मैं आपको अपने शहर की एक ताजा घटना से अवगत करना चाहता हूँ , अभी दो दिन पहले की बात है , किसी महिला ने जिस बच्चे को अपनी कोख में नौ महीने तक पाला , उसके जन्म लेते ही उस मासूम नवजात बेटे को एक कचरे के ढेर पर मरने के लिए फेंक गयी , वो तो अच्छा हुआ कि समय पर लोगों की नजर उस बच्चे पर पड़ गई वर्ना सुअर और कुत्तों का निवाला बन गया होता ! इस तरह की घटनाएँ सिर्फ मेरे शहर में नहीं हो रही हैं अपितु देश के कौने - कौने में हो रही हैं ! आखिर कारण क्या है ? जो महिला नौ महीने तक बच्चे की रक्षा अपनी कोख में करती है और फिर जन लेने के बाद उसी को मरने के लिए फेंक देती है ! कारण कई हो सकते हैं जैसे नाजायज बच्चा ( बिना शादी के जन्मा हुआ ) हमारा समाज यही कहता है ! ये और कुछ नहीं अंधे प्यार का नतीजा था ! क्या इसी को प्रेम कहते हैं .... या फिर ........ ? कहा जाता हैं कि , प्यार तो अँधा होता है और ये बात जिसने भी लिखी १०० टका सही लिखी है ! क्योंकि आप तो जानते हैं प्यार में अँधा आदमी ना तो रिश्ते नाते देखता है और ना ही उम्र , ना ऊँच-नीच का का अंतर और ना ही किसी प्रकार का जाति बंधन ! प्यार करने वाले किसी भी धर्म को नहीं मानते बल्कि प्रेम ही उनके लिए सभी धर्मों से बढ़कर होता है तभी तो लैला-मंजनू , सोहनी-महिवाल, हीर-राँझा, रोमियो-जूलियट इन सभी ने सिर्फ प्रेम किया वो भी सच्चा , इसीलिए तो आज हम जब भी सच्चे प्रेम की बात करते हैं तो सबसे पहले इन्हीं लोगों का नाम जुबान पर आता हैं प्रेम तो हमेशा से अमर था और अमर ही रहेगा क्योंकि प्रेम बिना जीवन संभव नहीं है ! हम भी तो कहीं ना कहीं किसी ना किसी को प्रेम करते हैं ! किन्तु जैसे जैसे समय ने अंगड़ाई ली वक़्त बदला और वदलते वक़्त के साथ प्रेम का स्वरूप भी बदल गया ! आज सच्चे प्रेम की कहानियां देखने सुनने को नहीं मिलती अगर मिलती भी हैं तो वो आज अपवाद है ! आजकल प्रेम या तो होता ही नहीं अगर होता है तो ज्यादातर एक तरफ़ा जो अक्सर टूट जाता हैं ! आज की कुछ प्रेम कहानियों में प्रेमियों को झूंठी परम्पराओं के नाम पर मौत दे दी जाती है ! ( ऑनर किलिंग के कई उदाहरण हमारे सामने हैं ) ...... आज के कलियुगी प्रेम ने अपना एक रूप और बना लिया है जिसे हम झूंठ, धोखा , फरेब , और सेक्स के नाम से जानते हैं और ये दिनों दिन तेजी से फ़ैल रहा है ! सच कहूँ प्रेम के इस रूप में पड़कर कई युवतियां अपना जीवन बर्वाद कर चुकी हैं कई तैयारी पर हैं , जो बिन सोचे समझे कर ऐसी गलतियाँ कर बैठती हैं जहाँ उन्हें अपनी इज्जत , मान -सम्मान तक खोना पड़ता हैं , इसके बावजूद भाग रहीं हैं अंधे प्यार की तरफ अपना सब कुछ दांव पर लगाकर ! इन्सान जैसे-जैसे आधुनिक होता जा रहा है , इन्सान के सामने नित नए नए दूसरों को धोखा देने और उनको भ्रमित करने के तरीके मिलते जा रहे हैं ! आज के युवाओं के ऊपर ना तो परिवार की किसी समझाइश का कोई असर होता है और ना उनके अनुभवों को वो कबूल करते हैं ! अगर कुछ जानते हैं तो वो इतना कि अपने को पूरी तरह आधुनिक कैसे बनाया जाय ! मैं यहाँ बात कर रहा हूँ उन युवा लड़कियों की जो सिर्फ आज दिखावा ही पसंद करतीं हैं और इसी को आधार मान प्रेम