Sunday, July 1, 2012

ये भूख कब मिटेगी ? .......>>> संजय कुमार

भूख किसी भी चीज के लिए हो सकती है ! यह जरूरी नहीं की इन्सान को भूख सिर्फ पेट  भरने के लिए लगती हो ! रोटी की खूख तो इन्सान कैसे न कैसे मिटा ही लेता है ! ( वैसे भी रोटी की भूख सिर्फ गरीब को है )  लेकिन एक भूख  ऐसी भी है  जिससे इन्सान का पेट कभी नहीं भरता , और वो है  सफलता पाने की भूख ! सफलता पाने की भूख  एक ऐसी भूख  है जो कभी खत्म नहीं होती बल्कि समय के साथ साथ और भी बढ़ती जाती है ! मैं तो ये कहता हूँ कि , ये  भूख  कभी खत्म होनी भी नहीं चाहिए ,  तब तक जब तक आप सफलता  हासिल ना कर लें ! भूख अच्छी है, अगर उसका उद्देश्य किसी अच्छे लक्ष्य को पाने के लिए है , अगर भूख  ऐसी हो जिसका लक्ष्य सफलता पाना हो, वो भी गलत तरीके से  तो वह बहुत बुरी है ! क्योंकि इस तरह की  भूख  का कोई अंत नहीं है और ना कभी होगा ! जैसे जैसे समय तेजी से आगे बढता जा रहा है ! जैसे जैसे आधुनिकता का चोला हम सब को अपनी गिरफ्त में  ले रहा है , ठीक उसी प्रकार सफलता पाने का लक्ष्य भी बदलता जा रहा है ! आज हम सब  सफलता पाने के लिए बहुत कुछ करते हैं , कुछ सही और कुछ गलत , अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं ! फिर भी सफलता मिलेगी या नहीं ,कुछ नहीं कह सकते ! खैर आम आदमी की भूख सीमित है और वक़्त के साथ मिट भी जाती है ! किन्तु हमारे यहाँ ऐसे कई लोग हैं जो जन्म-जन्मान्तर के भूखे हैं ! भूखों की श्रेणी में , मैं देश के नेताओं को पहले पायदान पर रखना चाहता हूँ ! आप सभी इस बात से पूरी तरह सहमत होंगे ! सच कहूँ , मैं तो अभी भी भूखा हूँ और जब तक सफलता हांसिल नहीं कर लेता ये भूख नहीं मिटेगी !

भूख  अगर अच्छे के लिए है तो अच्छा ............अगर गलत के लिए हो तो, बहुत बुरी ............................


धन्यवाद

5 comments:

  1. इच्छायें अतृप्त हैं, असीमित हैं, स्वयं ही रोकना होता है।

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  2. इक्छाओं की भूख अनंत है इसे रोकना पाना मुश्किल ही नही नामुमकिन है,,,,
    बहुत उम्दा प्रस्तुति......

    MY RECENT POST...:चाय....

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  3. सफलता की कोई परिभाषा और सीमा नहीं होती।

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  4. ाजित जी से सहमत हूँ किसी हद तक ही हर भूख अच्छी है।

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  5. आवश्यकता ही इन्सान की भूख मिटाती हें और बढाती हें ,
    सुन्दर लेख ......

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