किसी भी इन्सान के जीवन में एक दोस्त की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं ! सच्चा दोस्त वह होता है जो इन्सान के किसी भी रिश्ते पर भारी पड़ सकता है ! माता-पिता का रिश्ता हो या भाई-बहन का रिश्ता , या फिर पति-पत्नि का रिश्ता हो ! कई बार यह देखा गया है कि, एक सच्चे दोस्त को इन सब रिश्तों में कहीं ज्यादा मान सम्मान दिया गया है ! इसलिए इस रिश्ते को सबसे बड़ा माना जाता है ! यह जरूरी नहीं कि, दोस्त कोई आपके घर से बाहर का हो ! वह दोस्त आपके परिवार का कोई सदस्य भी हो सकता है ! जैसे एक माँ अपने बच्चे की सबसे अच्छी दोस्त होती है जो उसका हमेशा ध्यान रखती है , उसको गलत राह पर जाने से रोकती है, अच्छे संस्कारों का बीज रोपित करती है , अच्छे बुरे का ज्ञान कराती है , हर वक़्त उसका ध्यान रखती है ! और बच्चा भी माँ को एक दोस्त के रूप में लेता हैं और अपनी सारी परेशानी और समस्याएं अपनी माँ के साथ बांटता है ! और यह दोस्ती का रिश्ता माँ-बेटे के रिश्ते से कहीं बड़ा होता है ! अगर बचपन में माँ बेटे का रिश्ता एक दोस्त के रूप में बनता है तो यह रिश्ता जीवन भर चलता है ! बच्चा बड़ा होकर भी अपनी बहुत सारी बातें माँ के सामने रखता है और माँ भी उसे सही राह बताती है ! एक पिता भी अपने बच्चे का अच्छा दोस्त होता है वह अपने बच्चे को बाहर की दुनिया के बारे में बताता हैं ! वह बताता है बाहर की दुनिया का सच और करता हैं उसकी रक्षा उन सभी बुराइयों से जो उसके बच्चे के लिए हानिकारक हैं ! परिवार के सदस्यों के अलावा बाहर की दुनिया में भी इंसान के पास एक अच्छा दोस्त होना बहुत आवश्यक होता है ! आज इन्सान का जीवन एक दोस्त के बिना अधूरा है ! आज जिस तरह का वातावरण हमारे आस-पास निर्मित हैं , जहाँ एक-दूसरे पर विश्वास करना बड़ा मुश्किल हैं, जहाँ कोई किसी को कभी भी धोखा दे सकता है , अपना बन पीठ में छुरा घोंप सकता हो , ऐसे लोग फिर चाहे हमारे अपने सगी सम्बन्धी ही क्यों ना हों ! ऐसे जटिल समय में हम सभी को एक सच्चे दोस्त की आवश्यकता होती है जो किसी भी हालात और परिस्थियों में हमारी मदद करने को तैयार रहता है ! हमें गलत राह पर जाने से रोकता है ! सच्चा दोस्त बही होता है जो बिना किसी मतलब के अपनी दोस्ती को निभाता है ! आज जिन लोगों के पास कोई सच्चा मित्र नहीं हैं वह इन्सान इस भीड़ भरी दुनिया का सबसे अकेला प्राणी हैं और उसके लिए दुनिया की कोई भी ख़ुशी बिना दोस्त के अधूरी हैं ! आज हम अपने जीवन में ऐसी कल्पना भी नहीं कर सकते जिसमें हमारा कोई मित्र ना हो ! जिस तरह शुद्ध वायु इन्सान के जीवन के लिए अमृत है ठीक उसी प्रकार एक सच्चा मित्र भी किसी जीवनदायक अमृत से कम नहीं है ! एक सच्चा मित्र अपनी सूझ-बूझ से हर वक़्त हमें गलत राह पर जाने से रोकता है, मुसीबत के समय ढाल बनकर हमारी रक्षा करता हैं ! आपके जीवन में अगर अच्छा दोस्त नहीं तो कुछ भी नहीं है ! हम सभी ने दोस्ती और मित्रता के सेकड़ों किस्से और कहानियां सुनी हैं ! " राम-सुग्रीव " की मित्रता " कृष्ण -सुदामा " की मित्रता , जिसमे मित्रता के लिए सच्चे समर्पण को देखा गया है ! जहाँ उंच-नीच, जात-पात, छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब, राजा-रंक जैसी छोटी सोच का कोई स्थान नहीं था ! किन्तु जैसे -जैसे कलियुग की शुरुआत हुई , इन्सान के दिलों में नफरत की भावना ने जन्म लिया, बुराइयाँ अपने चरम पर पहुंची , जहाँ मित्र की पहचान अपने बराबर के लोगों में की गयी , उंच-नीच का भाव दिलों में भरा गया , जब से हम अमीर-गरीब का फर्क देखने लगे तब से मित्रता का सच्चा स्वरुप कहीं खो गया या पूरी तरह बदल गया ! वर्तमान परिवेश में लगता है सच्ची मित्रता कहीं खो गयी हो , इसके पीछे हम इन्सान ही हैं जो शायद सही मित्र की पहचान नहीं कर पाते , यदि करते भी हैं तो सच्ची मित्रता निभा नहीं पाते और जिसका खामियाजा भी हम लोगों को ही उठाना पढ़ता है ! आज ऐसे कई