बस बहुत हुआ
अब तो कुछ करना होगा
अभी नहीं तो कभी नहीं
अब तो हर दुसरे इंसान की
रगों में
दौड़ रहा है , खून की तरह ही
आपको नहीं लगता
ये भी तो बाधक है
हमारे स्वस्थ्य जीवन की राह में
और वो
क्या दिशा निर्देशन करेगा ?
अपने बच्चों का
जो खुद भ्रष्ट है
इसके लिए तो ,
अनिवार्य विषय की तरह
ज्ञान देना चाहिए
स्कूल में ,
पता है मुझे कि ,
एकदम से कुछ नहीं हो सकता
पर धैर्य के साथ
स्वस्थ्य सोच के
बीजारोपण का
प्रयास करना चाहिए
तभी कर पायेगा
हर आने वाला व्यक्ति
पूर्णता स्वस्थ्य
दाम्पत्य जीवन का निर्माण
तभी होगा
" पूर्ण "
खुशहाल जीवन
खुशहाल परिवार
और एक
यौन अपराध मुक्त समाज
( प्रिये पत्नि गार्गी की कलम से )
धन्यवाद
Sach! Aisa samaj kabhee ban payega?
ReplyDeleteसुन्दर पंक्तियाँ।
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुती....
ReplyDeletekhubsurat panktiya...
ReplyDeleteसटीक और सार्थक प्रस्तुति ..
ReplyDeleteबहुत खूब, बढ़िया सोंच ....
ReplyDeleteशुभकामनायें !
सार्थक आह्वान करती सुन्दर प्रस्तुति ...
ReplyDeleteबिलकुल सही बात है ....हम पहले स्वयं की भ्रष्टता को विराम दें |