उनसे रिश्ता है कोई गहरा
पर क्या समझ नहीं आता है
पर उनकी एक नजर से
बड़ा सुकून मिल जाता है !
यूँ तो उस रिश्ते का कोई नाम नहीं होता है
पर बेनाम कहना भी अपमान हो जाता है !
स्वार्थ नहीं है उसमें कोई
बस नजर की बात है !
जो महसूस करता है
बस वही जानता है !
जिंदगी की थकान
उसी नजर का जादू मिटाता है
उस नजर के आगे
सारा जहान छोटा नजर आता है !
जैसे वो नजर
सदियों से है हमारी
और सदियों तक रहेगी
वो नजर
न कहने की बात है
न छुपाने की बात है
बस इस नजर की इतनी सी पहचान है
कि,
नजर नजर की बात है !
( प्रिये पत्नी गार्गी की कलम से )
धन्यवाद
पर क्या समझ नहीं आता है
पर उनकी एक नजर से
बड़ा सुकून मिल जाता है !
यूँ तो उस रिश्ते का कोई नाम नहीं होता है
पर बेनाम कहना भी अपमान हो जाता है !
स्वार्थ नहीं है उसमें कोई
बस नजर की बात है !
जो महसूस करता है
बस वही जानता है !
जिंदगी की थकान
उसी नजर का जादू मिटाता है
उस नजर के आगे
सारा जहान छोटा नजर आता है !
जैसे वो नजर
सदियों से है हमारी
और सदियों तक रहेगी
वो नजर
न कहने की बात है
न छुपाने की बात है
बस इस नजर की इतनी सी पहचान है
कि,
नजर नजर की बात है !
( प्रिये पत्नी गार्गी की कलम से )
धन्यवाद
संजय जी
ReplyDeleteनमस्कार !
न कहने की बात है
न छुपाने की बात है
बस इस नजर की इतनी सी पहचान है
कि,
.......नजर नजर की बात है !
गार्गी जी के कलम से निकली प्रशंसनीय रचना
सुंदर रचना के लिए बहुत बहुत बधाई आप दोनों को
gargijee ne bahut achcha likha hai.....
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteजिंदगी की थकान
ReplyDeleteउसी नजर का जादू मिटाता है
उस नजर के आगे
सारा जहान छोटा नजर आता है !
Behad sundar!
बेहतरीन और गहन अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteनजरों पर नजर डालने के लिए बहुत सुन्दर लेख |
ReplyDeleteहूँ....गार्गी जी को एक ब्लॉग क्यों नहीं बना देते ...?
ReplyDeleteउनका प्रेम और भी कई रूप में देखने को मिले हमें .....
bahut sunder likhti hai aapki patni.....gargiji ko badhai...
ReplyDeleteसुंदर भाव संयोजन बेहतरीन अभिव्यक्ति बधाई...
ReplyDeleteनजर की ही तो बात है ...सुन्दर है
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति!
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