स्वयं करनी होगी क्योंकि देश की सरकार हमेशा अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में व्यस्त रहती है ! क्योंकि हम आम जनता हैं ! और आम जनता की सुनने वाला इस देश में कोई नहीं है ! इस देश का सबसे बड़ा सच तो ये है कि , इस देश में जो हाहाकार कर रहा है वो आम आदमी ही है ! दिल को दहला देने वाली जो घटनाएँ हो रही हैं उनका शिकार , आज का आम आदमी है ! अक्सर बलात्कार की शिकार लड़कियां , महिलाएं सभी आम घरों से होती हैं .... क्या  आम आदमी सिर्फ इसीलिए बना है कि उसे जब चाहे जैसे चाहो जिधर से चाहो जी भर लूटो ? शायद  ये सब सुनने की हमारी आदत सी हो गयी है ! हमें अपनी आदतों में सुधार करना होगा ! वर्ना हर दिन इस देश में हाहाकार ...... चीत्कार .......... और बलात्कार ऐसे ही होता रहेगा !

गुजारिश :- एक दामिनी नहीं उस जैसी कई दामनियों के लिए हमें मिलकर लड़ना होगा ! 

धन्यवाद