Friday, August 14, 2015

नेता तुम्हीं हो कल के .( आजादी का पर्व , स्वतंत्रता दिवस बधाई ,शुभ-कामनाएं ) ...>>> संजय कुमार

हम भारतवासी अंग्रेजों से अपनी आजादी की ६८ बीं सालगिरह का जश्न मना रहे हैं ! आजादी के इस पर्व को मनाने के लिए हम उन सभी वीर-सपूतों , क्रांतिकारियों , स्वतंत्रता सेनानियों को शत शत नमन करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों का वलिदान देकर इस मातृभूमि को अंग्रेजी सरकार से आजाद कराया था ! 
१९६१ में आई दिलीप साहब - वैजन्ती मालाजी  की फिल्म " गंगा -जमुना " का ये गीत " इंसाफ की डगर पे बच्चों दिखाओ चल के , ये देश है तुम्हारा नेता तुम्हीं हो कल के " .... पिछले ५३ सालों से लगातार हम इस गीत को सुनते आ रहे हैं , और आगे भी सुनते रहेंगे ,  सिर्फ और सिर्फ  स्वतंत्रता -दिवस, गणतंत्र -दिवस , गांधी जयंती और ऐसे ही किसी अन्य " राष्ट्रीय पर्व " पर ! पिछले ३०-४० सालों में हमारे देश की राजनीति में जो तेजी से बदलाव आये हैं वो हमारे लिए एक चिंतनीय विषय है ! जिस तरह की राजनीति आज हमारे देश में चल रही है , उससे इस देश का कम  नेताओं का भला कुछ ज्यादा हो रहा है ! हंगामा , विरोध , बयानबाजी , स्तरहीन शब्दों का प्रयोग , धर्म-मजहब , हिन्दू-मुस्लिम मुद्दा , पक्ष -विपक्ष का गैर जिम्मेदार रवैया , संविधान का मजाक , कानून से खिलवाड़ ये सभी आज की गन्दी राजनीति का एक अहम हिस्सा है , इसके बिना शायद ही हम आज के नेता और राजनीति की कल्पना कर सकें ! पिछले ३०-४० दशकों में इस देश में जो भ्रष्टाचार , घोटाले  और जनता के साथ विश्वासघात हुए हैं उसे देखते हुए आज देश की जनता में नेताओं और राजनीति को लेकर एक अविश्वास का माहौल व्याप्त है ! लेकिन ये भी सच है कि , पिछले कुछ बर्षों में देश की राजनीति में " युवाओं " का आगमन बहुत तेजी से हुआ है शायद इस देश का युवा जाग्रत हो गया है  और जो इस देश से भ्रष्ट और गन्दी राजनीति का सफाया कर सके , या फिर अपनी आधुनिक और युवा सोच से भ्रष्ट राजनीति में कोई बदलाव ला सके ! या फिर आज का युवा राजनीति में अपना भविष्य सिर्फ  पावर , अत्यधिक पैसा और  ऐशो-आराम के लिए देख रहा है ! खैर ये तो वक़्त बताएगा कि , आज का युवा कितना शशक्त और जिम्मेदार है ! सच तो ये है कि , आज भी हिंदुस्तान का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसे युवाओं का है जो इस देश के नेताओं और राजनीति से कोई सरोकार नहीं रखती , बल्कि राजनीति को बहुत ही घृणित दृष्टि से भी देखती है , ऐसा इसलिए भी है,  क्योंकि ऐसे कई युवाओं का इस्तेमाल देश के नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे  हुए हैं " Use & Throw " कई बार ऐसे  युवा भ्रष्ट राजनीति का शिकार भी हुए हैं जिनसे उनके भविष्य पर एक प्रश्न-चिन्ह सा लग गया !
आज के बच्चे और युवा आने वाले कल का भविष्य हैं जो आगे चलकर इस देश की कमान संभालेंगे IAS-IPS , इंजीनियर , डॉक्टर , वैज्ञानिक, खिलाड़ी , और नेता बनकर इस देश का नाम विश्व स्तर पर रौशन करेंगे ! एक बड़ा सच ये भी है कि , आज कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को नेता  बनने के लिए ना तो प्रेरित करता है और ना ही कोई प्रयास करता है , यहाँ तक की राजनीति के बारे बात तक नहीं करते , सिर्फ " राजनीतिक घरानों " में ऐसा होता है जहाँ सिर्फ " राजनीति " होती है और कुछ नहीं ……… हालांकि नेता बनने के लिए किसी भी प्रकार की शिक्षा और डिग्री की आवश्यकता नहीं होती बल्कि असली नेता तो जन्मजात होते हैं ! सच तो ये है की सच्चा नेता बनना तो एक जज्बा है जो समाज और देश के लिए कुछ करने के लिए दिल से पैदा होता है ! अगर इस देश की तस्वीर बदलनी है , इस देश में फैले भ्रष्टाचार , बेईमानी , घूसखोरी  को खत्म करना है , इस देश में फैले धर्मों के वर्गीकरण , जात -पात का भेद , धर्म के नाम पर बहने वाले खून को यदि रोकना है , दहेज़ प्रथा , कुप्रथा ,तंत्र-मन्त्र के नाम पर दी जाने वाली मासूमों की बलि , समाज में व्याप्त बुराईयों को खत्म करना है तो युवाओं को आगे आना होगा और अपने समाज और देश के लिए तन मन से अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देना होगा ! 
क्योंकि ……………ये देश है तुम्हारा नेता तुम्हीं हो कल के ……… 

