Saturday, October 1, 2011

अब कहना भूल जायेंगे .... ये जी , ओ जी , सुनो जी ......>>> संजय कुमार

अक्सर हमारे माता-पिता , बड़े बुजुर्ग हम सबको एक ही सीख देते और बर्षों से देते आये हैं जिसे हम आज भी मानते हैं कि , हमें हमेशा अपने से बड़ों का आदर करना चाहिए , हमेशा उनके नाम के साथ " जी " शब्द अवश्य जोड़ना चाहिए क्योंकि ये " जी " शब्द बड़ा ही आदरसूचक शब्द है और यदि हम इसका इस्तेमाल करते हैं तो इस समाज में हमें सभ्य और संस्कारी समझा जाता है ! जैसे माताजी - पिताजी , चाचाजी-चाचीजी , दादाजी-दादीजी , नेताजी, मंत्रीजी , महात्माजी , और आजकल प्रतिदिन की चर्चा में हमारा सबका प्यारा " २ जी " ! इस देश में हिंदी बोलने वाले लगभग सभी घरों में ये शब्द " जी " हमने कई बार या हमेशा सुना है जैसे पत्नियाँ अपने पति को , ये जी सुनते हो , ओ जी सुनते हो , बगैरह - बगैरह कह कर पुकारती हैं ! इस " जी " में एक अपनापन और अपनों के लिए कहीं ना कहीं प्रेम छुपा हुआ होता है जो प्रतिदिन की बोलचाल की भाषा में उपयोग होता है ! किन्तु अब इस आदरसूचक " जी " के बारे में इस देश का बच्चा - बच्चा जानता है ! जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ उस " जी " की जिसने आज हमारे देश की सरकार का और सरकार के सहयोगियों के कारण सरकार चलाना मुश्किल कर दिया है ! इस " जी " ने इस देश के बड़े बड़े राजाओं , महाराजाओं , मंत्री - संत्री , आला-अफसर , बड़े बड़े उद्योगपतियों को जेल की सलाखों तक पहुंचा दिया है ! इस देश में अब " जी " का नाम लेते ही अच्छे - अच्छों के छक्के छुट जाते हैं , अगर किसी के नाम के साथ ये " जी " लगा दिया जाय तो फिर ऐसा लगता है जैसे पैरों तले जमीन खिसक गयी हो ! इस देश में कोई सरकार , कोई भी पार्टी , कोई भी उद्योगपति अब ये नहीं चाहता कि कोई भी उसके सामने और उसके नाम के साथ " जी " का नाम भी ले , अब यदि कोई इस " जी " का नाम लेता भी है तो वो उसका सबसे बड़ा दुश्मन होता है ! अब आप बताएं कि , भविष्य में क्या होगा ? जब इस " जी " नाम की इस बला का इतना खौफ आज अच्छे - अच्छों की नींद उड़ा रहा है ! इस " जी " ने तो हमारे प्रधानमंत्री " श्री मनमोहन सिंह जी " का तो बुरा हाल कर रखा है अब उन्हें भी डर लगने लगा है कि कोई उन्हें " प्रधानमंत्रीजी " तो नहीं कह रहा है ! पी चिदम्वरम , प्रणव मुखर्जी भी आजकल " जी " के मारे इधर-उधर घूम रहे हैं पता नहीं कि, कहीं ये " जी " उनको भी औरों की तरह जेल की सलाखों के पीछे ना पहुंचा दे , वैसे भी आज सरकार की स्थति हमारे देश की क्रिकेट टीम के जैसी ही है " तू चल मैं तेरे पीछे पीछे आया " ! अब क्या होगा ? क्या हमारे बड़े बुजुर्ग अब हमें " जी " का संबोधन करने से मना करेंगे ? क्या हम अपने बच्चों को इस तरह के संस्कार देंगे जहाँ आदरसूचक " जी " को जिसे आज पूरा देश नफरत और बुरी द्रष्टि से देख रहा है ! क्या पति - पत्नि के आपस का प्रेम इस " जी " की बजह से खत्म हो जायेगा ? आप इस बात से अंदाजा लगा सकते है कि जब इस " २ जी " ने इस देश में इतनी उथल -पुथल मचा रखी है तो आगे क्या होगा ? क्योंकि आजकल तो हमारे दिलो दिमाग पर जल्द ही " ३ जी " छाने वाला है !
क्या हम " २ जी " और " ३ जी " के इस मायाजाल से बाहर निकल पाएंगे ..........


धन्यवाद

12 comments:

  1. अब तो जी शब्द से घबराहट होने लगी है।

    ReplyDelete
  2. " श्री मनमोहन सिंह जी " का तो बुरा हाल कर रखा है अब उन्हें भी डर लगने लगा है कि कोई उन्हें " प्रधानमंत्रीजी " तो नहीं कह रहा है ! पी चिदम्वरम , प्रणव मुखर्जी भी आजकल " जी " के मारे इधर-उधर घूम रहे हैं पता नहीं कि, कहीं ये " जी " उनको भी औरों की तरह जेल की सलाखों के पीछे ना पहुंचा दे , वैसे भी आज सरकार की स्थति हमारे देश की क्रिकेट टीम के जैसी ही है " तू चल मैं तेरे पीछे पीछे आया " !

    बहुत अच्‍छा है जी।

    ReplyDelete
  3. I was honestly amazed with how well this blog was done, beautiful layout, professional writing, great job!

    Funny Photo

    ReplyDelete
  4. बढ़िया लिखा है जी ..

    ReplyDelete
  5. हां जी, कभी तो दिन बदलेंगे.....आशा से आकाश थमा है.

    ReplyDelete
  6. वाह....बढ़िया लिखा है भाई......

    ReplyDelete
  7. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  8. बहुत बढ़िया कटाक्ष अब तो सब जगह 1जी 2जी 3जी 4जी 6जी ही रह गया है क्यों जी

    ReplyDelete