आज आप सभी को अलविदा कहते हुए मुझे बड़ा ही दुःख हो रहा है ! डरिये मत मैं जीवन को अलविदा नहीं कह रहा हूँ बल्कि ब्लॉग लेखन को अलविदा कह रहा हूँ क्योंकि अब ये मेरी मजबूरी है जैसे देश में घोटाले करना सरकार की मजबूरी है ठीक वैसे ही मेरी भी है ! पिछले तीन सालों से मैं अपने ब्लॉग पर अपनी ढेर सारी पोस्टें आपको जबरदस्ती पढ़वाता रहा ,यहाँ भी मेरी मजबूरी थी ! सोचा आप सभी का मनोरंजन होगा ! मनोरंजन हुआ या नहीं मेरी तो समझ में ही नहीं आया .... मैं क्या करता मैं तो छोटा -मोटा ब्लॉगर हूँ कोई राईटर तो हूँ नहीं जो सबकी पसंद का लिख सकूँ , और ऐसा लिख सकूँ जो आप सभी को पसंद भी आये ! फिर भी मुझे तो जो आता गाया सो सो मैं लिखता गया ! आप सभी ने मेरी ३१० पोस्टों को झेला ये मेरे लिए फक्र की बात है ! आप सभी ने भी बड़ी ही वीरता दिखाई और दिलेरी से मेरी पोस्टों को पढ़ा और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देकर मेरा उत्साहवर्धन किया जिसका मैं सदा आभारी रहूँगा ! सोचता हूँ मेरे लिखने का आखिर मुझे क्या फायदा हुआ , ना तो मैंने आज तक कोई अवार्ड जीता है और ना ही कोई पुरुष्कार , ले -दे कर दो चार पत्रिकाओं में कुछ पोस्टें छप गयी और कुछ समाचार पत्रों में .... इससे आखिर होता क्या है ....? सच तो ये हैं कि अब लिखने का मन नहीं होता , कारण तो बहुत हैं फिर भी सबसे बड़ा कारण तो समय है जो मेरे पास अब बिलकुल भी नहीं हैं ! अपने कार्यक्षेत्र में बढती जिम्मेदारियों के कारण लेखन के लिए समय का ना निकाल पाना ! जब आप किसी काम के लिए समय नहीं निकाल पाते तो उससे जुड़े होने का कोई मतलब नहीं है ! मेरा ऐसा मानना है कि , हमें ऐसे काम से अलविदा ही कह देना चाहिए ! अब मैं जब भी सिस्टम पर बैठता हूँ तो मेरा मन ब्लॉग खोलने और उस पर कुछ लिखने का बिलकुल भी नहीं करता बल्कि मैं जब " फेसबुक " खोलता हूँ तो उससे दूर जाने का मन नहीं करता ....अब जिससे दूर रहा ना जाय तो उसके बारे में सोचना तो पड़ेगा ही ! एक बात सच बोलूं मुझे ऐसा लगता है कि , अब ब्लॉग पढ़ने वालों की संख्या बहुत कम हो गयी है ! जब से " फेसबुक " आया है तब से ब्लॉग तो " दूरदर्शन " के जैसा हो गया है ......... फेसबुक , ट्विटर, की दुनिया बड़ी ही रंग - रंगीली है और ब्लॉग की दुनिया वही .... शेरो - शायरी , साहित्यिक रचनायें , कवितायेँ , गीत ग़ज़ल और क्या ....... इसके विपरीत फेसबुक पर ...... रंग-बिरंगी तस्वीरें , वाद- विवाद भरी बातें , अपनी सोती-जागती तस्वीरों पर हर किसी की वाह - वाही लूटना , एक दुसरे से चैट पर बातें करना ....... इत्यादि
अब भई चमक - दमक की दुनिया तो हर किसी को भाति है ...... आज मुझे भी भा रही है !
