Thursday, April 22, 2010

क्यों करते हैं जिस्मफरोशी का धधा.........>>> संजय कुमार


जहाँ हमारे देश मैं अब आये दिन कोई ना कोई साधू संत पकड़ा जा रहा है ! और हो रहा है बेनकाब किसी ना किसी सेक्स स्कैंडल मैं ! फिर चाहे बह भीमानंद स्वामी हो या नित्यानंद स्वामी , सब के सब एक ही घाट पर पानी पीने बाले हैं ! और इनके चक्कर मैं हमारे समाज की कुछ सभ्य लड़कियां धंस रहीं है ! जिस्मफरोशी के दलदल मैं !
आज कल यह बात अब आम हो गयी है , देश मैं जिस्मफरोशी का धंधा पूरे जोर शोर से चल रहा है ! जिसे देखो घुस गया इस धंधे मैं ! चाहे बो नेता हो धार्मिक संत हो , या कोई समाज का बड़ा आदमी ! जिसे देखो इस चमड़ी की कमाई खाने को व्याकुल हो रहा है ! सही बात है! कहावत तो आपने सुनी होगी , कि "हींग लगे ना फटकरी और रंग भी चोखा आये " बस तलाश कि ऐसे लोगों कि जो पैसे के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं , फिर चाहे अपनी आबरू , इज्जत ही क्यों ना देनी पड़े !आज हमारा पड़ा लिखा युवा वर्ग किस तरह पागल हो गया है , अपनी अय्याशियों को पूरा करने के लिए , अपने शौक पूरा करने के लिए , अपनी झूंठी खुशियों के लिए, और भूल जाता है सारी मान-मर्यादायें, और घुस जाता है , जिस्म्फरोसी के दलदल मैं ! और नहीं परवाह किसी कि भी , अब इस धंधे मैं हमारी युवा पीड़ी का पूरा का पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है ! आप कोई भी बड़ा सेक्स रैकिट उठा कर देख लीजिये , पकड़ी गयी लड़कियों मैं वही हमारी युवा पीड़ी , बड़े बड़े घरों की लड़कियां , MBA छात्राएं , Air hostess , और ना जाने कितनी ऐसी लड़कियां जो ताल्लुक रखतीं हैं कई उच्च घरानों से ! आज हम जब अपने बच्चों को बाहर शहर मैं पड़ने भेजते हैं , और छोड़ देते हैं उनको पूरी तरह आजाद ! क्या यह सब करने के लिए ! क्यों आप ध्यान नहीं दे रहे हैं उनकी जिंदगी मैं , वह क्यों भटक रहे हैं इस ओर ! क्यों आप लोगों का नियंत्रण नहीं रहा आज अपने बच्चों पर ! जरा ध्यान दीजिये अपने बच्चों पर ! आज क्यों हमारी पड़ी लिखी युवा लड़कियां इस ओर ज्यादा आकर्षित हो रहीं हैं ! क्या कारण है ? अब यह जानना हम लोगों को बहुत जरूरी है ! क्यों इतनी जल्दी बहक जाती हैं ! क्यों इन साधू महात्माओं और ऐसे धंधा चलाने बालों के चक्कर मैं अपना जीवन तबाह कर रहीं हैं ! कैसे फंस जाती हैं ऐसे लोगों के चक्कर मैं , ऐसा क्या लालच देते हैं , ऐसी क्या मजबूरी होती है ! इन उच्च घरों की लड़कियों की , जो इस तरह का घ्रणित कार्य कर रहीं हैं ! जहाँ देश मैं बारबालाओं को हम और हमारा सभ्य समाज घिनोनी द्रष्टि से देखता है , लेकिन यह तो सब अपना पेट भरने के लिए यह सब करती हैं , इनकी तो मजबूरी होती है, पर यह जो कर रहीं हैं , इन्हें हम कुछ नहीं कह सकते , क्यों ? यह सब किसी रुतबे दार घर या समाज से सम्बन्ध रखती हैं ! फिर क्या अंतर रह जाता हैं उन वेश्याओं मैं और इन लड़कियों मैं ! जो शराफत का चोला पहनकर समाज और अपने परिवार की आँखों मैं धुल झोंक रहीं हैं ! कुछ तो शर्म करो ! क्या पैसा कमाने का यही एक रास्ता बचा है ! आपके पास .............

हम सब तो इन युवाओं को अपने देश का भविष्य कहते नहीं थकते ! जहाँ देश के कई युवा देश का नाम सारे विश्व मैं रोशन कर रहे हैं ! वहीँ कुछ देश का नाम डुबो रहे हैं ! और बन रहे हैं इस तरह रोज टी व्ही और समाचार पत्रों की सुर्खियाँ !


अब भी वक़्त है ................अगर आगे नहीं किया कुछ ..................तो ......................

धन्यवाद

6 comments:

  1. pashchatya sanskriti ka prabhav sex ko leke failayi ja rahi bhrantiyan...bajarikaran...ye sab jimmedar hai in sabke liye...
    http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/

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  2. इसके लिए ना सिर्फ सख्त कानून बनाये जाने की जरूरत है बल्कि संस्कारों की ओर ध्यान देने और शिक्षा को सुधारने की भी आवश्यकता है संजय जी..

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  3. निःसंदेह यह बहुत ही विकराल समस्या है...आज की युवा पीढ़ी अपना ध्येय खो रही है...जीवन का मकसद पैसा और बाहरी चमक दमक ही रह गया है...
    जागरूक करनेवाली पोस्ट....
    आपका बहुत आभार...

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  4. संस्कारों की ओर ध्यान देने और शिक्षा को सुधारने की भी आवश्यकता है संजय जी.

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