Friday, May 14, 2010

पानी मंहगा सस्ता खून ......>>>>> संजय कुमार


पानी, इन्सान की वह जरूरत है जो इन्सान को उसके जीवन मैं पल पल मैं आवश्यक होता है ! क्योंकि जल ही इन्सान का जीवन जीवन है !' जल बिन सब सून ' ! अगर इस धरा से पानी ख़त्म तो समझो इस पृथ्वी से सब कुछ ख़त्म ! इस पृथ्वी पर जीवन समाप्त हो जायेगा और यह पृथ्वी हो जाएगी वीरान ! ठीक इसी प्रकार इन्सान को जीवित रहने के लिए जिस तरह ओक्सिजन की जरूरत होती ,और जरूरत होती है खून की ! जब तक इन्सान के शरीर मैं खून की एक बूँद है, तब तक इन्सान की सांसें चलती रहेंगी ! तब तक इन्सान लड़ सकता है किसी से भी ! इंसानी जीवन मैं पानी मिलने के तो इन्सान को कई साधन मिल जायेंगे ! लेकिन इन्सान को खून मिलने का कोई साधन नहीं है ! और ना कभी होगा ! इसलिए हम पानी को सस्ता और सुलभ मानते हैं ! और कभी भी हमने उसका मूल्य समझा ही नहीं ! और खून की कीमत इन्सान को मालूम है ! क्योंकि इन्सान जानता है कि खून की एक बूँद किसी भी मरते इन्सान को जीवन दान दे सकती है ! लेकिन आज इस देश मैं उलटी गंगा वह रही है !

आज के परिवेश मैं पानी की कीमत तो इन्सान समझ गया है ! क्योंकि आज पानी इन्सान को आसानी से नहीं मिल रहा ! क्योंकि आज दिन बा दिन पानी का स्तर इतना गिरता जा रहा है की हर जगह सिर्फ सूखा और सूखा ! वहीँ आज देश मैं जिस तरह जल स्तर गिरता जा रहा है ठीक उसी तरह इन्सान का स्तर कहीं उससे ज्यादा गिरता जा रहा ! जब से कलियुग की शुरुआत हुई इन्सान , इन्सान नहीं हाड़मांस का पुतला बन गया है! और एक ऐसा पुतला जिसके अंदर ना तो कोई संवेदना है ! और ना ही है इंसानियत ! हर तरफ अंधेरगर्दी का राज है ! ना कहीं कोई कानून ना जीने के तौर तरीके सब कुछ अस्त -व्यस्त ! इन्सान भूल गया इन्सान की जान की कीमत ! और वहा देता है इन्सान का खून पानी की तरह !आज देश मैं हर जगह अफरा-तफरी का माहौल है ! इस देश मैं अपराध अपनी चरम सीमा पर हैं ! हत्या, लूट, बलात्कार यह सब तो अब रोज की घटनाएं है ! जिनके बीच रहने की अब हम लोगों की आदत बन चुकी है ! आज इन्सान की जान की कीमत कुछ नहीं ! इन्सान का खून तो आज पानी की तरह हो गया है ! जिसे देखो जब देखो वहा देता है ! आज इन्सान पानी के लिए इन्सान का खून पानी की तरह वहा देता है !
अब नहीं रहा इन्सान का मूल्य और उसकी जान की कीमत ............आज चरों तरफ अंधेर मचा है .........पानी मंहगा और सस्ता खून

धन्यवाद

9 comments:

  1. सत्य वचन हैं आपके ।

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  2. इन हरामखोर भ्रष्ट मंत्री भेड़ियों ने इस देश को नरक बनाकर रख दिया है / इन गद्दारों से तो निपटना ही होगा /

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  3. आज इन्सान पानी के लिए इन्सान का खून पानी की तरह वहा देता है !

    क्योकि पानी नही रहेगा तो खून भी नही रहेगा. और फिर लोगों के अन्दर का पानी जो मर गया है.

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  4. khoon bhi agar andar se bahar bahana ho to sasta lekin bahar se andar daalna ho to mahnga hai..

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  5. sahi kaha na bas aankhon me paani hai uski bhi keemat nahi...

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  6. SANJAY JI BAHU KHOOB KAHA AAPNE...

    SAHI MAYNE AAJ YAHI HO RAHA HAI..

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  7. Sanjay ji bahut achchaa likhaa hai....aajkal koi khoon bechkar pyaas bujhaataa hai, koi khoon se pyaas bujhaataa hai...kahin khoon paanee kee tarah behtaa hai kahin paanee ke liye bhee khoon ho jaataa hai ..

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  8. आप सभी का मैं तहे दिल से धन्यवाद करता हूँ

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