Monday, May 17, 2010

किस काम के हैं, आज के ये संगठन....>>>> संजय कुमार

संगठन एक ऐसा शब्द जिसमे झलकती है एकता और शक्ति ! वह एकता और शक्ति ! जो देश मैं हो रहे गलत कामों का विरोध करने के लिए होती है ! ना की स्वयं कुछ गलत करें ! इस देश मैं आज दुनिया भर के संगठन है ! कुछ धर्म के नाम पर कुछ हिंदुत्व के नाम पर! जो कभी भी किसी सही बात का समर्थन नहीं करते !भूल गए अपना सही काम ! पर आज के कई संगठन अब सिर्फ गलत का साथ दे रहे हैं और कर रहे हैं आम इन्सान के साथ गलत ! आज संगठन सिर्फ नाम के हो गए हैं ! उन्हें ना तो अब इस देश से कोई मतलब है और ना ही इस देश की जनता से ! बस अपना उल्लू किसी तरह सीधा करना है ! फिर चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े ! चाहे इस देश की संपत्ति को नुकसान पहुँचाना हो, या करना हो इंसानियत को शर्मशार यह सब कुछ करेंगे ! पर देश के लिए कुछ नहीं करेंगे ! ऐसे हैं ये आज के संगठन ! क्या आप यह बता सकते हैं कि, इन संगठनो ने आज तक ऐसा कोई काम किया है ! जिससे देश का नाम विश्व पटल पर आया हो ! क्या कोई ऐसा कार्य किया है जिसका फायदा किसी आम इन्सान को हुआ हो ! सिर्फ धर्म के नाम पर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं, आज के बहुत से संगठन ! और फायदा उठा रहे हैं हम मासूम जनता का ! क्योंकि संगठन आम जनता के हित के लिए ही बनाया जाता है ! बनाया जाता है जनता कि आवाज को सरकार तक पहुँचाने के लिए ! बनाया जाता है उन मुद्दों को उठाने के लिए जो देश और अवाम के हित मैं हों ! लेकिन अब यह कुछ भी नहीं होता ! आज सबसे ज्यादा दुखी यही आम जनता है , इन संगठनों से और उनके क्रियाकलापों से ! और उनके द्वारा जो अफरा-तफरी का माहौल है! जो आये दिन इस देश मैं होता रहता है उससे !

अब हम आजादी के पूर्व चलते हैं ! कि क्या होता था संगठन का मतलब ! तब होते थे असली संगठन जो लड़ते थे इस देश के लिए ! जो लड़ते थे अपनी आम जनता के हित के लिए ! उस समय के संगठन कार्यकर्ता कभी निजी स्वार्थों के बारे मैं नहीं सोचते थे ! सोचते थे तो सिर्फ देश के लिए ,और कुछ नहीं ! आज उन्ही संगठनों कि बजह से हम सब आज खुले वातावरण मैं आज़ादी कि साँस ले रहे हैं ! आज देश का हर व्यक्ति कृतज्ञ हैं उन संगठनों का जिन्होंने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया अपने देश कि आन-वान-शान के लिए ! हम सब नमन करते हैं उन सभी संगठन और उनके कार्यों को !

आज के संगठन बिक चुके हैं आज की गन्दी राजनीति मैं ! आज के संगठन बन चुके हैं, आज के नेताओं की हाँथ की कठपुतलियां जो सिर्फ इनके इशारे पर कार्य करती हैं ! फिर चाहे देश मैं छोटे-मोटे मुद्दे उठाकर , जातिवाद का नाम लेकर अपने ही भाइयों को आपस मैं लडवाना हो ! फिर चाहे पूरे देश मैं हड़ताल करानी हो तब भी इन्ही संगठनो का पूरा पूरा उपयोग किया जाता है ! और कभी दंगे कराने हो तो भी यही लोग करते हैं ! और कुछ लोग इन दंगों का पूरा पूरा फायदा उठाते हैं ! और करते हैं देश मैं तोड़-फोड़ और गैरकानूनी काम ! और लूटते हैं निर्दोष जनता को ! और वहाते हैं आम जनता का खून ! हम सब तो आज की गन्दी राजनीति को जानते हैं की , किसतरह यह राजनितिक पार्टिया इन संगठनो का उपयोग अपना उल्लू सीधा करने के लिए इस्तेमाल करतीं हैं ! और यह संगठन भी तैयार रहते हैं इन के हाँथ बिकने को ! और भूल जाते हैं वह इस बात को की क्या मतलब होता है संगठन का और किस लिए बनाया ! आपने यह संगठन ! सारी मान-मर्यादाएं भूलकर कार्य कर रहे हैं ! और तोड़ रहे हैं आम जनता का विश्वास ! आज के यह संगठन सिर्फ अपने फायदे के लिए बनते हैं, ना की आम जनता की आवाज को सरकार तक पहुँचाने के लिए ! और ना सरकार के किसी गलत कार्य का विरोध करने के लिए !
आज इस देश को जरूरत है ऐसे संगठनों की जो आम जनता के लिए काम करें ! जो लड़ सकें देश के बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए ! जो लड़ सकें समाज मैं फैले अंधकार को दूर करने के लिए ! जिनका काम हो हिन्दू-मुस्लिमों के बीच की दूरी को और नफरत की खाई को ख़त्म करना ! गरीबों के उत्थान के लिए ! रोते किसान को उसका हक दिलवाने के लिए ! युवाओं को भटकने से रोकने के लिए ! एक अच्छा प्रजातंत्र स्थापित करने के लिए ! तभी कहलायेगा असली संगठन ! तभी आम जनता समझ सकेगी इन संगठनों की एकता और शक्ति ..............

संगठन इस देश की ताक़त बन सकते हैं , यदि वह, सिर्फ इतना समझलें, की क्या होता है संगठन का मतलब

धन्यवाद

5 comments:

  1. आप जिस तरह के संगठन का सपना देख रहें है ,वैसा ही हमारा मकसद है और इसी से देश और समाज में बदलाव आएगा / आप अपने क्षेत्र में हमारे आन्दोलन का नेतृत्व कीजिये और लोगों को निडर,जागरूक और RTI के प्रयोग से पारदर्शिता के लिए प्रेरित करने का काम कीजिये ,हम इस नेक काम में आपका हर संभव सहायता करेंगे /

    ReplyDelete
  2. अच्छा सवाल ऊठाया है आपने , काश आपकी बात इनतक पहुँच जाये ।

    ReplyDelete
  3. आज संगठनों का जो स्वरूप है शोचनीय है. मकसद से लेकर विचारधारा के स्तर पर तुष्टिकरण की राजनीति ..
    विचारणीय पोस्ट

    ReplyDelete
  4. मैं तो चुप रहूँगा जी क्योंकि एक संगठन बनाना है मुझे भी. पर इस तरह के लक्ष्य वाला नहीं.. :) सुन्दर लेख

    ReplyDelete
  5. दीपकजी आप संगठन बनाइये
    हम आपके साथ पूरी तरह से हैं, तह उम्र

    ReplyDelete