सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है ! तम्बाखू खाने से केंसर होता है ! धुम्रपान, गुटखा और शराब से शरीर खराब होता है ! यह जानलेवा हैं ! इस नशे से दूर रहिये ! इस तरह के विज्ञापन हमने हर जगह लिखे देखे होंगे ! यह विज्ञापन लिखना उन कम्पनियों को अति आवश्यक होता है ! जो कंपनी इनका उत्पादन करते हैं और इनका विक्रय करते हैं ! क्योंकि सरकार नहीं चाहती की लोग इन नशों से होने बाले परिणाम से अनभिज्ञ रहें ! और आम इन्सान इन नशे का उपयोग कम से कम करे ! लगता है सरकार को बहुत चिंता हैं ! देश के उन लोगों की जो नशा करते हैं ! शराब या गुटखा का सेवन करते हैं या फिर तम्बाखू या सिगरेट का उपयोग करते हैं ! फिर भी इस देश मैं बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है ! जो कहीं कहीं ना कहीं किसी ना किसी नशे से जुडा हुआ है !और अब तो दिन प्रतिदिन ऐसे लोगों की संख्या मैं इजाफा हो रहा है ! इसमें से बड़ी संख्या मैं हमारे देश का भविष्य यानी हमारा युवा वर्ग होता है ! जो धीरे धीरे इन नशा करने बाली चीजों का गुलाम होता जा रहा है ! यह नशा इन युवाओं के सामने परोसा जा रहा है ! विज्ञापन के द्वारा ! तो कब तक बच पायेगा आज का युवा ! कब तक रोक पायेगा अपने आप को नशा ना करने से ! नहीं रोक सकता ! आज एक से दो, दो से चार और लगातार संख्या बढ़ रही है नशा करने बालों की ! पहले छोटा और फिर धीरे-धीरे बड़े नशे तक , फिर आदि हो जाते है ! क्या वाकई मैं सरकार चाहती है कि इस देश मैं नशीली चीजों कि बिक्री तो हो पर हमारा युवा इस और ना भटके ! और यह देश और यहाँ के लोग नशा मुक्त हों ! कहाँ तक पूरी होती है सरकार कि यह नीति ! यह तो आप सब जानते ही होंगे कि, इन विज्ञापन का क्या असर होता है ! नशा करने बालों पर ! शायद विज्ञापन नशे से दूर रहने के लिए नहीं बल्कि ज्यादा से ज्यादा नशा करने के लिए होता है ! यह विज्ञापन ! आज शायद यही कहता है वह विज्ञापन जो हमें टेलीविजन के द्वारा दिखाए जा रहे हैं !
आज से कुछ समय पहले सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया था कि ! हिंदी फिल्मों मैं अब सिगरेट हाँथ मैं लिए ना तो हीरो दिखेगा और ना विलेन ! क्योंकि इन सब से इन चीजों को बढावा मिलता है ! और इसका सीधा सीधा प्रचार होता है ! शायद सरकार अपनी यह बात भूल गयी है ! अब शायद फिल्मों मैं हीरो सिगरेट ना पीता हो ! लेकिन आज टेलीविजन पर रोज कई बार ! वियर , पान तम्बाखू और गुटखा का विज्ञापन बार बार दिखाया जारहा हैं ! क्या इन विज्ञापनों से सरकार आम जनता का भला कर रही है या बुरा ! यह तो हम नहीं जानते किन्तु हमारा युवा जरूर इन विज्ञापनों कि तरफ आकर्षित हो रहा है ! वह यह जानना चाहता है कि टी व्ही पर आने बाला वियर का विज्ञापन आखिर क्या चाहता हैं ! क्या वह इनका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करे या इनका बहिष्कार ! असमंजस मैं है स्थिति ! दूसरी और गुटखों