विजयदशमी की बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभ कामनाएं
-------------------------------------------------------------------------------------------
जन्म-भूमि , हमारा अपना वतन , हमारा देश, जिस देश में हम पैदा हुए ! भारत देश , भारत माता हमारा , मान हमारा सम्मान ! आज कलियुग में हमारी भारत माता बेड़ियों में जकड़ी हुई है ! भारत माता के हाँथ में एक तिरंगा है जो अपनी पहचान खो रहा है , उसकी हालत अब पहले जैसी नहीं रही ! भूंखी , बेबस , और लाचार , हमारी भारत माता को आज आतंकवाद , नक्सलवाद , सम्प्रदायवाद , भ्रष्टाचार , घूसखोरी , बेरोजगारी , भुखमरी , कुपोषण जैसे राक्षसों और बुरी ताक़तों ने इस कदर घेर लिया है , जिससे हमारी भारत माता का दम घुट रहा है ! वह तड़प रही है , कि कोई तो आये, जो उसे इन सब बुरी आत्माओं से मुक्ति दिलाये ! कोई तो आये जो देश के इन दुश्मनों से उसकी रक्षा करे , उनका नामोनिशान मिटा दे ! उसकी करुण पुकार कोई तो सुन ले ! आज जन्म-भूमि अपने सपूतों से आव्हान कर रही है , उसे उसका असली रूप वापस दिलाने के लिए ! वह रूप जो किसी स्वर्ग से कम नहीं ! कह रही है , जन्म देने बाली माँ और जन्म-भूमि इस दुनिया में सर्व-प्रथम हैं ! इनका मान सम्मान सबसे बड़ा है !
जन्म-भूमि के सपूत बोलते चले
जय हे जय हे जय हे जय हे !
आज सारी बेड़ियों को खोलते चले
जय हे जय हे जय हे जय हे !
इस जमीं पे दुश्मनों के पैर हैं जमे
एक-एक पैर को उठाने चल दिए
पैर तो क्या पैरों के निशाँ भी न रहें
दुश्मनों का हर निशाँ मिटाने चल दिए
होंटों पे ये नारा लेके डोलते चले
जय हे जय हे जय हे जय हे !
एक-एक बात का हिसाब मांगने
चल पड़े सवालों के जबाब मांगने
राह आती मुश्किलों से खेलते चले
पर्वतों को भी परे धकेलते चले
शब्द शब्द बो जुबान खोलते चले
जय हे जय हे जय हे जय हे !
जन्म-भूमि स्वर्ग से कहीं हसीन हैं !
इसकी एक-एक बात बेहतरीन है !
खो गया है मान जो दिलाने चल दिए
इसकी वोही शान फिर बनाने चल दिए
साँस में बंधी हवा को खोलते चले
जय हे जय हे जय हे जय हे !
जननी जन्म-भूमिश्चय , स्वर्गादपि -गरीयसी
(यह पंक्तियाँ एक गीत से ली गयीं हैं )
धन्यवाद
अहसासों का बहुत अच्छा संयोजन है ॰॰॰॰॰॰ दिल को छूती हैं पंक्तियां ॰॰॰॰ आपकी रचना की तारीफ को शब्दों के धागों में पिरोना मेरे लिये संभव नहीं
ReplyDeleteविजयदशमी की बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभ कामनाएं
बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
ReplyDeleteबेटी .......प्यारी सी धुन
bahut hi achha likha hai
ReplyDeletebahut sundar1
ReplyDeleteVijaya dashami ke avsar pe ye rachana badee hee mauzoom hai! Chunda alfaazon se mala piroyi hai!
ReplyDeleteJanam din kee badhayi ke liye bahut,bahut shukriya!