Thursday, December 1, 2011

माँगना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है .....>>> संजय कुमार

माँगना भी कई तरह का होता है ! कोई सम्मान मांग रहा है तो कोई न्याय मांग रहा है ! कोई औलाद मांग रहा है तो कोई रोजगार मांग रहा है ! एक गरीब यदि मांगता है तो लगता है जैसे कोई भीख मांग रहा हो और यदि एक अमीर मांगे तो लगता है जैसे मदद मांग रहा हो ! देखा जाय तो एक हर एक इंसान अपने जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक सिर्फ मांगने का ही कार्य करता है ! जन्म के पहले माता-पिता भगवान से औलाद मांगते है, कोई बेटा मांगता है तो कोई बेटी मांगता है ! ( आज भी हमारे देश में अमीर हो या गरीब सबसे पहले बेटा ही मांगता है ) बच्चे का जन्म होने पर अस्पताल में नर्स मांगती है , घर आने पर हिजड़े मांगते हैं , दोस्त यार पार्टी मांगते हैं , भाई-बहन नेग मांगते हैं ! माता-पिता बच्चे के लिए अच्छी शिक्षा मांगते हैं , अच्छी नौकरी मांगते हैं , लड़की है तो अच्छा घर-वर मांगते हैं ! लड़का है तो दहेज़ मांगते हैं ! युवा भी अच्छा जीवनसाथी मांगते हैं अच्छी नौकरी मांगते हैं ! बुढ़ापे में माता-पिता अच्छी जिंदगी मांगते हैं ! वैसे देखा जाय तो ये मांगने का सिलसिला जीवन भर चलता रहता है ! देखा जाय तो ये प्रकृति का नियम ही है , आज जो हम मांग रहे हैं बही कल हमारे बच्चे मांगेंगे ! देश में सरकार समर्थन मांग रही है ! " अन्ना हजारे " लोकपाल बिल मांग रहे हैं ! कलमाड़ी - राजा रिहाई मांग रहे हैं ! चोर के पकडे जाने पर पुलिस मांगती है ! आम जनता " कसाब " की फांसी मांग रही है ! बेगुनाह इन्साफ मांग रहा है ! सचिन " महाशतक " मांग रहा है ! जनता सरकार से काले धन का हिसाब मांग रही है ! सबसे ज्यादा अगर कोई मांगता है तो वो है इस देश का नेता क्योंकि वो हार बात के लिए हाँथ फैलाता है और मांगने का धंधा करता है ! पहले टिकिट फिर वोट फिर चुनाव में जीत फ़िर कुर्सी उसके बाद राहत ने नाम पर मदद कभी " सूखा ग्रस्त " कभी " बाढ़ पीड़ित " के नाम पर सिर्फ अपनी झोलियाँ भरने का धंधा करता रहता है ! वहीँ दूसरी ओर पेट की भूख मिटाने के लिए कोई भीख मांग रहा है तो को तन बेच रहा है ! देश के धार्मिक महापुरुष साधू-संत अपनी तिजोरियां भरने के लिए आम जनता से चढ़ावा मांग रहे हैं , आम जनता भी अपनी सुख- शांति मांगने के लिए अपनी गाढ़ी कमाई लुटा रही है ! मांगने के भी हज़ार तरीके होते हैं , एक तरीके से ना सही तो दुसरे तरीके से मांग ही लेते हैं ! मांगने पर आज तक कितने लोगों की मनोकामना पूर्ण हुई हैं ये तो बही बता सकता है जिसकी मनोकामना पूर्ण हुई हों या मांगने पर सब कुछ मिल गया हो !
सच कहा जाय तो मांगने पर कभी कुछ नहीं मिलता बल्कि हमें उसके लिए प्रयत्न करना पड़ता है ! वर्ना हम अंग्रेजों के गुलाम ना होते , अंग्रेजों ने मांगने पर हमें आज़ादी दे दी होती ! आज़ादी के लिए हमें लड़ना पड़ा , वीरों को कुर्बानियां देनी पड़ी तब जाकर हम आज़ाद हुए ! सचिन भी " महाशतक " के लिए पिछले २२ साल से खेल रहा है ! जीवन में अगर कुछ पाना है हांसिल करना है , सफलता के ऊंचे पायदान पर पहुंचना है तो मांगकर कुछ नहीं होगा इसके लिए हमें अपने जीवन में कुछ सिद्धांत बनाना होंगे , जीवन के लक्ष्यों को निर्धारित करना होगा , उनको पाने के लिए ईमानदार होना होगा , जी तोड़ मेहनत करनी होगी ! अपने अधिकार के लिए लड़ना होगा, कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों का पालन करना होगा ! अब माँगना छोड़ दीजिये और लड़िये अपने हक की लड़ाई !

धन्यवाद

8 comments:

  1. हाँ हम स्वास्थ्य माँग रहे हैं। साथ मे साहस से बीमारी से लड भी रहे हसिं। बहुत अच्छा लगा आलेख। शुभकामनायें।

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  2. बहुत ही सही लिखा है आपने ..

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  3. जीवन में अगर कुछ पाना है हांसिल करना है , सफलता के ऊंचे पायदान पर पहुंचना है तो मांगकर कुछ नहीं होगा इसके लिए हमें अपने जीवन में कुछ सिद्धांत बनाना होंगे , जीवन के लक्ष्यों को निर्धारित करना होगा , उनको पाने के लिए ईमानदार होना होगा , जी तोड़ मेहनत करनी होगी ! अपने अधिकार के लिए लड़ना होगा, कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों का पालन करना होगा ! अब माँगना छोड़ दीजिये और लड़िये अपने हक की लड़ाई !
    Ekdam sahmat hun....bahut sashakt aalekh hai!

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  4. हमारी माँग है कि कोई माँग न करे।

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  5. मांगने पर काफी अच्‍छा विवेचन किया है। बस एक बात चूक गए कि ब्‍लाग पर लोग टिप्‍पणी मांगते हैं।

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  6. 'मांगने' का बहुत बढ़िया विश्लेषण-विवेचन किया है...आपने

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  7. माँग माँग माँग सभी मांगने में लगे रहते है

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