के विज्ञापन ये मशाला बो पान बहार , दुनिया भर के विज्ञापन आज हम सब अपने परिवार के साथ बैठकर देखते हैं ! जब परिवार का सबसे अबोध बच्चा इस विज्ञापन के बारे मैं पूंछता है तो माँ-बाप को समझ नहीं आता कि उसको क्या जबाब दें ! क्योंकि टेलीविजन पर जो विज्ञापन आते हैं उनका मकसद तो हमेशा यही होता है कि आप सबसे ज्यादा दिखाए जाने बाले विज्ञापन के उत्पाद का उपयोग करें ! तो फिर हम इसका उपयोग क्यों ना करें ! जब टेलीविजन पर एक विज्ञापन देखा जिसमे गुटखा और तम्बाखू से होने बाली बीमारियों को दिखाया जा रहा था ! जिसमे गुटखा के उपयोग के बाद हुए केंसर को दिखाया गया और दिखाया गया भयानक चेहरा , जिसे देखकर कोई भी कमजोर दिल का आदमी डर जाए ! जैसे यह विज्ञापन समाप्त होता है तभी दूसरा विज्ञापन आता हैं जिसमे एक गुटखा
कंपनी का प्रचार आता है ! और प्रचार मैं दिखाया जाता है ! आप अपने पूरे परिवार के साथ खाएं ये पान मशाला ! सरकार यह सब देख रही है या देखकर बस यूँ ही अनजान बन रही है !
सरकार नहीं चाहती इन विज्ञापनों को बंद करना ! क्योंकि यह विज्ञापन सरकार को मोटी रकम जो अदा करते हैं ! आज देश मैं सरकार को सबसे ज्यादा आमदनी इन नशीले पदार्थों के विक्रय से ही होती है ! तो फिर सरकार क्यों चाहेगी इन का विज्ञापन बंद करवाना ! इन विज्ञापनों को देखकर जितने ज्यादा युवा लड़के और लड़कियां इनकी तरफ आकर्षित होंगे , उतनी ज्यादा इनकी विक्री बढेगी ! और जितनी ज्यादा बिक्री उतना ज्यादा फायदा सरकार को या यूँ कहेंगे सरकार के आला मंत्रियों को क्योंकि इनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा इनको भी तो जाता है ! तो फिर आप ही बताएं शराब , सिगरेट , तम्बाखू और गुटखा हैं ना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक .... माफ़ करना हम आम जनता के स्वास्थ्य के लिए नहीं बल्कि सरकार के स्वास्थ्य लिए ..................
अगर यही आलम रहा तो सरकार एक दिन ..........हमारे सामने, हमारे लिए मौत बेचेगी और हम लोग बाज़ार से मौत खरीद कर लायेंगे.............अब वह दिन ज्यादा दूर नहीं .................
धन्यवाद
कानून और सामाजिक जिम्मेवारियों को लागू करने में सख्ती और ईमानदारी का होना ही ऐसे हालत पैदा करतें हैं /
ReplyDeleteविचारणीय!
ReplyDeleteवाकई दुहरी नीति ही जिम्मेदार है
ReplyDeleteकथनी और करनी का फर्क ....
इस देश को जनता के प्रतिनिधि नहीं कंपनियों के दलाल चला रहे हैं....
ReplyDeleteजो मीडिया विज्ञापन के मालिक हैं वे क्या रोक लगायेंगे दिखाने से.
बहुत अच्छा है। तथ्यपरक जानकारी है। अगर आप बुरा न मानें तो एक निवेदन करना चाहता हूं। अच्छी पोस्ट अगर छोटी लिखेंगे तो अच्छा रहेगा। कम समय में पूरी पोस्ट पढ़ी जा सकती है। कई बार पोस्ट की लम्बाई देखकर पाठक चला जाता है या कुछ पढ़कर छोड़ देता है। बाकी आपकी मर्जी। कैंसर ठीक कर लें। केंसर लिखा है।
ReplyDeletehttp://udbhavna.blogspot.com/