Wednesday, March 17, 2010

गरीबों के मुंह पर एक और तमाचा

सरकार हमेशा से ही ये कहती आ रही है कि हम इस देश से गरीबी हटा देंगे ! सरकार के ये वादे कितने सही हैं और कितने झूंठे ये किसी से छुपा नहीं है ! आज जहाँ देखो हर जगह गरीबी और गरीबों का मजाक ही उड़ायाजाता है ! इसका ताजा उदाहरण उत्तर-प्रदेश सरकार का नोट कांड , जिस तरह नेताओं पर ये नोटों कि मालाएं चदायी जा रहीं हैं, वो देखकर तो भगवान भी अचम्भे मैं है, कि इस तरह तो ये इन्सान मेरा भी मान नहीं करता पर आज तो ये नेता वाकई मै इस कलियुग के भगवान बन गए हैं ! पर ये बेचारी जनता तो पहले ही गरीबी और भूंख कि आग मैं पहले ही मर रही थी, बची कुची इस तरह के आयोजन से और अपने आपको असहायसमझने लगी है !
जहाँ आज कि आम जनता अपनी वदहाली पर पहले ही आक्रोशित है , ये सब देखकर उसका गुस्सा और बढता ही जा रहा है, कि क्या वाकई मै ये इन्सान ही हैं जो कहते हैं कि इंसानियत अभी जिन्दा है, ऐसी भीड़ मैं ऐसे कई गरीब लोग थे जो गरीबी और भुखमरी से लड़ रहे हैं , जहाँ उत्तर प्रदेश मैं ही कई किसान कर्ज के बोझ से आये दिन खुदखुशी कर रहा है, पर उनकी चिंता ना हमारी सरकार को है और ना ही, उन लोगों को, जिन्होंने ये मालाएं चढाई थी, "काश" उस माला का एक-एक नोट भी अगर, वहां मौजूद जनता को मिल जाता तो शायद इस तरह के आयोजन को ये गरीब जनता द्वारा सराहा जाता ! पर ये तो आज कि गन्दी राजनीती है जो सिर्फ और सिर्फ आम जनता का ह्रास और उपहास कर रही है, और उनके गुस्से को ज्वालामुखी का रूप दे रही है, पता नहीं ये गरीब जनता का ज्वालामुखी कब फूटेगा और क्या क्या होगा, अगर ऐसा होता रहा तो सरकार का ये नारा जल्द ही पूरा होगा कि
इस देश से हम गरीबी हटा देंगे, माफ़ कीजिये गरीबों को हटा देंगे, न रहेगा गरीब और न रहेगी गरीबी तो कम से कम सारा देश एक समान हो जायेगा, फिर किसी बात कि चिंता नहीं हम खुद इस तरह के आयोजन करेंगे, फिर नहीं पड़ेगा गरीबी और गरीबों के मुंह पर तमाचा ..........................

जय हो आज के कलियुगी भगवान कि

धन्यवाद

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