इंसानी रिश्तों मैं पिता का दर्जा ईश्वरके समान माना गया है ! इसलिए पिता वन्दनीय एवं पूज्यनीय होता है ! वह पिता ही है जो हर वक़्त अपने बच्चों के लिए अपने परिवार के लिए जीता है ! वह नहीं रखता अपना कभी भी ध्यान और अपना सारा जीवन अपने परिवार को समर्पित कर देता है ! हमने आज तक माँ की ममता ही देखि है ! माँ की ममता के ही किस्से बहुत सुने हैं ! क्यों नहीं सुना पिता के प्यार के बारे मैं ! क्या पिता प्यार नहीं करता ! तेरे जैसा नहीं इस दुनिया मै दूजा कोई ! तू पिता नहीं , तू भगवान् है मेरा
तू पिता नहीं , तू भगवान् है मेरा
हे पिता तेरी ही ऊँगली पकड़ चलना है सीखा मैंने !
तेरे ही कंधों पर घूमी हैं सारी दुनिया !
तेरी ही गोद मैं मिला स्वर्ग का सुख !
तूने ही सिखाई दुनिया की उंच-नीच !
तेरी ही छाँव मैं गुजरा ये मेरा जीवन !
मेरी हर गलती को तूने माफ़ किया !
तेरे जैसा बड़ा दिल नहीं है , इस दुनिया मैं किसी का !
तू मेरा पिता नहीं, तू है मेरी आन बान और शान !
तू ही है मेरा भगवान् !
आज दुनिया की चकाचौंध देख भूल गया मैं तुझको !
पर तेरा रहमो करम आज भी है मेरे ऊपर !
यही है तेरी खूबी , आज सब कुछ होने के बाबजूद ,
आज तू हैं तन्हा और अकेला !
पर मैं भी हूँ तेरा बेटा ! ना दिल तेरा कभी दुखऊँगा !
सदा रखूंगा तेरा मान !
मैं मरते दम तक अपना वचन निभऊगा
तेरा मान-सम्मान तुझे दिलाऊँगा
तू पिता नहीं , तू है मेरा भगवान् .......... तू है मेरा भगवान्
धन्यवाद
फादर्स डे कि बहुत बहुत बधाइयाँ
ReplyDelete..खूबसूरत कविता ....अच्छा लगा पढ़ कर .
ReplyDeletehappy father's day
बहुत अच्छा लिखा है आपने। बधाई।
ReplyDeletebhav bahut hi achhe hai , sabhi pitao ko samarpit hai yah sunder kavita..
ReplyDeleteइस मार्ग दर्शिका के लिये आप बहुत बहुत सदर प्रणाम.....
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