Sunday, September 5, 2010

अब रंग भी हुए बदनाम ....( १००बी पोस्ट ) >>. संजय कुमार

कहा जाता है हर रंग की अपनी एक पहचान होती है उनका अपना एक महत्व होता है ! जैसे सफ़ेद रंग शांति का प्रतीक, हरा रंग बिखेरता हरियाली, पीला रंग खुशहाली, लाल रंग देता उमंग, गुलाबी बिखेरे गुलाबी छटा और नीला बिखेरे आसमानी घटा ! यह सभी रंग इन्सान के जीवन से जुड़े होते हैं ! इन्सान की जिंदगी में रंग बहुत मायने रखते हैं ! बात करते हैं ऐसे रंग की जो इन सभी रंगों से जुदा है ! यह रंग अगर किसी रंग में मिल जाए तो वह रंग अपनी पहचान खो देता है, किन्तु उस पर कोई और रंग अपना असर नहीं छोड़ पाता ! यह रंग है काला रंग ! काले रंग को हम सब विरोध का रंग, के रूप में जानते हैं ! जब भी कोई इन्सान किसी चीज का विरोध करता है तो इसी रंग के साए में ! इन्सान ने ना जाने कितनी बड़ी बड़ी समस्यायों में इसी रंग का प्रयोग कर इन समस्याओं का समाधान किया ! इसलिए इस रंग का अपना एक विशेष महत्व है ! किन्तु इन्सान ने इन रंगों को भी नहीं छोड़ा ! इन रंगों को भी बदनाम कर दिया ! काले रंग को मनहूस रंग की उपाधि भी दे डाली ! इसे बुराई का रंग, नाम दे डाला ! आज इस रंग के साए में लोग बुरे काम करने से भी नहीं चूकते ! अभी कुछ दिनों पहले की बात है ! एक ५० वर्षीया बुजुर्ग ने एक राह चलती लड़की का अपहरण कर अपनी गाड़ी में उसका बलात्कार कर डाला ! इस घटना को कोई इसलिए नहीं रोक पाया क्योंकि जिस गाड़ी में यह सब हुआ उस गाड़ी पर काले रंग के शीशे चढ़े हुए थे ! यहाँ भी काले रंग को बदनाम कर दिया ! अगर किसी गरीब के घर आज कोई लड़की जन्म लेती है तो आज बह उसके लिए एक अभिशाप है ! उस पर यदि उस लड़की का रंग काला हो तो " कोढ़ में खाज " बाली कहावत चरितार्थ होती है ! उस लड़की के साथ उसके काले रंग को जीवन भर कोसा जाता है ! यह बिडम्बना है इस काले रंग की ! शायद काले रंग को बदनाम करने के पीछे हम इन्सान ही हैं ! एक बार राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को भी एक अंग्रेज ने " Black-Indian " कहकर संबोधित किया था ! और ट्रेन से बाहर कर दिया था ! दक्षिण अफ्रीका में काले गोरे की रंगभेद नीति को खत्म करने के लिए " नेल्सन मंडेला " को वर्षो संघर्ष करना पड़ा और वर्षों अपना जीवन जेल की चारदीवारी में गुजारना पड़ा ! और कड़े संघर्ष के बाद उन्होंने सफलता हांसिल की और एक दिन दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के पद तक पहुंचे ! अगर काले रंग को इतनी बुरी नजर से ना देखा जाता तो !

जिस तरह किसी सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी तरह इस रंग के भी दो पहलु हैं ! जहाँ इस रंग में इतनी बुराई हैं वहीँ कुछ अच्छाई भी है ! आसमान में काले रंग के बादल देख किसानों के चेहरे खिलना, यह काले रंग के बादल किसानों के लिए सुख समृधि लाते हैं ! हिन्दू धर्म में काले रंग को बुरी नजर से बचाने बाला रंग भी माना जाता है ! जहाँ लोग अपने घरों पर काले रंग की चप्पल और ना जाने कितनी तरह की चीजें टांगते हैं वहीँ महिलाएं अपने बच्चों को बुरी नजर से बचाने ले लिए काले रंग का टीका लगाती हैं ! काला रंग कभी फक्र महसूस करता है तो कभी शर्मिंदगी ! सभी रंगों को हम इंसानों ने ही परिभाषित किया है ! उनकी अच्छे बुरे की पहचान हमने ही दी है ! उन्हें नाम और बदनाम हमने ही किया है !

क्या मायने रखता है काला रंग आपके लिए ?

धन्यवाद

10 comments:

  1. देखते ही देखते १०० पोस्ट हो गयीं.. वाह बहुत शानदार.. बधाई हो बधाई संजय जी.. ऐसे ही निरंतर विषय उठाते रहिये..

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  2. 100वीं पोस्ट पर शानदार प्रस्तुति के लिये बधाई जल्दी ही 1000वीं पोस्ट देखने की चाह है। आशीर्वाद।

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  3. सटीक विश्लेषण,बेहतरीन रचना,
    अच्छी प्रस्तुति.बधाई ....

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  4. satik post...100vi post ki badhaai.

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  5. आप सभी वरिष्ठजनों के प्रेम, स्नेह एवं आशीर्वाद से मैं यहाँ तक पहुंचा, और आप सभी ने मुझे सराहा
    आप सभी का मैं तहेदिल से धन्यवाद करता हूँ ! भविष्य में और अच्छा लिखने की कोशिश करूंगा

    आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद

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  6. आपकी बात सौ प्रतिशत सही है. ईश्वर ने एक धरती बनाई इंसान ने उसे देश, भाषा, क्षेत्र के हिसाब से बाँट दिया. ईश्वर ने इंसान बनाया और इंसान ने ही उसे नस्ल, धर्म, जाती, रंग में बाँट दिया......

    100वीं पोस्ट पर के लिये बहुत-बहुत बधाई!

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  7. 100वीं पोस्ट पर के लिये बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.

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  8. ब्लॉग जगत में अपने शतक के लिए आपको शुभकामनाएं

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  9. ye rangdari yakinn sochne par majboor karti hai..!

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