Saturday, January 8, 2011

गरीब जनता का सबसे बड़ा दुश्मन कौन ? भ्रष्टाचार , आतंकवाद या फिर मंहगाई .... >>> संजय कुमार

माना हमने की हम भ्रष्टाचार में अव्वल नंबर पर हैं ! माना हमने की हमारा देश घोटाले करने में अब माहिर हो गया है ! माफ़ करना देश नहीं, देश में उच्च पदों पर बैठे भ्रष्टाचारी नेता और अधिकारी ! माना देश में आतंकवादी घटनाएँ बढ गयी हैं ! दिन प्रतिदिन हम देश को शर्मशार करने बाली घटनाएं देख और सुन रहे हैं ! आज कभी प्रकृति इन्सान से बदला ले रही है तो कहीं इन्सान इन्सान को मारकर एक दुसरे से बदला ले रहा हैं ! इस कलियुग ने इन्सान को बहुत कुछ दिया पर ऐसा कुछ नहीं दिया जिस पर आज इन्सान फक्र कर सके ! खैर ये सब तो चलता रहेगा .... इस मंहगाई ने तो सबको रुला दिया ॥हम बात कर रहे हैं भारत की जनता की सबसे बड़ी दुश्मन की, ये दुश्मन कोई इन्सान नहीं और ना ही प्रक्रति है ! आज इस देश की जनता का सबसे बड़ा दुश्मन मंहगाई है , जी हाँ मंहगाई ही सबसे बड़ी दुश्मन है जिससे आज का आम इन्सान नहीं लड़ पा रहा है ! इस मंहगाई ने सबके छक्के छुड़ा दिए कोई कितना भी बलवान हो इससे नहीं जीत पाया ! अगर कोई जीत पाया तो वो है इस देश को दीमक की तरह खाने बाले भ्रष्टाचारी और बेईमान ! इस मंहगाई ने पता नहीं क्या क्या करवाया आम जनता से और आगे क्या क्या करवाएगी ! इस मंहगाई ने तो सरकारे बदल दी , बड़े बड़े मंत्री - नेताओं को " नाकों चने चबवा दिए " फिर कहीं प्याज की महंगाई के कारण " अटल बिहारी बाजपेयी " को अपनी सरकार से हाँथ धोना पड़ा हो , और अब "मनमोहन सरकार " पर भी इस मंहगाई की मार पड़ रही है ! देश की सरकार आतंकवाद से निपटने की बात कर रही हो या उससे निपट सकती हो, ये तो वक़्त बताएगा ? फिर चाहे देश में होने बाले किसी भी अपराध से निबटने की बात कर रही हो ! हो सकता है भ्रष्टाचार पर सरकार कुछ लगाम लगा पाए , ऐसा नहीं लगता ! हो सकता है घोटाले कुछ दिनों के लिए रुक जाएँ , अब तो लगता है एक दिन में कई घोटाले होंगे ! सरकार आतंकवाद का सफाया भी कर दे , लेकिन ऐसा नहीं लगता जब तक देश के दुश्मन और देश द्रोही इस देश में हैं तब तक ऐसा संभव नहीं है ! इन सबसे बड़ा आतंकवादी अगर हम आज मंहगाई को कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं ! आज सरकार अगर नहीं निपट सकती तो इस डायन " मंहगाई डायन " से ! आज इस मंहगाई ने आम जनता की कमर तोड़ कर रख दी है , गरीबों के लिए तो यह " कोढ़ में खाज " बाली कहावत हो गयी है ! एक तो पहले से ही बह अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे थे उस पर हाय ...... ये मंहगाई ........ हालांकि ये कटु सत्य है इस मंहगाई का मुख्य कारण भ्रष्टाचार ही है अगर भ्रष्टाचार ना हो तो देश में मंहगाई कब की खत्म हो जाए ! पर ऐसा होगा नहीं ना भ्रष्टाचार खत्म होगा ना मंहगाई अगर भविष्य में कुछ खत्म होगा तो गरीब जनता !

