जोश और आवेश में अंतर तो बहुत नहीं हैं किन्तु इनके अर्थ अलग हो सकते हैं ! एक जोशीला युवक अपने समाज और देश की स्थिति में बदलाव ला सकता है ! किन्तु एक आवेशित युवक अपना और अपने समाज का सिर्फ अहित कर सकता है ! आवेश का एक रूप गुस्सा भी होता है ! जोश हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है ! जीवन में सफलता हांसिल करने के लिए हमारे अन्दर जोश का होना अत्यंत आवश्यक है ! जोश और आवेश हर इंसान के अन्दर होता है ! मैं यहाँ बात करना चाहता हूँ सिर्फ युवाओं की , उनके जोश और आवेश की ! किन्तु आज के युवाओं के अन्दर का जोश और आवेश दोनों ही उनके लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं ! उदाहरण के तौर पर आपको एक ताजा घटना से अवगत कराता हूँ , हालांकि इस तरह की घटनाएँ आज देश के हर छोटे -बड़े शहरों में प्रतिदिन हो रहीं हैं ! चार जोशीले युवक तेज गति से वाहन चलाने की शर्त लगाते हैं , वो भी रात में शहर के व्यस्त हाइवे पर ( सिर्फ जोश में ) रेस शुरू होती है और चंद मिनटों में सब कुछ खत्म ! एक वाईक पर सवार दो युवक सामने से आ रहे ट्रक से टकरा जाते हैं ! एक मौके पर ही दम तोड़ देता है और दूसरा अपना जीवन बचाने के लिए हॉस्पिटल में आज भी मौत से संघर्ष कर रहा है ! ये आवेश नहीं जोश था ! चार दोस्त किसी पार्टी में आपस में झगड़ते हैं और उन्हीं में से एक दोस्त आवेश में आकर वियर की बोतल फोड़कर एक के पेट में घुसेड देता है ये जोश नहीं आवेश था ! जिस जोश को हम प्रेरणादायक कहते हैं बही जोश आज हमसे हमारी खुशियाँ छीन रहा है , खुशियाँ मातम में बदल रहीं हैं ! आजादी के पूर्व युवाओं में जो जोश था वो सकारात्मक था ! " भगत सिंह " चंद्रशेखर आजाद " राम-प्रसाद बिस्मिल " सुभाष चन्द्र बोस " जैसे क्रांतिकारियों को हम जोशीले युवकों के रूप में जानते थे ! इन सभी के जोश ने भारत को आजादी दिलाई ! ये सभी जोश से भरपूर थे आवेश से नहीं ! किन्तु आज का युवा जोश में भी है और आवेश में भी ! बदलते परिवेश के साथ आज के युवाओं का जोश सकारात्मक कम नकारात्मक ज्यादा है ! आज युवाओं में जोश है तो उल्टी-सीधी शर्त लगाने का , मसलन वाईक - कार रेस , देर रात तक पार्टियाँ करने का जोश , शराब पीने का जोश , नशा करने का जोश , बिना बात लड़ने - झगड़ने का जोश , जोश में आकर सिर्फ गलत काम करने का जोश जिसके परिणाम कभी भी सकारात्मक नहीं होते ! देखा जाय तो देश में सकारात्मक जोश वाले युवाओं का अकाल है ! आज आवेशित युवा दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं !
युवाओं के जोश और आवेश के नकारात्मक परिणाम का फल या सजा आज उनके परिवार को भुगतनी पड़ रही है ! जब कभी कोई किसी दुर्घटना में मारा जाता है तो हम सबसे पहले जोश और आवेश को ही दोषी मानते हैं ! आज के युवाओं में धैर्य और सब्र नाम की चीज बिलकुल भी नहीं हैं ! आज हमारे देश का युवा नकारात्मक पहलुओं की ओर ज्यादा अग्रसर हो रहा है ! इसके कई कारण हो सकते हैं जरुरत से ज्यादा आजादी , माता-पिता द्वारा बच्चों की हर खवाहिश को बिना सोचे समझे पूरी करना , संस्कारों की कमी , नियंत्रण का अभाव , सही मार्ग-दर्शन का ना होना ! बहुत सी बातें हैं जो युवाओं के जोश का नकारात्मक पहलु हमारे सामने लाती हैं ! युवा इस देश का भविष्य हैं ! इस देश को जोशीले युवकों की आवश्यकता है , वो जोश जो देश की तस्वीर बदल दे , ना कि उनकी तस्वीर पर फूलों की माला ! युवाओं अभी भी समय है अपने जोश को सकारात्मक बनाओ ! परिवार की खुशियाँ मातम में ना बदलो !
धन्यवाद
प्रिय सर ,
ReplyDeleteआपने युवायो के जोश को लेकर जो तर्क दिए है हम उनसे बहुत सहमत है अत हम आपके इस सन्देश को अन्य लोगो में बाटने का प्रयास करेंगे और स्वयं भी अमल करेंगे .
प्रेषक- शंकर & राजू
प्रिय सर ,
ReplyDeleteआपने युवायो के जोश को लेकर जो तर्क दिए है हम उनसे बहुत सहमत है अत हम आपके इस सन्देश को अन्य लोगो में बाटने का प्रयास करेंगे और स्वयं भी अमल करेंगे .
प्रेषक- शंकर & राजू
फ़िर से एक बार सही विषय का चयन अच्छा लगा ...
ReplyDeleteयुवाओं अभी भी समय है अपने जोश को सकारात्मक बनाओ ! परिवार की खुशियाँ मातम में ना बदलो !
ReplyDeleteYuva warg ke liye behtareen sandesh hai,avaahan hai!
सच कहा आपने, जोश में होश नहीं खोना चाहिये हम सबको।
ReplyDeleteजोश और आवेश का अंतर समझाने का सार्थक प्रयास
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति| धन्यवाद|
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