एक मच्छर साला आदमी को हिजड़ा बना देता है ......( क्या सोचकर बोला पता नहीं कैसे एक मच्छर एक आदमी को ? ) अबे ओये मच्छर ...... मैं तुझे मच्छर की तरह मसल डालूँगा ..... तू मेरा क्या बिगाड़ लेगा बे मच्छर .! इस तरह के अनेकों डायलाग हम अपनी फिल्मों में अक्सर सुनते रहते हैं , जहाँ फिल्म का विलेन हीरो को और हीरो विलेन को या उसके टुच्चे गुंडों को बोलता पाया जाता है ! इसका मतलब बिलकुल साफ़ है , हम अपने दुश्मन को अपने से कमजोर और लाचार समझ रहे हैं .... यानी हमारी नजर में एक मच्छर की कोई औकात नहीं है , वो हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता , हमें उससे डरने या घबराने की कोई जरुरत नहीं है , आखिर एक मच्छर ही तो है ..... बस यहीं हम भूल कर जाते है , विशालकाय हांथी को भी ये लगता है कि , अदनी सी रेंगने वाली चींटी उसका क्या बिगाड़ पायेगी ..... किन्तु जब ये चींटी हांथी की सूँड में घुस जाती है .. तब पता चलता है हांथी को कि, किसमें कितना दम है ! सच तो ये है कि , हमें कभी भी किसी को छोटा या कमजोर नहीं समझना चाहिए .... क्योंकि ? जिसे हम साधारण सा मच्छर समझ रहे हैं उसे हम दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी कहते हैं ! जो मलेरिया ,डेंगू और टायफाईड से दिन प्रतिदिन लोगों की जान ले रहा है और ना जाने दुनियाभर की कौन - कौन सी बीमारियाँ हमें आगे भी देता रहेगा ! हमारे देश के सरकारी अस्पतालों की हालत अगर आप देखेंगे तो मालूम चलेगा इसका आतंक ! इसके खिलाफ ना तो हम कुछ कर सकते हैं और सरकार से भी हम ज्यादा उम्मीद नहीं रखते क्योंकि सरकार तो अभी अपने आपको ही बचाने की जद्दोजहद में लगी हुई है ! भारत और अमेरिका की लिस्ट में जो आतंकवादी है उन्होंने तो आजतक सिर्फ बेक़सूर लोगों को ही मारा है किन्तु ये जब भी हमला करता है तो बड़ी ही ईमानदारी और समझदारी से करता है क्योंकि ये भ्रष्ट नहीं है और ना ही देश का गद्दार है क्योंकि ये किसी को भी नहीं छोड़ता ( आतंकवादियों के हमले में आज तक कोई भी बड़ी हस्ती नहीं मारी गयी ) इसके लिए सभी एक समान हैं ! छोटा - बड़ा , अमीर - गरीब , हिन्दू-मुस्लिम , ईमानदार - भ्रष्टाचारी , नेता - अभिनेता ( यशराज चौपड़ा जी को शायद इसी ने डसा था जिससे उन्हें डेंगू हुआ था ) किसी को भी नहीं छोड़ता आज तक हजारों लाखों बेक़सूर इंसानों को
निगल चुका है ! यह हमारा पारंपरिक आतंकवादी है और इसे हमें " ओसामा बिन लादेन " और अन्य खतरनाक आतंकवादियों से भी ज्यादा खतरनाक मानना चाहिए ! हमारी गलतियों से ही , आज
ये खतरनाक रूप ले चुका है ! यह आपको हर जगह मिलेगा या यूँ भी कह सकते हैं कि , हिन्दुस्तान
के हर घर में मिलेगा घर के अन्दर बाहर, आपके चारों ओर आप इसे कभी भी देख सकते हैं !सर्दी -गर्मी
-बरसात हर मौसम में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने वाला जीव हैं यह ! यह अकेला ही खतरनाक है
यह झुण्ड में भी हमला करता है और कई इंसानों पर एक साथ यह अपने समस्त कुटुंब के साथ जैसे
नर- मांदा एवं बच्चे सब मिलकर हमला करते हैं ! हम सब नित नए नए हथकंडे अपनाते हैं इसे खत्म
करने के लिए फिर भी इंसान के वश के बाहर है इसे खत्म करना क्योंकि यह कभी - कभी नहीं
बल्कि प्रतिदिन हमला करता है एक बार नहीं कई बार करता है ! आप इससे कितना भी बचने की कोशिश
करें जीवन में एक ना एक बार या फिर कई बार आप इसका शिकार अवश्य हुए होंगे यदि नहीं तो आगे
हो सकते हैं ( सावधानी और सुरक्षा ही बचाव है ) और ये बात मैं पूरे विश्वास और यकीन के साथ कह
सकता हूँ ! ये हम सब का रक्त पिपाशु है , इसके हथियार हैं इनके धारदार और नुकीले " डंक " जो एक
बार इंसान के शरीर में चुभा दें बस , फिर इंसान के साथ क्या -क्या होता है ये बात हम सब अच्छे से
जानते हैं ! " मच्छर महाराज " से सबसे ज्यादा पीड़ित निचले तबके के गरीब और मजबूर लोग ही होते
हैं ,क्योंकि इनके पास इस आतंकवादी से लड़ने के लिए कोई हथियार नहीं होता है ! हथियार है भी तो हर
कोई उनका उपयोग नहीं कर पाता और जो उपयोग करते भी हैं तब भी ये उन्हें नहीं छोड़ता , मतलब
साफ़ है हमें सचेत और सावधान रहना होगा ! ALL-OUT , MORTIN और " मच्छर भगाओ अगरबत्ती "
इसके आगे सब कुछ बौना सा साबित होता है ! हमारे देश की सरकार और संगठन इस आतंकवादी को
एक बार जड़ से समाप्त करके बताये तब हम मान सकते हैं कि हमारी सरकार हर आतंकवादी का सफाया
कर सकती है ! वर्ना बड़े- बड़े वादे करने और उलूल - जुलूल बयानबाजी से कुछ नहीं होगा ! अन्दर की और
सच बात तो ये है कि , इसके खौफ से तो सरकार के आला अफसर तक डरे रहते हैं !
