Tuesday, August 14, 2012

आखिर हमें ... कब मिलेगी आज़ादी ..? ....>>> संजय कुमार

सभी प्रिये साथियों को आज़ादी पर्व की बहुत बहुत बधाई ...... शुभकामनाएं  
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अंग्रेजों ने हम पर २०० साल तक राज किया .... २०० साल तक हम अंग्रेजों के गुलाम रहे .......२०० साल तक हमें  अपनी आज़ादी के लिए अंग्रेजों से लड़ना पड़ा और तब जाकर हम १५ अगस्त १९४७ को पूरी तरह से अंग्रेजों की गुलामी  के बंधनों से मुक्त हुए और खुली हवा में आज़ादी की सांस ली .....  इस आज़ादी को हांसिल करने के लिए हमने बहुत कुछ खोया .... हमारे पूर्वजों , वीर योद्धाओं , वीरांगनाओं , स्वतंत्रता सेनानियों , क्रातिकारियों , आम जनता को अपने प्राणों की आहुति तक देनी पड़ी ,  तब जाकर हम सब आज आज़ादी का जश्न मना पा रहे हैं ! लेकिन आज़ादी के पैंसठ साल बाद भी हम आज़ाद होते  हुए भी कहीं ना कहीं गुलामी की मानसिकता में जकड़े हुए हैं ! आज भी ढेर सारी रूढ़ीवादी परमपराओं से हमारा देश उबर नहीं पाया !  आज भी आज़ादी को लेकर हमारे मन प्रश्न उठता है कि .... क्या हम आज़ाद हैं .....? जबाब हाँ भी है और ना  भी जो लोग हाँ में जबाब देते हैं उनका कहना है .... हमारे देश को आजाद हुए ६5 बर्ष पूरे हो चुके हैं  इन पैंसठ  बर्षों में हम हिन्दुस्तानियों ने सही मायने में  आजादी का मतलब जाना !  एक आजाद इंसान वो सब कुछ कर सकता है जो एक आम आदमी गुलाम होकर नहीं कर पाता !  इन पैंसठ  बर्षों में देश ने बहुत तरक्की की है और आज भी विकास की ओर अग्रसर है !  आज भारत का नाम विश्व स्तर पर छाया हुआ है जिसे देख कर आज हर भारतीय अपने आप पर गर्व महसूस करता है ! जो पहले शायद नहीं था ... पहले हमारी गिनती गुलाम और पिछड़े हुए देशों में आती थी किन्तु आज़ादी के बाद आज ऐसा नहीं है ! आज हमारा वर्चस्व हर क्षेत्र में है ! आज हमारा लोहा विश्व के कई देशों ने माना है ! कुछ लोगों का मत ये भी है ..... कहने को तो हम सब आजाद हैं  , किन्तु आज देश के जो हालात हैं यहाँ जीवन यापन करने वाले लाखों - करोड़ों लोगों की जो हालत है उन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे कि ये लोग  तो आज तक आजाद ही नहीं हुए हैं , इनकी हालत तो गुलामों से भी बदतर है ! इससे तो अच्छा हम अंग्रेजों के गुलाम अच्छे थे कम से कम एक बात तो थी की हमारे पैरों में गुलामी की बेड़ियाँ किसी दुश्मन ने डाल रखीं थीं , किन्तु आज दुश्मन से ज्यादा बुरा सुलूक तो हमारे अपने हम से कर रहे हैं !  आज भारत में आजादी के इतने बर्षों बाद भी लाखों मजदूर गुलामों से भी बदतर ( बंधुआ मजदूर ) जीवन व्यतीत कर रहे हैं ! साहूकारी , खाप - पंचायत , ऊँच -नीच का भाव , जातिवाद , दहेज़ , विकृत मानसिकता जैसी कुरीतियाँ जिनसे आज तक हम आजाद नहीं हो पाए हैं ! कब मिलेगी आजादी ? आजाद होकर हमने आजादी का गलत फायदा उठाया ..... चाहे वो हमारी बिगड़ी हुई लापरवाह , लक्ष्य से भटकी हुई   .. अपने घटिया कारनामों से माँ - बाप का सिर शर्म से झुकाने वाली युवा पीढ़ी हो ........ फिर चाहे चाहे देश के नामी- गिरामी राजनीतिज्ञ हों , आला अधिकारी हों , साधू -संत हों जिन्होंने आजाद देश को पूरी आज़ादी के साथ दुश्मनों की तरह लूटा ! ( क्या अंग्रेज लूटते थे या सिर्फ राज करते थे , मुझे नहीं मालूम लेकिन यहाँ तो नेता राज भी करते हैं और लूट भी रहे हैं ) 

