संघर्ष एक छोटा सा शब्द ! किन्तु इस छोटे से शब्द मैं इन्सान का पूरा जीवन निकल जाता है ! फिर भी यह शब्द या संघर्ष निरंतर चलता रहता है !और कभी ना खत्म होने बाला संघर्ष ! एक बहने बाली नदी के समान जिसे सिर्फ बहना आता है ! संघर्ष भी इन्सान के जीवन मैं कभी नहीं रुकता ! आज छोटा हो या बड़ा , अमीर हो या गरीब ! हिन्दू हो या मुस्लिम ! जीवन मैं संघर्ष किये बिना उसका कोई अस्तित्व नहीं होता ! होता है तो सिर्फ नाम का इन्सान ! क्योंकि कुछ पाना है तो संघर्ष करना ही पड़ेगा ! ठीक उसी प्रकार इन्सान जन्म से लेकर मृत्यु तक पल पल पर संघर्ष करता रहता है ! इन्सान का संघर्ष जन्म से शुरू होता है ! माफ़ कीजिये जन्म से पहले भी संघर्ष होता है ! आप सोच रहे होंगे की जन्म से पहले इन्सान कैसे संघर्ष करता है ! अरे भई मैं बात कर रहा हूँ उस बेटी की जो आज के इस युग मैं जहाँ कन्या भ्रूण हत्याएं अपने चरम पर हैं ! अब ऐसे मैं अजन्मी बालिका का संघर्ष होता है ! इस दुनिया मैं आने के लिए ! अगर इन्सान गरीब हो तो उस इन्सान का पूरा जीवन इस संघर्ष मैं गुजर जाता है की वह भी एक दिन बड़ा आदमी बनेगा ! और संघर्ष करते करते उसकी कई पीड़ियाँ बदल जाती हैं ! आज का इन्सान सब कुछ पाने को कर रहा संघर्ष ! आज का बेरोजगार युवा कर रहा संघर्ष बस एक छोटी सी नौकरी पाने को ! आज उपेक्षित माँ-बाप कर रहे संघर्ष सिर्फ अपना दर्जा पाने को ! भूँखा भी कर रहा संघर्ष अपनी भूंख मिटाने को ! इस देश मैं जब किसी बेगुनाह को इंसाफ नहीं मिलता तो उस बेगुनाह का सारा जीवन यूँ ही निकल जाता है ! संघर्ष करते हुए, इंसाफ पाने मैं ! जब तक इन्सान का जीवन है , तब तक इन्सान करता है सिर्फ संघर्ष ! वह भी कभी ना रुकने बाला ! और इस संघर्ष मैं इन्सान बन के रह जाता एक मशीनी मानव जो कभी रूकती नहीं !
आज संघर्ष कर रहा है हमारा देश ! ऐसे लोगों से अपने आप को बचाने का, देश के उन दुश्मनों से जो , पल पल पर इस देश को बेचने का काम कर रहे हैं ! देश संघर्ष कर रहा एकता , अखंडता , और भाईचारे को बचाने का ! जो पल पल पर हाँथ से यूँ फिसल रही जैसे फिसलती हाँथ से रेत ! आज देश कर रहा संघर्ष अपने ही भाइयों को अपनों का खून बहाने से रोकने का ! कर रहा संघर्ष दिन-प्रतिदिन, हिन्दू -मुस्लिम के बीच बढ़ती खाई को खत्म करने का !यह देश बस यूँ ही संघर्ष करता रहेगा अपने आप को बचाने का !
आज कर रही संघर्ष प्रकृति , अपना असली रूप बचाने को ! कर रही संघर्ष देश की गंगा-जमुना अपना मान बचाने को ! कर रह धर्म, संघर्ष अपनी धार्मिकता बचाने को ! अब कर रहा इन्सान संघर्ष, अपनी बची-कुची इंसानियत को बचाने का ! देखना है की देश का संघर्ष क्या कभी पूरा होगा ! या होगा इन्सान का संघर्ष मरते दम तक पूरा !
संघर्ष के बाद मिलने बाली सफलता का जो मजा आता है ! हर बो इन्सान जानता हैं , जिसने अपने जीवन मैं संघर्ष किया और आज अपना एक मुकाम बनाया !..........हम करते हैं, सलाम उस संघर्ष को .....................
धन्यवाद
हाँ संजय जी.. कहना आसान है कि संघर्ष ही जीवन है.. पर हकीकत के धरातल पर संघर्ष करना आसान नहीं दिखता..
ReplyDeleteसंघर्ष तो सतत प्रक्रिया है..अच्छा आलेख.
ReplyDeleteEkdum sateek....sadhuwaad..
ReplyDeleteहम करते हैं, सलाम उस संघर्ष को .....................
ReplyDeleteशायद संघर्ष का दूसरा नाम जीवन है
main aap sabhi ka dhnyvad karta hoon
ReplyDeletekırşehir
ReplyDeletekarabük
adıyaman
niğde
ordu
İ82U5A
yurtdışı kargo
ReplyDeleteresimli magnet
instagram takipçi satın al
yurtdışı kargo
sms onay
dijital kartvizit
dijital kartvizit
https://nobetci-eczane.org/
KJ3UJ
salt likit
ReplyDeletesalt likit
dr mood likit
big boss likit
dl likit
dark likit
K326