एक छोटा सा बिजली से चलने बाला चलित द्रश्यों का डिब्बा जिसे हम सब टेलीविजन या टी व्ही या दूरदर्शन और बुद्धूबक्से के नाम से जानते हैं ! वह बुद्धुबक्सा जिसमे पूरा ब्रह्माण्ड समाया हुआ है ! एक खटका दबाते ही दुनिया भर की जानकारी और सब कुछ जिसे हम सब पल भर मैं देख लेते हैं ! आज सब कुछ आसान हो गया हम सब के लिए ! आज दुनियाभर का आँखों देखा हाल अपने घर पर आराम के साथ बैठकर देख सकते है ! एक समय था जब हमें देश -विदेश मैं होने बाली किसी भी हलचल या किसी भी घटना की जानकारी मिलने मैं काफी वक़्त लगता था ! और घटना का कारण, दुनिया भर के सवाल !जिनके जबाब से हम सब अनभिज्ञ होते थे ! कुछ भी मालूम नहीं होता था ! लेकिन आज देश मैं कोई भी घटना किसी भी जगह बस हो जाए ! हम सबको बिलकुल भी वक़्त नहीं लगता जानकारी मिलने मैं ! सब कुछ इस डिब्बे के कारण ! आधुनिक दुनिया मैं अमीर-गरीब सबके , मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन ! आज हर घर का सदस्य बन चूका है टेलीविजन ! आज इसके बिना रहना या कल्पना से भी इन्सान डरता है ! आज इन्सान के जीवन का अहम् हिस्सा बन चूका है ! बच्चे हों या बूढ़े , या हों जवान , सबका चहेता होता है यह ! आज घर की महिलाओं की तो जान अटकी होती है , इस छोटे से डिब्बे मैं ! इस डिब्बे के कारण अगर अपनों से लड़ाई-झगडा भी हो जाए तो कोई परवाह नहीं ! अरे भई होगा भी क्यों नहीं, हम सब को इतना कुछ जो दे रहा है ! आज इतनी प्रतिभाएं हम लोगों के सामने आ रही हैं , जितनी पहले कभी नहीं देखने को मिलती थी ! सब कुछ इसी की वजह से ! यह बात मैं इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि मैंने बहुत कुछ सीखा है इस टेलीविजन से ! और आप सभी ने भी कुछ ना कुछ अच्छा इस टेलीविजन से जरूर सीखा होगा ! अरे भई, आज अपने सबके बच्चे जो टेलीविजन पर आने बाले प्रोग्राम मैं धमाल जो मचा रहे हैं ! जिन्हें देख कर आज के माता-पिता गर्व कर रहे हैं अपने बच्चों पर ! आज कितनी ही प्रतिभाएं उभर कर हम सबके सामने आई हैं ! जिनकी सफलता मैं कहीं ना कहीं इस टेलीविजन का बहुत बड़ा योगदान है !
आप ज्यादा दूर नहीं १५-से २० साल पहले चले जाएँ ! क्या हम जानते थे देश मैं होने बाली किसी भी घटना के बारे मैं इतनी जल्दी ! क्या जान पाते थे छोटे -छोटे बच्चों के अन्दर छुपी हुई प्रतिभाओं के बारे मैं ! अगर जानते थे तो क्या उनके पास साधन थे उनको निखारने के लिए ! नहीं थे साधन हम सब के पास ! बस साधन था तो अखबार या रेडियो जिनको पढ़ा और सुना जा सकता था ! आज सब कुछ आसान सा लगता है ! आज हर क्षेत्र मैं टेलीविजन ने अपनी पकड़ मजबूत करली है ! आज हर जगह इसका बोलबाला है ! आज टेलीविजन इन्सान के लिए एक सहायक के रूप मैं काम कर रहा है ! आज हम सबको आभारी होना चाहिए इस बुद्धुबक्से का ! और धन्यवाद करना चाहिए उन उपलब्धियों के लिए जिसमें कहीं ना कहीं इसका बहुत बड़ा योगदान है ! जैसा की प्रकृति का नियम है हर अच्छी चीज के साथ बुरा जुढ़ा होता है! तो इसके भी बहुत बुरे परिणाम हैं जो आज हमारे सामने आ रहे हैं ! लेकिन आज मैं यहाँ सिर्फ इसकी अच्छाई के बारे मैं बात कर रहा हूँ ! बुराई के बारे मैं फिर कभी बात करेंगे !
मेरी तरफ से इस टेलीविजन को बहुत-बहुत धन्यवाद
धन्यवाद
जादुई घटना तो है...टी वी का धन्यवाद...मगर आज तक का?? एकदम फास्टेस्ट वाला?????हा हा!
ReplyDeletebadhiya aalekh TV par
ReplyDeleteटीवी के इजाद के लाभ तो कईहुए पर एक बात बहुत खराब हुई है |
ReplyDeleteअब हर शाम टीवी के सामने बैठे हुए ही गुजर जाति है |सामाज से कटते जा रहे हैं |
लेख बहुत अच्छा लगा |
आशा
MERI TARAF SE BHI TV KA DHANYAWAD, BASHARTE REMOTE MERE HAATH ME HO.....
ReplyDeleteHA HA HA!
I Like TV too much !!
ReplyDeleteजी बढ़िया लिखा आपने इस टेलीविजन के बारे में....बचपन से इस से एक लगाव सा रहा है....पर अब कुछ दिनों से इस से दूरी बनी हुई है.....
ReplyDeleteकुंवर जी,
बढिया लेख टी.वी पर लिखा है आपने..
ReplyDeleteमेरा शनि अमावस्या पर लेख जरुर पढे।आप की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ....आभार
http://ruma-power.blogspot.com/
mujhe apne doordarshan pe chitrahaar ka intezar karte din yaad aa gaye dost
ReplyDeleteअच्छा आलेख.. पर मैंने भी देखना छोड़ ही दिया.. :)
ReplyDeleteAa
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