भूख किसी भी चीज के लिए हो सकती है ! यह जरूरी नहीं की इन्सान को भूख सिर्फ पेट भरने के लिए लगती हो ! रोटी की खूख तो इन्सान कैसे न कैसे मिटा ही लेता है ! ( वैसे भी रोटी की भूख सिर्फ गरीब को है ) लेकिन एक भूख ऐसी भी है जिससे इन्सान का पेट कभी नहीं भरता , और वो है सफलता पाने की भूख ! सफलता पाने की भूख एक ऐसी भूख है जो कभी खत्म नहीं होती बल्कि समय के साथ साथ और भी बढ़ती जाती है ! मैं तो ये कहता हूँ कि , ये भूख कभी खत्म होनी भी नहीं चाहिए , तब तक जब तक आप सफलता हासिल ना कर लें ! भूख अच्छी है, अगर उसका उद्देश्य किसी अच्छे लक्ष्य को पाने के लिए है , अगर भूख ऐसी हो जिसका लक्ष्य सफलता पाना हो, वो भी गलत तरीके से तो वह बहुत बुरी है ! क्योंकि इस तरह की भूख का कोई अंत नहीं है और ना कभी होगा ! जैसे जैसे समय तेजी से आगे बढता जा रहा है ! जैसे जैसे आधुनिकता का चोला हम सब को अपनी गिरफ्त में ले रहा है , ठीक उसी प्रकार सफलता पाने का लक्ष्य भी बदलता जा रहा है ! आज हम सब सफलता पाने के लिए बहुत कुछ करते हैं , कुछ सही और कुछ गलत , अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं ! फिर भी सफलता मिलेगी या नहीं ,कुछ नहीं कह सकते ! खैर आम आदमी की भूख सीमित है और वक़्त के साथ मिट भी जाती है ! किन्तु हमारे यहाँ ऐसे कई लोग हैं जो जन्म-जन्मान्तर के भूखे हैं ! भूखों की श्रेणी में , मैं देश के नेताओं को पहले पायदान पर रखना चाहता हूँ ! आप सभी इस बात से पूरी तरह सहमत होंगे ! सच कहूँ , मैं तो अभी भी भूखा हूँ और जब तक सफलता हांसिल नहीं कर लेता ये भूख नहीं मिटेगी !
भूख अगर अच्छे के लिए है तो अच्छा ............अगर गलत के लिए हो तो, बहुत बुरी ............................
धन्यवाद
भूख अगर अच्छे के लिए है तो अच्छा ............अगर गलत के लिए हो तो, बहुत बुरी ............................
धन्यवाद
इच्छायें अतृप्त हैं, असीमित हैं, स्वयं ही रोकना होता है।
ReplyDeleteइक्छाओं की भूख अनंत है इसे रोकना पाना मुश्किल ही नही नामुमकिन है,,,,
ReplyDeleteबहुत उम्दा प्रस्तुति......
MY RECENT POST...:चाय....
सफलता की कोई परिभाषा और सीमा नहीं होती।
ReplyDeleteाजित जी से सहमत हूँ किसी हद तक ही हर भूख अच्छी है।
ReplyDeleteआवश्यकता ही इन्सान की भूख मिटाती हें और बढाती हें ,
ReplyDeleteसुन्दर लेख ......