Tuesday, March 5, 2013

तीन - तिगाड़ा ----- काम बिगाड़ा ........>>> संजय कुमार

" तीन तिगाड़ा - काम बिगाड़ा " इसका मतलब हुआ कि आप अपना  कोई भी काम औने -पौने में ना करें !  ये कोई शगुन है या अपशगुन आज तक समझ नहीं आया ! मेरी नजर में चाहे एक हो या दो या हों तीन या चार सबका अपना -अपना अलग महत्त्व होता है ! हम जानते हैं  भगवान् शिव को " त्रिनेत्र " क्यों कहा  जाता है ! इंसान के जीवन में तीन का भी बहुत महत्त्व है ! महत्व तो बहुत सी चीजों का होता है बस फर्क सिर्फ इतना है कि हम उन्हें कितना महत्त्व देते हैं ! बदलते वक़्त के साथ बहुत कुछ बदला है ! इंसान बदला , उसकी सोच बदली साथ -साथ महत्व भी बदल गया ! ये पोस्ट मैंने आज से दो साल पहले लिखी थी  जिसमें इंसान से जुड़ी कुछ चीजें का उल्लेख किया था और उन पर मैंने अपनी राय दी थी , पिछले दो सालों में बहुत कुछ बदल गया ! इस बदलते वक़्त के साथ मेरी राय भी बदल गयी ! तो थोडा सा गौर फरमाइये !


इंसान के जीवन तीन चीजें ऐसी हैं जो उसे सिर्फ एक बार मिलती हैं 
१. माता-पिता  ( इंसान की उत्पत्ति इन्हीं से होती है , ईश्वर से बढकर है ये ) ----> 
                   ( बदलते वक्त ने इस  ईश्वर को भी ठोकरें खाने को मजबूर कर दिया है )
२. जवानी       (  इंसान के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय , जीत सको तो जग जीत लो )
                   ( बदला वक़्त और जवानी चल पड़ी नशा, जिस्मफरोशी के बाजार में )    
३. हुस्न          ( जवानी के साथ हुस्न भी अनमोल है , हुस्न गया सब गया, हुस्न के लाखों रंग - कौनसा रंग देखोगे  )    
                  ( बदला वक़्त .... आज हुस्न को हवस भरी निगाहों से घिरा पाओगे )

तीन चीजें इंसान को बहुत सोच समझकर उठानी चाहिए !
१. कदम         ( आपका उठाया गया एक गलत कदम आपका जीवन नष्ट एवं बर्वाद कर सकता है )
                   ( देश का माहौल ख़राब है .... घर से कदम निकालने में भी डर लगता है ) 
२. कसम        ( वादा करो तो ऐसा की " प्राण जाए पर वचन ना जाये " )   
                   ( बदलते वक़्त के साथ झूंठी कसमें -झूंठे वादे " वचन जाए पर ना जाएँ प्राण " 
३. कलम        ( कलम की ताकत को हम सब अच्छी तरह से जानते हैं , उठाओ सच्चाई के लिए ना की झूंठ के लिए ) 
                   ( बदलते वक़्त के साथ कलम भी बिक गयी )

तीन चीजें इंसान को बहुत सोच समझ का करना चाहिए , एक गलती जीवन भर भुगतान 
१. मोहब्बत    ( आज-कल मोहब्बत अंधी होती है , अब इसके बारे में क्या कहूं ? )
                  ( मुहब्बत के हो रहे सौदे  लुट रही इज्जत ..... सावधान  )
२. बात          ( अब बात कम बतंगड़ ज्यादा होता है वो भी गाली-गलौच और अशिष्ट )
                  ( अब भ्रष्ट नेताओं की बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी _
३. फैंसला      ( आजकल सब्र पूरी तरह खत्म हो चुका है , फैंसला " ON THE SPOT "  )
                  ( फैंसला होते होते सब कुछ खत्म हो जाता है ) 

इंसान के जीवन में तीन चीजें कभी इन्तजार नहीं करती  
१. मौत           ( रोज -रोज होते सड़क हादसों से लें सबक )
                    ( मौत से किसकी यारी है ... कभी भी इसके आगोस में जा सकते हैं ( हम इन्सान नहीं कीड़े-मकौड़े हैं ) 
२. वक़्त         (  लोहा जब गर्म हो तो हतौड़ा मार देना चाहिए , वर्ना " पछतावे होत का जब चिड़िया चुग गयीं खेत " )
                 ( आज वक़्त हमारे साथ नहीं ....... वर्ना ... खैर जो गुजरा वो वापस नहीं आएगा )
३. उम्र         ( उम्र कभी किसी का इन्तजार नहीं करती , जाग वन्दे अब ना जागेगा तो कब जागेगा )
                (  बदलते वक़्त के साथ ... अब तो उम्र का पता ही नहीं चलता ) 

इंसान को इन तीन चीजों को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए 
१. कर्ज       ( किसान का पूरा जीवन कर्ज में ही निकल जाता है )
                ( हम तो कर्ज में पैदा हुए है और मर जायेगे , पूरा देश कर्ज में है )
२. फर्ज      ( फर्ज पर कुर्बान देश भक्तों को सलाम )
               ( अब हम सभी को अपना फर्ज निभाने की जिम्मेदारी लेनी होगी )
३. मर्ज़      ( एक चींटी हांथी पर भारी पड़ जाती है ) 
               ( कब सरकार जनता का मर्ज समझेगी )

इंसान को दर्द होता है इन तीन चीजों से 
१. धोखा    ( आज पल -पल पर धोखा खाता इंसान , धोखा अब इंसानी फितरत बन गया है )
              ( हम सब धोखा खाते हैं ... हम सब धोखा देते हैं ... क्यों सच कहा ना ? )
२. बेबसी  ( उफ्फफ्फ्फ़ ये बेबसी कब दूर होगी )
             ( मरते दम तक नहीं दूर होगी )
३. बेवफा  ( तेरी बेवफाई में ऐ सनम दिल दिया दर्द लिया )
             ( अब तो अपने ही बेवफाई पर उतर आये हैं ...... कौन बचाएगा ? )

तीन लोग इंसान को हमेशा खुश रखेंगे 
१. भगवान्  ( आज भी हम हर मुश्किल वक़्त में इन्हीं को  याद करते है )
               ( बदलते वक़्त के साथ वेचारा भगवान भी लाचार हो गया है वो  क्या - क्या करेगा )
२. दोस्त     ( सच्चे दोस्त पर सब कुछ कुर्बान )
               ( अब तो दोस्त बनकर लूटना , अपने दोस्त की जान लेना चलन बन गया है )
३. मेरा ब्लॉग  (  जो नए नए व्यंग्य , सन्देश और विचारों से भरा होगा )
                ( अब लोगों को ब्लॉग कम फेसबुक ज्यादा पसंद आता है ( चमचमाते चेहरे जो मिलते हैं ) 

कैसा लगा आपको ये तीन का तड़का , सच कहा या झूंठ ...... जरुर बताएं 

धन्यवाद

8 comments:

  1. बढ़िया बोले जी!

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  2. बहुत ही सार्थक है भाई आपका तीन का तिकड़ा.

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  3. satyata se paripurn .anubhavo ka jadu

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  4. त्रिगुण में बँधा विश्व

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  5. तीन का तड़का बहुत बढ़िया है
    latest post होली

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  6. अनमोल सार्थक प्रस्तुति,,,

    Recent post: रंग,

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  7. कमाल के सारे तीन बिंदु..... विचारणीय है सबके लिए

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  8. आपका ब्‍लाग हमेशा खुश रखेगा यह अच्‍छी बात है।

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