एक बार फिर से मैं आप सभी को  " स्वतंत्रता दिवस " की ढेर सारी बधाइयाँ और शुभ-कामनाएं देता हूँ !

जय हिन्द …… वन्दे मातरम् ………  इन्कलाब जिन्दाबाद …… जय हिन्द

धन्यवाद 
संजय कुमार 


Saturday, August 1, 2015

हम और हमारे मित्र …… शुभकामनाएं ( Happy-Friend-Ship Day ) …...>>> संजय कुमार

हम सभी के जीवन में एक दोस्त की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती हैं ! सच्ची दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो इंसान के किसी भी रिश्ते पर भारी पड़ सकता है ! आजकल तो " Facebook - What'sUp " हमारे सभी रिश्तों पर भारी पड़ रहे हैं , कारण आज हमारे जीवन में इंसानी प्रेम और रिश्तों से ज्यादा महत्व इन आधुनिक साधनों का होना , आजकल हमारी दोस्ती अपनों से कम इन मशीनी उपकरणों से ज्यादा है और इसका  कारण भी हम ही हैं शायद, और  निवारण भी , किन्तु क्या ये संभव है ? नहीं ……… क्योंकि हमने अब इसे अपनी दिनचर्या और जरुरत का साधन मान लिया है ! आज इस स्वार्थी दुनिया में हम सिर्फ अपने मतलब के लिए दोस्त चुनते हैं  ! क्यों .... हमारे अंदर से अपनापन का भाव धीरे धीरे क्षीण होता जा रहा है ! अगर दोस्ती के मायने समझो तो बहुत कुछ है , और यदि नहीं समझे तो कुछ नहीं , सिर्फ हाड़ - मांस के बने पुतले हैं हम ! रिश्ता माता-पिता का हो या भाई-बहन का, रिश्ता पति-पत्नि का हो या माँ-बेटे , माँ - बेटी , पिता-पुत्र - पिता -पुत्री का ये अमिट रिश्ते हैं ! किन्तु कई बार यह भी देखा गया है कि, एक सच्चे दोस्त को इन सब रिश्तों में कहीं ज्यादा मान सम्मान दिया गया है ! इसलिए इस रिश्ते को सबसे बड़ा माना जाता है ! यह जरूरी नहीं कि, दोस्त कोई आपके घर के बाहर का हो , वह दोस्त आपके परिवार का कोई भी सदस्य हो सकता है , या फिर सभी सदस्य भी अच्छे दोस्त साबित हो सकते हैं ! एक माँ अपने बच्चे की सबसे अच्छी दोस्त होती है जो उसका हमेशा ध्यान रखती है , उसको गलत राह पर जाने से रोकती है और उसमें अच्छे संस्कारों का बीज रोपित करती है, अच्छे बुरे का ज्ञान कराती है , हर वक़्त उसका ध्यान रखती है और बच्चा भी माँ को एक दोस्त के रूप में लेता हैं और अपनी सारी परेशानी और समस्याएं अपनी माँ के साथ बांटता है , और यह दोस्ती का रिश्ता माँ-बेटे के रिश्ते से कहीं बड़ा होता है ! अगर बचपन में माँ बेटे का रिश्ता एक दोस्त के रूप में बनता है तो यह रिश्ता जीवन भर चलता है और  बच्चा बड़ा होकर भी अपनी बहुत सारी बातें माँ के सामने रखता है और माँ भी उसे सही राह बताती है ! एक पिता भी अपने बच्चे का अच्छा दोस्त होता है वह अपने बच्चे को घर के बाहर की दुनिया के