Saturday, May 15, 2010

जाना है दूर....ना की जिंदगी से.......( रोज रोज होते सड़क हादसों से, लें सबक )...>>> संजय कुमार

हर इन्सान के अंदर कुछ ना कुछ आदतें होती हैं ! चाहे वह अच्छीं हों या बुरी ! आदतें तो आदते होती है ! और इनका अच्छा और बुरा प्रभाव भी इन्सान के ऊपर ही पड़ता हैं ! अगर आदतें अच्छी हैं, तो सब कुछ अच्छा होता है ! और अगर गलत हैं तो सब कुछ गलत ! और उसके होते हैं भयावह परिणाम जो इन्सान को जीवन भर भुगतने पड़ते हैं ! और भुगतना पड़ता है उसके पूरे परिवार को ! आज अच्छी आदत बालों का तो अकाल है इस देश मैं ! और बुरी आदत बालों से यह संसार भरा पड़ा है ! आज कितनी ही बुरी आदतें हमारे अपने अंदर हैं शायद इस बात का अहसास हमें पूरी तरह से है किन्तु उनमें सुधार शायद हम करना नहीं चाहते ! और करते हैं बार बार ऐसी गलतियाँ जिनका परिणाम कभी हमें अपनी जान देकर चुकाना पड़ता है ! लेकिन अब हमें सुधार लाना होगा अपनी गलत आदतों मैं ! क्योंकि हम अकेले नहीं हैं इस दुनिया मैं ! हमसे जुड़े हुए हैं कई लोग जो हमारी छोटी सी तकलीफ भी बर्दाश्त नहीं कर पाते, तो अपनी गलत आदतों का परिणाम हम उन्हें क्यों भुगतने दें !

मैं यहाँ आज उन आदतों की बात कर रहा हूँ ! जो हम नहीं सुधारते और कर बैठते है ऐसी गलतियाँ जो इन्सान शायद कभी नहीं भूल पाता ! मैं यहाँ बात कर रहा हूँ हमारे यातायात नियमों की जो हमारे जीवन को बचाने के लिए बनाये गए हैं ! जिनका अनुशरण करने से मिलती है हमें जिंदगी ! और उनकी अवहेलना करने पर मिलती हैं मौत ! जब से इस देश मैं इंसानी जनसँख्या की तरह वाहनों की संख्या बड़ी है तब से लेकर आज तक लाखों लोग काल का ग्रास बन चुके हैं! इन रोज रोज होने बाले सड़क हादसों मैं ! ना जाने कितने ऐसे लोगों को यह सड़कें अपना ग्रास बना चुकी हैं ! जिन्होंने सड़क पर चलते हुए उन नियमों को दरकिनार किया जो उसकी जान बचा सकते थे ! आज इन्सान को इतनी जल्दी होती है कि वह भूल जाता है वो सारे नियम कानून जो उसकी सुरक्षा के लिए बनाये गए हैं ! और सड़कों पर रेस लगाता है! पहले मौत पाने कि ! आज हमारी गलतियों कि सजा हमारे परिवार को भुगतनी पड़ती है वह भी जीवन भर ! इन हादसों ने कभी ना कभी हमें एक सदेश दिया है और आगाह जरूर किया होगा ! तो फिर क्यों नहीं सुधारते हम अपनी गलतियाँ ! ...... क्यों भाग रहे हैं मौत के पीछे ...............
आज रोज रोज होती गलतियों से कितने मासूम अनाथ हो गए, कितने बूढ़े माँ-बाप आज जी रहे हैं अपने बच्चों के गम मैं ! कितनी दुल्हने जो सिर्फ एक दिन कि दुल्हन बन कर रह गयी ! और लुट गयी उनकी खुशियाँ सिर्फ इन सड़क हादसों मैं ! आज का युवा इतना जोश मैं होता है, नहीं करता कोई परवाह और इन सडकों को बना लेता है रेश का मैदान और अंधों की तरह भागता है इन सड़कों पर मौत की बाजी लगाने ! ना दौड़ें अपनी मौत की तरफ ! हो सकता है आपको जाना हो दूर .............ना की जिंदगी से दूर .................

हिंदुस्तान मैं कोई भी नियम कानून का पालन नहीं करता ! और फिर हिंदुस्तान की सड़कें जिन पर पैदल चलना तक मुस्किल है फिर वहां पर वाहन किस तरह चलते होंगे , इसका अंदाजा आप सभी को है ! आज बसों मैं जिस तरह यात्रियों को भरा जाता है उससे हमें सिर्फ उन जानवरों की याद आती है जिन्हें कटने मरने के लिए ट्रकों मैं भरकर बूचडखाने ले जाया जाता है ! ठीक यही हालत है आज हिंदुस्तान की बसों की ! सरकार तो इनका आज तक कुछ बिगाड़ नहीं पाई और ना कभी कुछ बिगाड़ पायेगी! क्योंकि आप तो जानतें हैं हमारी यातायात पुलिस को १० या २० रुपये दो तो वह बस को नहीं रोकेगी फिर चाहे ५० यात्रियों बाली बस मैं २०० व्यक्ति क्यों ना हों ! पुलिस को तो २० रूपए मिल गए फिर चाहे २०० यात्री जाएँ मौत के मुंह मैं , क्या फर्क पड़ता है ....... कहाँ हैं आज इन्सान का मूल्य आज इस भ्रष्ट दुनिया मैं ..............

सिर्फ हम कर सकते हैं अपनी सुरक्षा ! हम नहीं दौड़ेंगे इस पथ पर ऐसे .......... जिस पथ पर पल पल पर मौत है....

क्योंकि हमें जाना हैं दूर ...........ना की जिंदगी से ..................... करें यातायात नियमों का पालन ........... धीरे चलिए ..........सुरक्षित चलिए ................

धन्यवाद

8 comments:

  1. सबसे ज्यादा असमयिक मौते सडको पर होती है ... उम्दा लेख

    ReplyDelete
  2. SASAKAT LEKHEN KE LIYE DHANYAWAAD SANJAY JI......

    ReplyDelete
  3. हमें जाना है दूर... ना कि‍ जि‍न्‍दगी से। अच्‍छी लाईन है।

    ReplyDelete
  4. यही पंच लाइन सबसे अच्छी है कि हम सुधरेंगे जग सुधरेगा
    मगर हम सुधरें तब न ....
    चलिए कुछ कोशिश करते हैं सुधरने की

    ReplyDelete
  5. ... प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!!

    ReplyDelete
  6. जन्मदिन की हार्दिक शुभ-कामना के लिए आपको धन्यवाद,स्नेह बनाये रखें.

    ReplyDelete
  7. bahoooooooooot umda ji.. लोग नियम कानून मानने लगें तो इस देश से सुन्दर देश है ही कहाँ?

    ReplyDelete