कहा जाता है की नशा, अगर किसी को किसी चीज का हो जाये तो नशा करने बाले की जिंदगी तबाह हो सकती है ! नशा करने के बाद नशा करने बाला कहीं का नहीं रहता ! नशा इन्सान को कहीं का नहीं छोड़ता ! तन से कमजोर , मन से कमजोर , समाज में घ्रणा का पात्र ! परिवार में कलह का कारण ! तबाही और बर्बादी का राश्ता , आज नशे की गिरफ्त में पूरा संसार है ! आज इस देश में हर कोई नशे में है , किसी को दौलत का नशा, तो किसी को शोहरत का नशा , किसी को प्रेम की दीवानगी का नशा , तो किसी को सत्ता का नशा , किसी को गुरुर का नशा , किसी पर आधुनिकता का नशा , किसी को पढ़ने-लिखने का नशा , किसी को शेयर बाजार का नशा ! हर किसी को किसी ना किसी चीज का नशा जरुर है ! क्योंकि आज इन्सान की जिंदगी इन्हीं सब चीजों के आस-पास घुमती है , या इन्हीं पर केन्द्रित है !
आज हम उस नशे की बात कर रहे हैं जो हमारे देश के युवाओं की नशों में खून बनकर दौड़ रहा है ! शराब , सिगरेट, ड्रग्स और नया नशा जिश्म का जो हमारे युवाओं में आज का फैशन बन गया है ! और जिसकी पकड़ अब इतनी मजबूत बन गयी है , या नशे का जाल इतना फ़ैल गया है जिससे बाहर आना आज के युवा का, मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है ! ताजा रिपोर्ट के अनुसार आज हमारे देश के चार बड़े महानगरों में स्थिती बहुत ही चिंतनीय है ! १५ से २० साल के बच्चों में या अभी-अभी जवानी की दहलीज पर कदम रखने बाले युवाओं में नशे की लत इतनी तेजी से अपने पैर फैला रही है , या उन्हें अपनी गिरफ्त में पूरी तरह से ले चुकी है ! किसी भी माँ-बाप के लिए बड़ा ही चिंतनीय एवं होश उड़ाने बाला सबाल है ! जब बच्चे घर से बाहर निकलते हैं उस वक़्त माँ-बाप बच्चों पर विश्वास कर उनको पूरी आजादी दे देते हैं ! और ये बच्चे उनके विश्वास के साथ विश्वासघात कर रहे हैं ! जन्म-दिन की पार्टी हो , कोई त्यौहार हो , या कोई गम भी हो तो भी इन्हें सिर्फ नशा चाहिए ! आधुनिकता की चकाचौंध में ये युवा इतने पागल से हो गए हैं की अपना अच्छा बुरा भी नहीं समझते ! एक होड़ सी लग जाती है अपने आप को आधुनिक बनाने की ! आज लड़कियां भी अपने आप को लड़कों से पीछे नहीं हैं , मानने बाली पद्धति को अपनाकर नशे के तालाब में तैर रहीं हैं ! कुछ अपने शौक को पूरा करने के लिए , कुछ एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए नशे का इस्तेमाल करती हैं ! लेकिन नशा करने बाले ये युवा यह नहीं जानते की इनके नशा करने से ये किस दलदल में फंस रहे हैं ! जब इनका कोई फायदा उठाता है तो हमारे सामने ऐसे परिणाम आते हैं जो इन युवाओं के लिए और इनके परिवारों के लिए ऐसे जख्म या नासूर बन जाते हैं जिनकी पीड़ा जीवन भर नहीं मिटती ! यह स्थिती सिर्फ महानगरों की नहीं है , यह स्थिती अब पूरे देश में , बड़े - बड़े शहरों से निकलकर यह नशा अब हमारे छोटे-छोटे शहरों , कस्बों और गांवों में तेजी से फ़ैल रहा है ! स्थिती ये है की शहरों में कूड़ा -करकट बीनने बाले १० से १५ साल के बच्चे तक, आज नशा कर रहे हैं ! बीडी -सिगरेट तो उनके लिए आम बात हैं , अब वह इससे भी बड़ा नशा करने लगे हैं ! या नशा करने के नए नए तरीके ढूँढने लगे हैं ! ऐसे बच्चों का तो मान सकते है की बह समझदार नहीं हैं या पढ़े-लिखे नहीं हैं , उनके सिर पर ना किसी का हाँथ है और ना छत ! किन्तु आज बड़ी-बड़ी डिग्रियां हांसिल करने बाले युवा सब कुछ जानते हुए भी नशे के इस दलदल में घुस रहे हैं ! यह देख बड़ा आश्चर्य होता है ! जिन माँ-बाप के बच्चे उनसे दूर महानगरों में पढ़-लिख रहे हैं ! उन माँ-बाप को अब इस ओर ध्यान देना होगा की कहीं उनके बच्चे उनके द्वारा दी गयी आजादी का गलत फायदा तो नहीं उठा रहे हैं या नशे के दलदल में तो नहीं फंस रहे हैं !
अगर देश का हर युवा नशे में डूबा रहेगा तो क्या होगा उनके भविष्य का या इस देश के भविष्य का ?
देश के युवाओं जरा सोचिये ............ जरूर सोचिये ................
धन्यवाद
bahut sundar post sanjayji...bilkul nashe ki tarah....aabhaar
ReplyDeleteDESH KA BANTADHAR HO JAYEGA
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