बारे में बताता हैं , सामाजिक, देश और विश्व स्तर पर होने वाली सभी ऊँच -नीच , सच- झूंठ , अच्छा -बुरा , बुरी ताकतों से लड़ने और सही दिशा में कार्य करने की सीख प्रदान करता है ,और साथ साथ उन सभी बुराइयों से उन्हें बचाता है जो उसके बच्चे के वर्तमान और भविष्य लिए हानिकारक हैं ! हमारे पास परिवार के सदस्यों के अलावा बाहर की दुनिया में भी एक अच्छा दोस्त होना बहुत आवश्यक होता है ! आज इंसान का जीवन बहुत ही कठिनाइयों से भरा हुआ है और ऐसे में एक मित्र का महत्व हमारे लिए ठीक उस तरह है जिस तरह शुद्ध वायु इन्सान के जीवन के लिए अमृत है  , इसीलिए एक सच्चा मित्र किसी जीवनदायक अमृत से कम नहीं है ! आज जिस तरह का वातावरण हमारे आस-पास निर्मित हैं , जहाँ एक-दूसरे पर विश्वास करना बड़ा मुश्किल हैं, जहाँ कोई भी किसी को कभी भी धोखा दे सकता है , अपना बनाकर  हमारी पीठ में छुरा घोंप सकता है , फिर चाहे ऐसे लोग हमारे अपने सगी सम्बन्धी ही क्यों ना हों , इसलिए ऐसे जटिल समय में हम सभी को एक सच्चे दोस्त की आवश्यकता होती है , जो किसी भी हालात और परिस्थियों में हमारी मदद करने को तैयार रहता है और हमें गलत राह पर जाने से रोकता है ! हमारा  सच्चा दोस्त बही होता है जो बिना किसी मतलब के अपनी दोस्ती को निभाता है ! आज जिन लोगों के पास कोई सच्चा मित्र नहीं हैं वह इंसान  इस भीड़ भरी दुनिया का सबसे अकेला प्राणी हैं और उसके लिए दुनिया की कोई भी ख़ुशी बिना दोस्त के अधूरी हैं ! " क्योंकि खुशियां बांटने से बढ़ती हैं और दुःख बांटने से कम होता है "  किन्तु ये भी आजकल हम सभी के नजरिये पर निर्भर करता है ( आजकल लोग खर के कमरों में खुशियां और गम छुपाया करते हैं ) ! एक सच्चा मित्र अपनी सूझ-बूझ से हर वक़्त हमें गलत राह पर जाने से रोकता है, मुसीबत के समय ढाल बनकर हमारी रक्षा करता हैं ! आपके जीवन में अगर अच्छा दोस्त नहीं है  तो कुछ भी नहीं है ! हम सभी ने दोस्ती और मित्रता के सेकड़ों किस्से और कहानियां सुनी हैं जैसे  " राम-सुग्रीव " की मित्रता " कृष्ण -सुदामा " की मित्रता , जिसमे मित्रता के लिए सच्चे समर्पण को देखा गया है , जहाँ उंच-नीच, जात-पात, छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब, राजा-रंक जैसी छोटी सोच का कोई स्थान नहीं था , किन्तु जैसे -जैसे कलियुग की शुरुआत हुई , इंसान के दिलों में नफरत की भावना ने जन्म लिया, बुराइयाँ अपने चरम पर पहुंची , जहाँ मित्र की पहचान अपने बराबर के लोगों में की गयी , उंच-नीच का भाव दिलों में भरा गया ,जब से हम अमीर-गरीब का फर्क देखने लगे तब से मित्रता का सच्चा स्वरुप ही कहीं खो गया है या पूरी तरह