लोग हैं जो सही मित्र और मार्गदर्शक ना मिल पाने के कारण अपनी सही राह से भटक गए हैं और बुराई के उस मुकाम तक पहुँच गए जहाँ कोई भी आम इन्सान जाना नहीं चाहता ! क्योंकि एक सच्चा मित्र हमारा बहुत बड़ा शुभचिंतक और मार्गदर्शक होता है ! एक इंसान के जीवन के साथ कई लोग जुड़े होते हैं वो मित्र, शत्रु कोई भी हो सकता है ! किन्तु मैं आपको इंसान के उन अभिन्न मित्रों के बारे में बता रहा हूँ जो सिर्फ इंसान के सच्चे मित्र होते हैं जो हर स्थिती परिस्थिति में सिर्फ इंसान का भला ही करते हैं किन्तु इंसान उनके साथ कभी भी सच्ची मित्रता नहीं निभाता इसलिए मजबूर होकर ये आज इंसान से बदला ले रहे हैं ! जी हाँ हम बात कर रहे हैं हमारे सच्चे दोस्त की जी हाँ हमारे सच्चे दोस्त हैं " प्रक्रति और पर्यावरण " जो सिर्फ हम इंसानों और इस पूरी कायनात की भलाई के लिए बने हैं , जो हर वक़्त हमारा भला करते हैं ! पेड़ - पौधे , नदियाँ , तालाब , पर्वत , घने जंगल - वन और सभी प्राकृतिक चीजें जो लाखों -करोड़ों बर्षों से एक सच्चे मित्र के रूप में हमारी सहायता कर रहे हैं ! किन्तु हम आज भी सच्ची मित्रता में बहुत पीछे हैं ! अगर हम इनकी मित्रता का १०% भी बापस करदें तो शायद हम सच्चे मित्र कहलायेंगे !
क्या आप सच्ची मित्रता निभाएंगे ?
क्या आप सच्ची मित्रता का मोल चुकायेंगे ? यदि हाँ तो आप कहलायेंगे सच्चे मित्र ! आगे बढ़िये और निभाइए सच्ची मित्रता का फर्ज
आप सभी को मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं
( Happy-Friend-Ship Day )
धन्यवाद
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति आज के तेताला का आकर्षण बनी है
तेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
अवगत कराइयेगा ।
http://tetalaa.blogspot.com/
मित्र दिवस की शुभकामनायें।
ReplyDeleteमित्रता दिवस की शुभकामनाये.
ReplyDeleteमित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये
ReplyDeleteमित्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ.....
ReplyDeleteमित्रता हो तो कृष्ण-सुदामा जैसी !
मित्र दिवस की शुभकामनायें।
ReplyDeleteमित्रता पर बहुत सुन्दर आलेख...
ReplyDeleteसुन्दर वैचारिक प्रस्तुतिकरण...
ReplyDeleteआपको भी मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं....
bhavpurn prastuti
ReplyDeleteaapko is din ki subhkamnayen
rachana
आपको भी मित्रता दिवस की बहुत - बहुत बधाई दोस्त जी :)
ReplyDeleteकिन्तु हम आज भी सच्ची मित्रता में बहुत पीछे हैं ! अगर हम इनकी मित्रता का १०% भी बापस करदें तो शायद हम सच्चे मित्र कहलायेंगे !
ReplyDeletesahi kaha aapne...bahut badhiya...
मित्र को चुनते समय कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. हर व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए समय वृधा करना बेवकूफी होगी. आप ने सही कहा है आज कल के दौर मैं बाहर वालों से मित्रता करना खतरा मोल लेना है... इसलिए अपने माँ बाप को ही मित्र बनाना अकलमंदी का काम होगा.
ReplyDeleteआपको भी मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...
ReplyDeleteरक्षाबंधन एवं स्वाधीनता दिवस के पावन पर्वों की हार्दिक मंगल कामनाएं.
ReplyDeleteSwatantrata Diwas kee dheron shubh kamnayen!
ReplyDeleteबहुत अच्छा प्रेरणा देता विचारनीय मनान्य्ग्य आलेख शुभकामानाएं
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत प्रसंग पर आज आपने ये बढ़िया और सार्थक लेख लिखा है संजय जी , आभार और हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteजी, सच्ची दोस्ती मेरे शब्दों में निःस्वार्थ और निश्छल प्रेम बगैर प्रतिस्पर्धा और द्वेष के।
बेखटक उसके अच्छे बुरे, गुण दोष के बारे में सलाह और प्रोत्साहन दे।
कभी उसे निचा दिखाने और अपमानित करने की न सोंचे।
मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई आपको !