Sunday, June 20, 2010

मान रहे तेरा ........पिता (Father's -Day) .....>>>> संजय कुमार

इंसानी रिश्तों मैं पिता का दर्जा ईश्वरके समान माना गया है ! इसलिए पिता वन्दनीय एवं पूज्यनीय होता है ! वह पिता ही है जो हर वक़्त अपने बच्चों के लिए अपने परिवार के लिए जीता है ! वह नहीं रखता अपना कभी भी ध्यान और अपना सारा जीवन अपने परिवार को समर्पित कर देता है ! हमने आज तक माँ की ममता ही देखि है ! माँ की ममता के ही किस्से बहुत सुने हैं ! क्यों नहीं सुना पिता के प्यार के बारे मैं ! क्या पिता प्यार नहीं करता ! तेरे जैसा नहीं इस दुनिया मै दूजा कोई ! तू पिता नहीं , तू भगवान् है मेरा

तू पिता नहीं , तू भगवान् है मेरा

हे पिता तेरी ही ऊँगली पकड़ चलना है सीखा मैंने !

तेरे ही कंधों पर घूमी हैं सारी दुनिया !

तेरी ही गोद मैं मिला स्वर्ग का सुख !

तूने ही सिखाई दुनिया की उंच-नीच !

तेरी ही छाँव मैं गुजरा ये मेरा जीवन !

मेरी हर गलती को तूने माफ़ किया !

तेरे जैसा बड़ा दिल नहीं है , इस दुनिया मैं किसी का !

तू मेरा पिता नहीं, तू है मेरी आन बान और शान !

तू ही है मेरा भगवान् !

आज दुनिया की चकाचौंध देख भूल गया मैं तुझको !

पर तेरा रहमो करम आज भी है मेरे ऊपर !

यही है तेरी खूबी , आज सब कुछ होने के बाबजूद ,

आज तू हैं तन्हा और अकेला !

पर मैं भी हूँ तेरा बेटा ! ना दिल तेरा कभी दुखऊँगा !

सदा रखूंगा तेरा मान !

मैं मरते दम तक अपना वचन निभऊगा

तेरा मान-सम्मान तुझे दिलाऊँगा

तू पिता नहीं , तू है मेरा भगवान् .......... तू है मेरा भगवान्

धन्यवाद

5 comments:

  1. फादर्स डे कि बहुत बहुत बधाइयाँ

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  2. ..खूबसूरत कविता ....अच्छा लगा पढ़ कर .

    happy father's day

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  3. बहुत अच्छा लिखा है आपने। बधाई।

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  4. bhav bahut hi achhe hai , sabhi pitao ko samarpit hai yah sunder kavita..

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  5. इस मार्ग दर्शिका के लिये आप बहुत बहुत सदर प्रणाम.....

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