बदल गया है ! वर्तमान परिवेश में ऐसा लगता है जैसे सच्ची मित्रता कहीं खो गयी है , इसीलिए तो अब मित्रता के उदाहरण देखने को नहीं मिलते , यदि मिलते भी हैं तो वो अब अपवाद हैं ! शायद इसके पीछे हम इंसान  ही हैं जो सही मित्र की पहचान नहीं कर पाते और यदि करते भी हैं तो सच्ची मित्रता निभा नहीं पाते , जिसका खामियाजा भी हम लोगों को ही उठाना पढ़ता है ! आज ऐसे कई उदाहरण हमारे पास हैं जो सही मित्र और मार्गदर्शक ना मिल पाने के कारण अपनी सही राह से भटक गए हैं और बुराई के उस मुकाम तक पहुँच गए जहाँ कोई भी आम इंसान जाना नहीं चाहता ! क्योंकि एक सच्चा मित्र हमारा बहुत बड़ा शुभचिंतक और मार्गदर्शक होता है ! या तो विश्वास नहीं करते और करते हैं तो जरुरत से ज्यादा , हमें हमेशा अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए ! 
एक इंसान के जीवन के साथ कई लोग जुड़े होते हैं वो मित्र, शत्रु कोई भी हो सकता है ! किन्तु मैं आपको इंसान के उन अभिन्न मित्रों के बारे में भी बता रहा हूँ जो इंसान के सिर्फ सच्चे मित्र होते हैं और जो हर स्थिती - परिस्थिति में सिर्फ और सिर्फ इंसान का भला ही करते हैं , किन्तु इंसान उनके साथ कभी भी सच्ची मित्रता नहीं निभाता इसलिए मजबूर होकर ये आज इंसान से उसकी इस करनी का बदला भी ले रहे हैं ! एक इंसान से बदला आखिर कौन ले सकता है , कोई दूसरा इंसान , नहीं और भी हैं जो इंसान को उसके किये का प्रतिफल समय समय पर दे रहा  है ! जी हाँ मैं  बात कर रहा हूँ  हमारे सच्चे दोस्त की ……… जी हाँ हमारे सच्चे दोस्त हैं  " प्रक्रति और पर्यावरण " जो सिर्फ हम इंसानों और इस पूरी कायनात की भलाई के लिए बने हैं , जो हर वक़्त हमारा भला करते हैं ! पेड़ - पौधे , नदियाँ , तालाब , पर्वत , घने जंगल - वन और सभी प्राकृतिक चीजें जो लाखों -करोड़ों बर्षों से एक सच्चे मित्र के रूप में हमारी सहायता कर रहे हैं ! किन्तु हम आज भी इनकी सच्ची मित्रता में बहुत पीछे हैं ! अगर हम इनकी मित्रता का १०% भी बापस कर पाये  तो शायद हम सच्चे मित्र कहलायेंगे ! यदि हम सच्ची मित्रता निभाते तो " भूकम्प - सुनामी - बाढ़ - तूफ़ान - भीषण गर्मी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना अब यूँ हर रोज ना करना पड़ता ! 


क्या आप सच्चे मित्र बनेंगे  ? क्या आप सच्ची मित्रता निभाएंगे ? क्या आप सच्ची मित्रता का मोल चुकायेंगे ? यदि हाँ तो आप कहलायेंगे सच्चे मित्र ! 
आगे बढ़िये और निभाइए सच्ची मित्रता का फर्ज और महसूस कीजिये सच्ची अनुभूति  ?

आप सभी को मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं

( Happy-Friend-Ship Day )

धन्यवाद