Thursday, June 10, 2010

हम धन्यवाद करते हैं, टेलीविजन का ....>>> संजय कुमार

एक छोटा सा बिजली से चलने बाला चलित द्रश्यों का डिब्बा जिसे हम सब टेलीविजन या टी व्ही या दूरदर्शन और बुद्धूबक्से के नाम से जानते हैं ! वह बुद्धुबक्सा जिसमे पूरा ब्रह्माण्ड समाया हुआ है ! एक खटका दबाते ही दुनिया भर की जानकारी और सब कुछ जिसे हम सब पल भर मैं देख लेते हैं ! आज सब कुछ आसान हो गया हम सब के लिए ! आज दुनियाभर का आँखों देखा हाल अपने घर पर आराम के साथ बैठकर देख सकते है ! एक समय था जब हमें देश -विदेश मैं होने बाली किसी भी हलचल या किसी भी घटना की जानकारी मिलने मैं काफी वक़्त लगता था ! और घटना का कारण, दुनिया भर के सवाल !जिनके जबाब से हम सब अनभिज्ञ होते थे ! कुछ भी मालूम नहीं होता था ! लेकिन आज देश मैं कोई भी घटना किसी भी जगह बस हो जाए ! हम सबको बिलकुल भी वक़्त नहीं लगता जानकारी मिलने मैं ! सब कुछ इस डिब्बे के कारण ! आधुनिक दुनिया मैं अमीर-गरीब सबके , मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन ! आज हर घर का सदस्य बन चूका है टेलीविजन ! आज इसके बिना रहना या कल्पना से भी इन्सान डरता है ! आज इन्सान के जीवन का अहम् हिस्सा बन चूका है ! बच्चे हों या बूढ़े , या हों जवान , सबका चहेता होता है यह ! आज घर की महिलाओं की तो जान अटकी होती है , इस छोटे से डिब्बे मैं ! इस डिब्बे के कारण अगर अपनों से लड़ाई-झगडा भी हो जाए तो कोई परवाह नहीं ! अरे भई होगा भी क्यों नहीं, हम सब को इतना कुछ जो दे रहा है ! आज इतनी प्रतिभाएं हम लोगों के सामने आ रही हैं , जितनी पहले कभी नहीं देखने को मिलती थी ! सब कुछ इसी की वजह से ! यह बात मैं इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि मैंने बहुत कुछ सीखा है इस टेलीविजन से ! और आप सभी ने भी कुछ ना कुछ अच्छा इस टेलीविजन से जरूर सीखा होगा ! अरे भई, आज अपने सबके बच्चे जो टेलीविजन पर आने बाले प्रोग्राम मैं धमाल जो मचा रहे हैं ! जिन्हें देख कर आज के माता-पिता गर्व कर रहे हैं अपने बच्चों पर ! आज कितनी ही प्रतिभाएं उभर कर हम सबके सामने आई हैं ! जिनकी सफलता मैं कहीं ना कहीं इस टेलीविजन का बहुत बड़ा योगदान है !

आप ज्यादा दूर नहीं १५-से २० साल पहले चले जाएँ ! क्या हम जानते थे देश मैं होने बाली किसी भी घटना के बारे मैं इतनी जल्दी ! क्या जान पाते थे छोटे -छोटे बच्चों के अन्दर छुपी हुई प्रतिभाओं के बारे मैं ! अगर जानते थे तो क्या उनके पास साधन थे उनको निखारने के लिए ! नहीं थे साधन हम सब के पास ! बस साधन था तो अखबार या रेडियो जिनको पढ़ा और सुना जा सकता था ! आज सब कुछ आसान सा लगता है ! आज हर क्षेत्र मैं टेलीविजन ने अपनी पकड़ मजबूत करली है ! आज हर जगह इसका बोलबाला है ! आज टेलीविजन इन्सान के लिए एक सहायक के रूप मैं काम कर रहा है ! आज हम सबको आभारी होना चाहिए इस बुद्धुबक्से का ! और धन्यवाद करना चाहिए उन उपलब्धियों के लिए जिसमें कहीं ना कहीं इसका बहुत बड़ा योगदान है ! जैसा की प्रकृति का नियम है हर अच्छी चीज के साथ बुरा जुढ़ा होता है! तो इसके भी बहुत बुरे परिणाम हैं जो आज हमारे सामने आ रहे हैं ! लेकिन आज मैं यहाँ सिर्फ इसकी अच्छाई के बारे मैं बात कर रहा हूँ ! बुराई के बारे मैं फिर कभी बात करेंगे !

मेरी तरफ से इस टेलीविजन को बहुत-बहुत धन्यवाद

धन्यवाद

10 comments:

  1. जादुई घटना तो है...टी वी का धन्यवाद...मगर आज तक का?? एकदम फास्टेस्ट वाला?????हा हा!

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  2. टीवी के इजाद के लाभ तो कईहुए पर एक बात बहुत खराब हुई है |
    अब हर शाम टीवी के सामने बैठे हुए ही गुजर जाति है |सामाज से कटते जा रहे हैं |
    लेख बहुत अच्छा लगा |
    आशा

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  3. MERI TARAF SE BHI TV KA DHANYAWAD, BASHARTE REMOTE MERE HAATH ME HO.....
    HA HA HA!

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  4. जी बढ़िया लिखा आपने इस टेलीविजन के बारे में....बचपन से इस से एक लगाव सा रहा है....पर अब कुछ दिनों से इस से दूरी बनी हुई है.....

    कुंवर जी,

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  5. बढिया लेख टी.वी पर लिखा है आपने..


    मेरा शनि अमावस्या पर लेख जरुर पढे।आप की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ....आभार
    http://ruma-power.blogspot.com/

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  6. mujhe apne doordarshan pe chitrahaar ka intezar karte din yaad aa gaye dost

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  7. अच्छा आलेख.. पर मैंने भी देखना छोड़ ही दिया.. :)

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