आज " शहीद दिवस " पर मैं सभी शहीद क्रांतिकारियों और उनके जोशीले व्यक्तित्व को शत शत नमन करता हूँ ! आज की युवा पीढ़ी के लिए हमारे ये वीर शहीद एक मिशाल हैं ... जो जज्बा देश पर मर - मिटने के लिए इनके पास था , आज उसी जज्बे की जरुरत इस देश को आज के युवाओं से है ! किन्तु आज का युवा जोश में कम अपितु आवेश में अधिक रहता है ! जोश और आवेश में अंतर तो बहुत नहीं हैं किन्तु इनके अर्थ हमारे लिए अलग अलग हो सकते हैं ! एक जोशीला युवक अपने समाज और देश की स्थिति में बदलाव ला सकता है उनको सुधर सकता है ! किन्तु एक आवेशित युवक अपना और अपने समाज का सिर्फ अहित ही कर सकता है क्योकि आवेश का एक रूप गुस्सा भी होता है और गुस्से में किये गए काम का फल कभी सकारात्मक नहीं होता ! जोश हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है ! जीवन में सफलता हांसिल करने के लिए हमारे अन्दर जोश का होना अत्यंत आवश्यक है ! जोश और आवेश हर इंसान के अन्दर होता है ! मैं यहाँ बात करना चाहता हूँ सिर्फ सिर्फ आज के युवाओं की , उनके जोश और आवेश की ! किन्तु आज के युवाओं के अन्दर का जोश और आवेश दोनों ही उनके वर्तमान और भविष्य लिए उनके परिवार के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं ! उदाहरण के तौर पर आपको एक पुरानी घटना से अवगत कराता हूँ , हालांकि इस तरह की घटनाएँ आज देश के हर छोटे -बड़े शहरों में आये दिन होती रहती हैं ! चार जोशीले युवक तेज गति से वाहन चलाने की शर्त लगाते हैं , वो भी रात के समय शहर के व्यस्त हाइवे पर ( सिर्फ जोश में या यूँ कहें आवेश में ) रेस शुरू होती है और चंद मिनटों में सब कुछ खत्म ! एक वाईक पर सवार दो युवक सामने से तेज गति से आ रहे ट्रक से टकरा जाते हैं और एक मौके पर ही दम तोड़ देता है और दूसरा बुरी तरह घायल होकर अपना जीवन बचाने के लिए हॉस्पिटल में मौत से संघर्ष करता है , वो बच जाता है किन्तु महीनों बिस्तर पर पड़े रहने के बाद , क्या ये आवेश था या जोश इसे हम जोश कहेंगे किन्तु परिणाम नकारात्मक ! एक और उदाहरण ..... चार दोस्त किसी पार्टी में आपस में झगड़ते हैं और उन्हीं में से एक दोस्त आवेश में आकर वियर की बोतल फोड़कर एक के पेट में घुसेड देता है इसे हम जोश नहीं आवेश कहेंगे यहाँ भी परिणाम नकारात्मक ! जिस जोश को हम प्रेरणादायक कहते हैं बही जोश आज हमसे हमारी खुशियाँ छीन रहा है हमारी खुशियाँ मातम में बदल रहीं हैं !
आजादी के पूर्व युवाओं में जो जोश होता था और उसके जो परिणाम आते थे वो सकारात्मक होते थे ! " भगत सिंह " चंद्रशेखर आजाद " राम-प्रसाद बिस्मिल " सुभाष चन्द्र बोस " जैसे क्रांतिकारियों को हम जोशीले युवकों के रूप में जानते हैं ! इन सभी के जोश ने भारत को आजादी दिलाई ! ये सभी जोश से भरपूर थे आवेश से नहीं ! किन्तु आज का युवा जोश में भी है और आवेश में भी ! बदलते परिवेश के साथ आज के युवाओं का जोश सकारात्मक कम नकारात्मक ज्यादा है ! आज युवाओं में जोश है तो उल्टी-सीधी शर्त लगाने का , मसलन वाईक - कार रेस , देर रात तक पार्टियाँ करने का जोश , शराब पीने का जोश , नशा करने का जोश , बिना बात लड़ने - झगड़ने का जोश , जोश में आकर सिर्फ गलत काम करने का जोश जिसके परिणाम कभी भी सकारात्मक नहीं होते ! देखा जाय तो देश में सकारात्मक जोश वाले युवाओं का अकाल है ! आज आवेशित युवा दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं ! युवाओं के जोश और आवेश के नकारात्मक परिणाम का फल या सजा आज उनके परिवार को भुगतनी पड़ रही है ! जब कभी कोई किसी दुर्घटना में मारा जाता है तो हम सबसे पहले जोश और आवेश को ही दोषी मानते हैं ! आज के युवाओं में धैर्य और सब्र नाम की चीज बिलकुल भी नहीं हैं ! आज हमारे देश का युवा नकारात्मक पहलुओं की ओर ज्यादा तेजी से अग्रसर हो रहा है और इसके कई कारण हो सकते हैं जरुरत से ज्यादा आजादी , माता-पिता द्वारा बच्चों की हर खवाहिश को बिना सोचे समझे पूरी करना , संस्कारों की कमी , नियंत्रण का अभाव , सही मार्ग-दर्शन का ना होना ! बहुत सी बातें हैं जो युवाओं के जोश का नकारात्मक पहलु हमारे सामने लाती हैं ! युवा इस देश का भविष्य हैं ! इस देश को जोशीले युवकों की आवश्यकता है , वो जोश जो देश की तस्वीर बदल दे , ना कि उनकी तस्वीर पर फूलों की माला !