दोस्तों आप जरा बचके रहिये वर्ना ...... एक मच्छर साला आदमी को कहीं भी पहुंचा सकता है !
धन्यवाद
निगल चुका है ! यह हमारा पारंपरिक आतंकवादी है और इसे हमें " ओसामा बिन लादेन " और अन्य खतरनाक आतंकवादियों से भी ज्यादा खतरनाक मानना चाहिए ! हमारी गलतियों से ही , आज
ये खतरनाक रूप ले चुका है ! यह आपको हर जगह मिलेगा या यूँ भी कह सकते हैं कि , हिन्दुस्तान
के हर घर में मिलेगा घर के अन्दर बाहर, आपके चारों ओर आप इसे कभी भी देख सकते हैं !सर्दी -गर्मी
-बरसात हर मौसम में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने वाला जीव हैं यह ! यह अकेला ही खतरनाक है
यह झुण्ड में भी हमला करता है और कई इंसानों पर एक साथ यह अपने समस्त कुटुंब के साथ जैसे
नर- मांदा एवं बच्चे सब मिलकर हमला करते हैं ! हम सब नित नए नए हथकंडे अपनाते हैं इसे खत्म
करने के लिए फिर भी इंसान के वश के बाहर है इसे खत्म करना क्योंकि यह कभी - कभी नहीं
बल्कि प्रतिदिन हमला करता है एक बार नहीं कई बार करता है ! आप इससे कितना भी बचने की कोशिश
करें जीवन में एक ना एक बार या फिर कई बार आप इसका शिकार अवश्य हुए होंगे यदि नहीं तो आगे
हो सकते हैं ( सावधानी और सुरक्षा ही बचाव है ) और ये बात मैं पूरे विश्वास और यकीन के साथ कह
सकता हूँ ! ये हम सब का रक्त पिपाशु है , इसके हथियार हैं इनके धारदार और नुकीले " डंक " जो एक
बार इंसान के शरीर में चुभा दें बस , फिर इंसान के साथ क्या -क्या होता है ये बात हम सब अच्छे से
जानते हैं ! " मच्छर महाराज " से सबसे ज्यादा पीड़ित निचले तबके के गरीब और मजबूर लोग ही होते
हैं ,क्योंकि इनके पास इस आतंकवादी से लड़ने के लिए कोई हथियार नहीं होता है ! हथियार है भी तो हर
कोई उनका उपयोग नहीं कर पाता और जो उपयोग करते भी हैं तब भी ये उन्हें नहीं छोड़ता , मतलब
साफ़ है हमें सचेत और सावधान रहना होगा ! ALL-OUT , MORTIN और " मच्छर भगाओ अगरबत्ती "
इसके आगे सब कुछ बौना सा साबित होता है ! हमारे देश की सरकार और संगठन इस आतंकवादी को
एक बार जड़ से समाप्त करके बताये तब हम मान सकते हैं कि हमारी सरकार हर आतंकवादी का सफाया
कर सकती है ! वर्ना बड़े- बड़े वादे करने और उलूल - जुलूल बयानबाजी से कुछ नहीं होगा ! अन्दर की और
सच बात तो ये है कि , इसके खौफ से तो सरकार के आला अफसर तक डरे रहते हैं !
दोस्तों आप जरा बचके रहिये वर्ना ...... एक मच्छर साला आदमी को कहीं भी पहुंचा सकता है !
bahut badhiya ...
ReplyDeleteमच्छरों से सावधानी और सुरक्षा ही मलेरिया और डेंगू की बीमारी से बचाव है,,,,,,
ReplyDeleteRECENT POST LINK...: खता,,,
बढ़िया विषय-
ReplyDeleteशुभकामनायें -
जना जड़ैया ज्वर जबर, जनौ जान जकड़ाय |
मलेरिया मच्छर मुआ, देकर मरता जाय |
देकर मरता जाय, कहीं डेंगू ना होवे |
हिजड़ा गर हो जाय, भला बीबी क्यूँ रोवे |
पॉलिटिक्स में आय, खरीदूं बड़ी मड़ैया |
पट्टा लूँ करवाय, बड़ी कीमत है भैया ||
bahut sundar likha hai Ravikar ji
Deleteबेपरवाह ना रहें,सतर्कता बरतें
ReplyDeleteमच्छरों से डरना सीख लिया है।
ReplyDeletebahut sahi ..badhiya likha hai .
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर शब्दों में लिखी रचना .बहुत बधाई आपको .
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