आखिर क्या रखा है ब्लॉग में ...... अब मैं भी औरों की तरह फेसबुक पर हाँथ आजमाना चाहता हूँ ! इसलिए तो अब ब्लॉग को अलविदा और ..... फेसबुक ,ट्विटर का तहे दिल से स्वागत कर रहा हूँ !
हालांकि ब्लॉग ने मुझे तीन सालों में ढेर सारे अच्छे मित्र भी दिए हैं .. लेकिन फेसबुक पर तो मैं २-४ हज़ार मित्र तो बना ही लूँगा ! अब नए मित्रों की तलाश में .... ब्लॉग को अलविदा ......
अरे भई मैं ये क्या मुर्खता कर गया ....... जिस ब्लॉग ने मेरी पहचान बनाई है मैंने उसे ही अलविदा कह दिया ! क्या करूँ अपनी तो आदत है ! अब एक बार जो मैंने कमेटमेंट कर दिया तो फिर मैं अपने आप की भी नहीं सुनता ......... फिर चाहे वो फर्स्ट मार्च हो या फर्स्ट अप्रैल फूल ! अलविदा तो अलविदा
धन्यवाद
( मुर्खता दिवस की शुभकामनयें )
अब भई चमक - दमक की दुनिया तो हर किसी को भाति है ...... आज मुझे भी भा रही है !
आखिर क्या रखा है ब्लॉग में ...... अब मैं भी औरों की तरह फेसबुक पर हाँथ आजमाना चाहता हूँ ! इसलिए तो अब ब्लॉग को अलविदा और ..... फेसबुक ,ट्विटर का तहे दिल से स्वागत कर रहा हूँ !
हालांकि ब्लॉग ने मुझे तीन सालों में ढेर सारे अच्छे मित्र भी दिए हैं .. लेकिन फेसबुक पर तो मैं २-४ हज़ार मित्र तो बना ही लूँगा ! अब नए मित्रों की तलाश में .... ब्लॉग को अलविदा ......
अरे भई मैं ये क्या मुर्खता कर गया ....... जिस ब्लॉग ने मेरी पहचान बनाई है मैंने उसे ही अलविदा कह दिया ! क्या करूँ अपनी तो आदत है ! अब एक बार जो मैंने कमेटमेंट कर दिया तो फिर मैं अपने आप की भी नहीं सुनता ......... फिर चाहे वो फर्स्ट मार्च हो या फर्स्ट अप्रैल फूल ! अलविदा तो अलविदा
धन्यवाद
( मुर्खता दिवस की शुभकामनयें )
मुझे भी चौका दिया, थोड़ी उदासी तो घर कर ही गयी थी फिर आपकी मजबूरियों को पढ़ कर बहुत जायज और सच्ची भी लग रही थी! और मै बड़ा सीधा सोंचने वाला हूँ, और इसीलिए मात खा गया! पर शुभकामनाएं !!!
ReplyDeleteअगली पोस्ट आई तो मानहानि का दावा ठोक देंगे ... कहे देते है हाँ !
ReplyDeleteवैसे अगली पोस्ट कब आएगी आपकी !?
Ji, shivam ji,
DeleteMujhe sare dave sweekar hain
जाइए आप कहां जायेगे,ब्लॉग नही तो फेस में टकराएगें,,,,
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मुर्खता दिवस की शुभकामनयें :)
ReplyDeleteमुर्खता दिवस की शुभकामनयें :)
ReplyDeleteअजी छोडिये... यह वोह जगह है जहाँ केवल आने का रास्ता है!
ReplyDeleteमुर्खता दिवस की शुभकामनयें :)
ReplyDeletelatest post कोल्हू के बैल
latest post धर्म क्या है ?
आपको भी शुभकानाये..
ReplyDeleteकहाँ जायेंगे बच कर....जहाँ जायेंगे दोस्तों को पायेंगे..
ReplyDelete:-)
अनु
Aap sabhi pyare doston ko chhod kar ab kahan jayenge
Deleteअलविदा संजय ...
ReplyDeleteकल मिलेंगे !