रुपी अंधे कुंये में डूबना चाहती हैं ! इनके इस दिखावे का कुछ लोग पूरी तरह से फायदा भी उठाते हैं फिर चाहे पूर्व में ऐसी लड़कियां भीमानंद, और नित्यानंद जैसे ढोंगी महात्माओं के चक्कर में फंसकर अपनी इज्जत तक गवां चुकी है ! आज की कुछ युवा लड़कियां प्यार के जाल में फंसकर इस कदर अंधी हो जाती है कि , ऐसे झूंठे प्यार के लिए अपना सब कुछ बिना किसी हिचक के बिना किसी डर के अपना तन - मन सब कुछ सौंप देती हैं ! कुछ दिनों पहले इस तरह का एक मामला सामने आया एक लड़की अपने परिवार से वगावत कर अपना सब कुछ छोड़कर पहुँच गयी अपने प्रेमी के पास , फिर क्या हुआ ? इसका आप अंदाजा नहीं लगा सकते उस प्रेमी ने पहले उसे अपनी हवस का शिकार बनाया और बाद में उस लड़की को ५०००० रुपये में बेच दिया गया और फिर उस मासूम का बलात्कार कई दिनों तक हुआ ! जैसे तैसे वो अपनी जान बचाकर भागी और पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई और पुलिस ने जब लड़की के परिवार को बताया तो एक बहुत बड़ा धक्का लगा उस परिवार को ! सिर्फ बेटी के अंधे प्यार की बजह से , ऐसे कई उदाहरण हैं जो हमारे सामने हैं जिनसे हमारी युवा पीढ़ी को सबक लेना चाहिए ... किन्तु आज हम जिस चकाचौंध में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं वहां हमारी सोचने समझने की शक्ति क्षीण होती जा रही है !
मैं नहीं कहता की प्रेम नहीं करना चाहिए ! प्रेम इन्सान की जरूरत हैं ! पर प्रेम सच्चा हो मन का सम्बन्ध होता है प्रेम से ना की शरीर से किन्तु आज बहुत कम लोग ऐसे हैं जो मन से प्रेम करते हैं ! क्योंकि आज अश्लीलता चारों ओर फैली हुई है ! प्रेम करने के साथ साथ युवाओं को सब कुछ ध्यान रखना चाहिए , उन्हें जागरूक होना चाहिए , क्या सही क्या गलत इस बात का पूरी तरह आभास होना चाहिए ! सिर्फ अंधों की तरह प्रेम ना करे अपनी आँखे खोलें और सब कुछ अच्छे से परख लीजिये ! आज की युवा पीढ़ी तो पड़ी लिखी है ! फिर क्यों हम अंधी दौड़ मैं भाग रहे हैं ?? ...................
कहीं ऐसा ना हो आप करें अँधा प्यार ....... जिसकी आपको मंहगी कीमत चुकानी पड़ जाए ...........
धन्यवाद
प्रेम शाश्वत होता है, इसलिए पूरीतरह तो नहीं किन्तु आपकी बातों से अंशत: सहमत हूँ की प्रेम इन्सान की जरूरत हैं ! पर प्रेम सच्चा हो मन का सम्बन्ध होता है प्रेम से ना की शरीर से किन्तु आज बहुत कम लोग ऐसे हैं जो मन से प्रेम करते हैं ! क्योंकि आज अश्लीलता चारों ओर फैली हुई है !
ReplyDeleteभावनाओं में बहने के पहले सोच लें युवा..
ReplyDeleteबिल्कुल सटीक आकलन किया है।
ReplyDeleteयुवाओं को सचेत करती पोस्ट...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeletebilkul sach likha hai ..!!
ReplyDeleteswatantrata ek seema ke baad theek nahin ..!
जब से स्त्री-पुरुष सम्बंधों को प्रेम का नाम दिया है तभी से यह अनाचार हो रहा है। यह प्रेम नहीं है केवल प्राकृतिक आकर्षण है। प्रेम तो हमारे अन्दर सभी जीवों के लिए व्याप्त है जो किसी में कम और किसी में ज्यादा होता है।
ReplyDeleteआपसे पूर्णरूपेण सहमत हूँ. विचारणीय विषय.
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