हमें अफ़सोस है कि हम कुछ ना कर पाए , हमें अफ़सोस है कि हमसे कहीं कोई चूक हो गयी है ! हम सबको बहुत अफ़सोस होता है, जब हम इस तरह कि बयानबाजी अपनी सरकार से सुनते हैं ! अफ़सोस होता है कि किस तरह कि सरकार है यह जो सिर्फ अफ़सोस के आलावा कुछ और नहीं कर पाती सरकार सिर्फ अफ़सोस जता रही है , और देश मैं बेक़सूर लोग मारे जा रहे हैं !
अभी तक तो बाहरी दुश्मनों से खतरा था अब तो हमारे देश के ही लोग अब हमको निशाना बनाने लगे हैं ! आज मेरा मन तकलीफ मैं है , कि नक्सलवादियों ने अब तक का सबसे बड़ा हमला कर हमारे देश के ८० जवानों कि जान ले ली ! जो हमारी सरकार कि नाकामी को उजागर करती है ! इस पर भी वही सरकार का पुराना ढर्रा सिर्फ अफ़सोस करना ! यह तो सब रटारटाया शब्द है जो हमारे देश के वरिष्ठ मंत्री हर बार बोलते हैं ! किसी भी तरह कि कोई घटना छोटी हो या बड़ी बस सिर्फ अफ़सोस ! चाहे वह मुंबई का २६/११ का हमला , जयपुर का बोम्ब ब्लास्ट , या हैदरावाद कि घटना ! या कोई और बड़ी घटना !आज तक सिर्फ अफ़सोस ही कर रहे हैं ! और आगे भी अफ़सोस ही करेंगे ! यह सब तो दिखाबे कि सहानुभूति है, सिर्फ मरने बाले के परिवार के साथ ! यह सब हम हर बार सुनते हैं ! और धोखा दे रहे हैं ! इस बेक़सूर मरने बाली जनता को !
अब तो चेत जाओ हमारे देश कि निकम्मी सरकारों , वर्ना भविष्य मैं हम सबको अपने इन्सान होने का अफ़सोस ना होने लगे ! हम सिर्फ अफ़सोस करते रहेंगे , और हमारा दुश्मन हमें हमारे घरों मैं घुसकर हमको मारेगा फिर तो हम अफ़सोस भी नहीं कर पाएंगे, अपनी नाकामियों का ! बंद करो अब यह अफ़सोस करना .......
मत करो अफ़सोस बेक़सूर जनता कि मौत का, कहीं ऐसा ना हो इस अफ़सोस के चक्कर मैं ! हमारी जिंदगी हमारे हाँथ से निकल जाये और .......
धन्यवाद
हम ऐसे ही मरने के लिए पैदा हुए हैं.. अब इस सच्चाई पर अफ़सोस कैसा?
ReplyDeleteAfsos ke alawa unki dictionary mein koi dusara word nahi jamta.... aur apni public ka to uparwala hi maalik hai, jo khamkhaw inhen apna rahnuma samjhta hai....
ReplyDeleteBahut saarthak post.
Bahut shubhkamnayne
मत करो अफ़सोस बेक़सूर जनता कि मौत का, कहीं ऐसा ना हो इस अफ़सोस के चक्कर मैं ! हमारी जिंदगी हमारे हाँथ से निकल जाये और
ReplyDeleteBahut saarthak post.
sach hai afsos-afsos ka natak ab aur nahin chalega.
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