सिर्फ अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होना ही असली आज़ादी नहीं हैं ....... आज देश के बुरे हालातों से हम घिरे हुए हैं उनसे आज़ादी कब  मिलेगी ? दिन -  प्रतिदिन बढ़ती हुई महंगाई से कब मिलेगी आज़ादी ? दिन-प्रतिदिन बढ़ते पाप-अत्याचार , जुल्मों-सितम से कब मिलेगी आज़ादी ? पूरा देश बेईमानों , घूसखोरों , घोटालेबाजों , भ्रष्टाचारियों के चंगुल में फंसा हुआ है .. कब मिलेगी इनसे आज़ादी ? अजन्मी बच्चियों , निर्दोष मासूमों , दहेज़ के लिए जलाई गयी बेटियों के कातिलों से कब मिलेगी आज़ादी  ?   ....... अंग्रेजों से आज़ाद होने में २०० साल लगे , इनसे आज़ादी शायद कभी नहीं मिलेगी ?    कभी नहीं ........ कभी नहीं .......

जय हिंद , वन्दे - मातरम् ........... इंकलाब जिंदाबाद ............. ( मेरा भारत महान )

समस्त भारतीयों को समस्त देशवासियों को भारत के ६६वे स्वाधीनता , स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाइयाँ ढेरों अनेकों शुभ-कामनाएं 

धन्यवाद 
संजय कुमार 

9 comments:

  1. बहुत सुन्दर...स्वतन्त्रतादिवस की पूर्व संध्या पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

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  2. स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाइयाँ ढेरों अनेकों शुभ-कामनाएं !

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  3. स्वतंत्रता दिवस की शुभ-कामनाएं !

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  4. जंगल में जनतंत्र हो, जमा जानवर ढेर |
    करे खिलाफत कोसते, हाय हाय रे शेर |

    हाय हाय रे शेर, कान पर जूं न रेंगा |
    हरदिन शाम सवेर, लगे आजादी देगा |

    छोडो भाषण मीठ, करो मिल दंगा - दंगल |
    शासक लुच्चा ढीठ, बचाओ रविकर जंगल ||

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  5. 65 वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई-शुभकामनायें.
    आपकी चिंताएं वाजिब हैं .
    इस यौमे आज़ादी पर हमने हिंदी पाठकों को फिर से ध्यान दिलाया है.

    देखिये-
    http://hbfint.blogspot.com/2012/08/65-swtantrta-diwas.html

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  6. रहने को अब घर ही घर है ... प्रकृति नहीं हमारी , जमीन और ज़मीर मर गई हमारी .... फिर भी , दिल है हिन्दुस्तानी !
    होठों को गोल गोल करके जितनी अंग्रेजी बोल लो , अंग्रेज लिबास पहन लो - कहलाओगे हिन्दुस्तानी ...
    इसी बात पर वन्दे मातरम

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  7. आपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जय हिंद!

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  8. न जाने कितनी मानसिक बेड़ियाँ हटानी हैं।

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  9. बहुत खुबसूरत अल्फाज़ में बयां की आपनी आजादी कि वेदना
    हार्दिक शुभकामनाए

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