युवाओं अभी भी समय है अपने जोश को सकारात्मक बनाओ ! हमारे देश के वीर शहीदों को अपना आदर्श बनायें ना की किन्हीं फ़िल्मी हस्तियों को ......
शहीदों को नमन ...... उनके जोश और जज्बे को सलाम
धन्यवाद
आजादी के पूर्व युवाओं में जो जोश होता था और उसके जो परिणाम आते थे वो सकारात्मक होते थे ! " भगत सिंह " चंद्रशेखर आजाद " राम-प्रसाद बिस्मिल " सुभाष चन्द्र बोस " जैसे क्रांतिकारियों को हम जोशीले युवकों के रूप में जानते हैं ! इन सभी के जोश ने भारत को आजादी दिलाई ! ये सभी जोश से भरपूर थे आवेश से नहीं ! किन्तु आज का युवा जोश में भी है और आवेश में भी ! बदलते परिवेश के साथ आज के युवाओं का जोश सकारात्मक कम नकारात्मक ज्यादा है ! आज युवाओं में जोश है तो उल्टी-सीधी शर्त लगाने का , मसलन वाईक - कार रेस , देर रात तक पार्टियाँ करने का जोश , शराब पीने का जोश , नशा करने का जोश , बिना बात लड़ने - झगड़ने का जोश , जोश में आकर सिर्फ गलत काम करने का जोश जिसके परिणाम कभी भी सकारात्मक नहीं होते ! देखा जाय तो देश में सकारात्मक जोश वाले युवाओं का अकाल है ! आज आवेशित युवा दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं ! युवाओं के जोश और आवेश के नकारात्मक परिणाम का फल या सजा आज उनके परिवार को भुगतनी पड़ रही है ! जब कभी कोई किसी दुर्घटना में मारा जाता है तो हम सबसे पहले जोश और आवेश को ही दोषी मानते हैं ! आज के युवाओं में धैर्य और सब्र नाम की चीज बिलकुल भी नहीं हैं ! आज हमारे देश का युवा नकारात्मक पहलुओं की ओर ज्यादा तेजी से अग्रसर हो रहा है और इसके कई कारण हो सकते हैं जरुरत से ज्यादा आजादी , माता-पिता द्वारा बच्चों की हर खवाहिश को बिना सोचे समझे पूरी करना , संस्कारों की कमी , नियंत्रण का अभाव , सही मार्ग-दर्शन का ना होना ! बहुत सी बातें हैं जो युवाओं के जोश का नकारात्मक पहलु हमारे सामने लाती हैं ! युवा इस देश का भविष्य हैं ! इस देश को जोशीले युवकों की आवश्यकता है , वो जोश जो देश की तस्वीर बदल दे , ना कि उनकी तस्वीर पर फूलों की माला !
युवाओं अभी भी समय है अपने जोश को सकारात्मक बनाओ ! हमारे देश के वीर शहीदों को अपना आदर्श बनायें ना की किन्हीं फ़िल्मी हस्तियों को ......
शहीदों को नमन ...... उनके जोश और जज्बे को सलाम
धन्यवाद
नमन वीर शहीदों को।
ReplyDeleteसभी अमर शहीदों को प्रणाम!
ReplyDeleteबहुत सकारात्मक लेखनी और सच्ची तस्वीर है आज के ऊँचे दर्जे के स्कूलों में पढ़ें वाले उचे घरों के नौजवानों की जो ज़िन्दगी का मतलब न जानते हैं और न समझना चाहते हैं!वो दौर ही कुछ और था जब अपने देश के खातिर अपनी ज़िन्दगी हँसते हँसते गँवा देते थे पर आज के नवयुवक समाज और देश के बारे में बात भी नहीं करना पसंद करते!
ReplyDeleteबहुत शुभकामनाएं संजय जी बहुत सुन्दर विषय और उम्दा विचार!
विनम्र नमन
ReplyDeleteवीर अमर शहीदों को शत शत नमन.
ReplyDeleteशत शत नमन
ReplyDeletelatest post भक्तों की अभिलाषा
latest postअनुभूति : सद्वुद्धि और सद्भावना का प्रसार
देश के अमर शहीदों को विनम्र शत शत नमन,,,,,,
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें!
Recent post: रंगों के दोहे ,
नमन अमर शहीदों को ...
ReplyDeleteअमर शहीदों को शत -शत नमन....
ReplyDeleteशहीदों ने हमें अपने ऊपर गर्व करने का कारण दिया है..
ReplyDeleteशहीदों को नमन।
ReplyDelete
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
अमर शहीदों को शत शत नमन
ReplyDeleteKafi achchha lekh, aaj bhi pichhle saal jitna hi praasangik. aavesh anushaasan viheen josh hai aur anushaasan kee kamee me yahee sab hona hai.
ReplyDeletejee ek baar fir se aapko badhai, is lekh ke liye sanjay jee
ReplyDelete