बेचारी जनता का दुश्मन ना तो भ्रष्टाचार है और ना आतंकवाद , ना हैं नेता और ना अफसर उनका सबसे बड़ा दुश्मन तो मंहगाई है ! जिसके आगे उन्होंने कबके हथियार डाल दिए ! आज उसके आगे सब लाचार और बेबस हैं ! आज से ठीक ३७ साल पहले मनोज कुमार ने एक फिल्म बनाई थी " रोटी कपडा और मकान " उस फिल्म में एग गीत था " बाकी कुछ बचा तो मंहगाई मार गई " ऐसा लगता है आज के हालातों को देखकर और आज की कमर तोड़ मंहगाई का अंदाजा लगाकर लिखा गया ! अब आप ही बताएं गरीब जनता का सबसे बड़ा दुश्मन कौन है ? भ्रष्टाचार , आतंकवाद या फिर ये मंहगाई ...................
आप ये गीत जरुर सुनियेगा ................

http://www.bollydb.in/playvideo-xjXn_GbpSWs.html

धन्यवाद

12 comments:

  1. बेचारी जनता का दुश्मन ना तो भ्रष्टाचार है और ना आतंकवाद , ना हैं नेता और ना अफसर उनका सबसे बड़ा दुश्मन तो मंहगाई है
    तैयार हो जाएँ
    नया साल मनाएं
    खूब कमायें
    और फिर
    तैयार रहें
    जेब खाली करने को
    महंगाई के लड़ने को
    साल भर रोते रहने को
    सरकार को सालते रहने को
    तो चुप क्यों हैं
    आप भी गाएं
    महंगाई डायन..

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  2. आज महगाई ने गरीबो की तो कमर तोड़ दी है

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  3. व्यवस्था की दिशा गरीबों के घर नहीं जाती, वे वंचित ही रहेंगे लगता है।

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  4. बेचारी जनता का दुश्मन ना तो भ्रष्टाचार है और ना आतंकवाद , ना हैं नेता और ना अफसर उनका सबसे बड़ा दुश्मन तो मंहगाई है ...
    बिलकुल सच कहा आपने ................ पेट भरा हो तो ही भ्रष्टाचार और आतंकवाद पर बहस करना अच्छा लगता है ... और बेचारी जनता तो दर्शक भर है सब जानती हैं..... फिर भी कुछ नहीं जानती ....

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  5. आम जनता की चिंता किसे है ..... शुभकामनायें भैया !

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  6. ... ab kyaa kahen ... gambheer samasyaayen !!

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  7. महंगाई ही हमारे देश मै होने वाले एक बहुत बड़े तालमेल मै फर्क कर रही है ! जिससे अमीर लोग इतने अमीर हो गये हैं की उनके पास इतना पैसा है की उन्हें इस बात का पता नहीं चल रहा कि वो इसे केसे खर्च करें और गरीब जनता इतनी गरीब होती जा रही है की उसके पास दो वक़्त की रोटी भी उपलब्ध नहीं हो पा रही ! एक तरफ देश उन ऊँचाइयों को छु रही है जहां पहुचना बहुत गोंरव की बात है और दूसरी तरफ गरीब जनता भूख से अपनी जान दे रही है !
    तो हमारे ख्याल से तो महंगाई से ही देश कि गरीब जानता परेशान है उसे तो सिर्फ और सिर्फ भर पेट भोजन ही मिल जाना बहुत बड़ी बात थी और कुच्छ को तो वो जानता भी नहीं !
    बहुत अच्छा मुद्दा उठाया आपने !
    बधाई दोस्त !

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  8. इस वक़्त की सबसे बड़ी समस्या महंगाई ही है ....

    आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ..

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  9. इस वक़्त की सबसे बड़ी समस्या महंगाई ही है. महंगाई ही एक अकेली गुनहगार नहीं है और भी कई चीजें मिलकर उसे बढ़ावा जरुर दे रही हैं

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  10. आपकी बात पूरी तरह सच है, मेरी ओर से बधाई एक अच्छे आलेख के लिए

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  11. आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ..
    आपकी बात पूरी तरह सच है.....

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  12. Ye mehangayee khud nahi aayee hai,
    ye dalali khane ka natiza hai hamare desh ke Netawo dwara vyapariyo se..

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