Thursday, May 6, 2010

आज मंदिरों मैं, चल रहे जूते चप्पल ......>>> संजय कुमार

मुझे माफ़ करना इस तरह की बात लिखकर मैं किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाना चाहता ! बस एक छोटी सी बात है जो मैं आप लोगों से कहना चाह रहा हूँ ! हमारे देश मैं मंदिरों का एक अलग ही महत्व है ! हम अपने मंदिरों को एक उच्च स्थान के रूप मैं जानते हैं ! यह सही भी है क्योंकि मंदिर मैं भगवान होता जिसके सामने हम अपनी परेशानी और अपनी समस्याएं रखते हैं ! उनका हल होता है या नहीं ये तो नहीं मालूम पर फिर भी मंदिर तो मंदिर होता है ! पर यहाँ मैं भगवान के मंदिर की बात नहीं कर रहा हूँ ! मैं बात कर रहा हूँ अपनी कर्मस्थली जिस जगह हम और आप अपनी सच्ची भावना के साथ कार्य करते हैं ! जैसे हम सभी अपने घर को मंदिर कहते और अपनी कर्मस्थली को भी ! ठीक उसी तरह एक जगह और है जिसका दर्जा किसी मंदिर से कम नहीं है ! वहां भगवान् ना सही पर मंदिर का बहुत महत्व है ! इसका अपमान पूरे देश का अपमान माना जाता है ! जिसके पीछे होती है हमारी सरकार की सारी ताक़त सारा प्रशाशन ! जिसके आगे किसी इन्सान का कोई मूल्य नहीं है ! जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ अपना संसद भवन , और विधानसभा भवन ! वह मंदिर जहाँ बैठकर हम लोग इतिहास बना चुके , भारत का संविधान लिख चुके ! देश की अर्थव्यवस्था का निर्माण करते है ! नए नए फरमान अपने देशवाशियों को देते हैं ! नए नए विधेयक चाहे महिला आरक्षण हो या देश का कोई भी बड़ा विधेयक ! आज देश का ऐसा कोई कार्य नहीं जिसकी रूपरेखा यहाँ बैठकर ना बनायी गयी हो ! बड़ी बड़ी योजनाओं को यहीं एक नया आकार प्रदान किया जाता है ! इसलिए इस जगह का महत्व हम सभी के लिए किसी मंदिर से कम नहीं है !

लेकिन जैसे जैसे समय गुजर रहा है , हमारे इन मंदिरों का महत्व दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है ! उसके पीछे कारण है वहां बैठने बाले देश के सर्वोच्य पद पर बैठे हुए लोग ! जिस तरह आज हर जगह का वातावरण पूरी तरह दूषित हो गया है ठीक उसी तरह हमारे इन मंदिरों का वातावरण भी ! आप ने देश को शर्मसार करने बाली कई घटनाएँ सुनी होंगी ! चाहे वह उत्तर-प्रदेश की घटना हो , जिससे सारा देश शर्मसार हो गया ! चाहे जम्मू-कश्मीर हो, या हो विहार विधानसभा दिन प्रतिदिन इनकी मर्यादा गिरती जारही है ! चाहे विपक्ष हो या पक्ष सब इन मंदिरों का अपमान कर रहे हैं ! कुछ दिन पहले हमारे संसद भवन मैं तो नोटों की गद्दीयाँ तक पहुँच गयी ! और पता नहीं क्या क्या हो रहा हैं आज कल हमारे इन मंदिरों मैं ! पर कार्य के नाम पर सदन को सिर्फ स्थगित करना और कुछ नहीं आता ...................

आज देश का कोई भी विधानसभा भवन हो हर जगह आज होने बाली ओछी राजनीती का असर आप प्रतिदिन देख सकते हैं ! कुछ भ्रष्ट नेता, और विपक्ष जो कभी सरकार मैं था आज अपना और अपनी पार्टी का उल्लू सीधा करने के लिए कितनी ओछी हरकतें इन मंदिरों मैं करते हैं यह किसी से छुपा नहीं ! आज सारी मान-मर्यादाओं को परे रखकर कार्य कर रहे हैं ! एक दूसरे पर घटिया आरोप -प्रत्यारोप कर, कर रहे हैं शर्मशार इस मंदिर को !

एक दिन आएगा जब इस मंदिर मैं बैठने बाले कुछ भ्रष्ट, और देश के साथ धोखा करने बाले नेता इस मंदिर को भी बेच खायेंगे और हम और हमारा देश देखता रह जायेंगा ! इन मंदिरों की आज हालत देख रोना आता है ! और बस लगता है ...............आज मंदिरों मैं , चल रहे जूते चप्पल हैं .................................

धन्यवाद

4 comments:

  1. aji khair manaiye ki hamare desh k mandiro me to bas baat jute,chaapplo aur kursiyo tak hi hai...aapne dusre desho ka haal nahi dekha jahan sansad me sansadiyo ne ek dusre ki mucchho tak ko nocha gaya....

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  2. are Anamika ji wali baat pahli baar sun raha hoon.. aisa kahan hua hai search karna padega..
    achchha ahwahan laga ye bhi..

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  3. anamika ji ne sahi kaha hai
    videshon main is tarh ki ghatnayen abhi 2 din pahle akhbaron ki surkhiyon main tha

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