Wednesday, September 14, 2011

सबसे पहले आप हिंदी का ज्ञान लीजिये ... ...( हिंदी दिवस ) ....>>> संजय कुमार

इंसान हमेशा विपरीत दिशाओं के प्रति ज्यादा आकर्षित होता है ! रूप , रंग , लिंग , पैसा और आजकल भाषा के प्रति , और आज की भाषा है अंग्रेजी ! भले ही आपको हिंदी का ज्ञान हो ना हो किन्तु अंग्रेजी अवश्य आनी चाहिए ! क्या आपको हिंदी आती है ? क्या आपको है हिंदी का पूर्ण ज्ञान ? यदि नहीं , तो सबसे पहले आप हिंदी सीखें ! अगर आप हैं हिंदी के असली ज्ञाता और जानकार , तो आप फक्र कर सकते हैं अपने आप पर कि , आप है असली हिंदी भाषी , और यदि आपको नहीं हैं हिंदी का पूर्ण ज्ञान , तो सबसे पहले हिंदी सीखो , और फिर सीखो अंग्रेजी, क्योंकि हिंदी आपकी अपनी मात्रभाषा - राष्ट्रभाषा है ! माना अंग्रेजी भाषा आज हमारी जरुरत है ! माना आज अंग्रेजी भाषा के बिना हम अधूरे से लगते हैं ! भले ही आज अंग्रेजी भाषा को एक स्टेट सिम्बल के रूप में मान्यता मिली हो या हमने ही उसे ये मान्यता बिन मांगे दे दी हो , फिर भले ही हम ये मान्यता हिंदी को ना दे पाए हों ! चलो.... हिंदी राष्ट्र में किसी भाषा ( विदेशी ) को तो घोषित अथवा अघोषित मान्यता हम आधुनिक लोगों ने प्रदान की है ! किन्तु यह अवश्य भूल गए कि हिंदी हमारी पहचान है ! आज हम लोग विश्व में कहीं ना कहीं हिंदी भाषा के कारण ही जाने जाते हैं ! हिंदी भाषा अपने आप में बहुत महान है ! हिंदी की महानता का पता इस बात से चलता है ! कि , आज हम सब जिस अंग्रेजी के पीछे भाग रहे हैं, वो भी अपनी हिंदी भाषा को छोड़ कर ! जिस हिंदी को विश्व में हर कोई सीखना चाहता है ! आज दूर दूर से लोग भारत में आ रहे हैं सिर्फ और सिर्फ हमारी अपनी हिंदी भाषा को सीखने और समझने ! हिंदी भाषा में जो अपनत्व और सम्मान का भाव है वो आपको कहीं किसी और भाषा में सुनने को नहीं मिलेगा ! जिस हिंदी भाषा के बड़े बड़े विद्यालय हमारे हिंदुस्तान में हैं और आज बड़े बड़े विद्वान सिर्फ हिंदी को बचाने में लगे हुए हैं ! वहीँ हम लोग आज अपनी ही मात्र भाषा को भूलकर अंग्रेजी भाषा के पीछे भाग रहे हैं वह भी बिना कुछ सोचे समझे ! क्योंकि हम अपनी मात्र भाषा हिंदी के बढ़ावे के लिए भले ही कुछ ना कर रहे हों किन्तु अंग्रेजी सीखने के लिए हम अपनी युवा पीढ़ी और बच्चों को जरुर आगे कर रहे हैं !
ऐसा नहीं की मुझे अंग्रेजी नहीं आती इसलिए मैं अंग्रेजी को कोई गलत भाषा कह रहा हूँ , आज मुझे भी अपने कार्य क्षेत्र में अंग्रेजी की जरुरत महसूस होती है ! अगर नहीं भी आती तब भी मैं अपना काम अच्छे से चला लेता हूँ ! आज सबसे ज्यादा बुरा उस वक़्त लगता है जब आज के बच्चे जिन्हें बचपन से ही अंग्रेज बनाया जा रहा है , जब उनके द्वारा कहा जाता है की मुझे हिंदी नहीं आती ! इस तरह के वाक्य सुनकर बड़ा धक्का सा लगता है ! ये सच है, अगर नहीं तो बड़े-बड़े प्रोद्योगिक विद्यालयों में पढ़ने बाले युवाओं से पूंछ लीजिये की उनको हिंदी का कितना ज्ञान है अगर है तो ये हमारे लिए बड़े फक्र की बात है ! आज हम सभी अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं या बच्चे पढ़ते भी हैं , कभी आप उनसे हिंदी के बारे में पूँछिये , आपको इस बात का आभाष अवश्य हो जाएगा की आपके बच्चे को सिर्फ अंग्रेजी आती है हिंदी नहीं , और जब आप उसके प्रश्नों का जबाब नहीं दे पाते तो उस वक़्त आप यह महसूस करते हैं या अपने आप को दोष देते हैं की आपने अंग्रेजी क्यों नहीं सीखी, काश हमने भी अंग्रेजी सीखी होती तो आज यूँ बच्चों के सामने शर्मिंदा ना होना पड़ता ! उस वक़्त आप कभी नहीं सोचते की हम अपने बच्चे को हिंदी का भी पूर्ण अध्यन करा देवें जो उसके लिए बहुत उपयोगी है ! आज जिस तरह के परिवेश में हम अपने बच्चों का भविष्य देख रहे हैं उस परिवेश में शायद हिंदी का कोई स्थान नहीं है ! और यदि ये बात सच है तो हमारा युवा या देश का भविष्य सिर्फ अंग्रेजी में ही पारंगत होगा हिंदी में नहीं ! क्यों ........? क्योंकि हम आज अंग्रेजी बोलना अपनी शान समझते हैं ! यदि आपको अंग्रेजी नहीं आती तो आप शर्म और झिझक महसूस करते हैं ! ऐसा क्यों ? यदि नहीं आती तो कोई बात नहीं हम अपनी मात्र भाषा को तो अच्छे से जानते हैं ! हमें उस पर गर्व करना चाहिए ! लेकिन आज की युवा पीढ़ी के साथ ऐसा नहीं है ! उन्हें सिर्फ अंग्रेजी ही आती है और वो अंग्रेजी ही सीखना और जानना चाहते हैं ! उनके लिए हिंदी सिर्फ कचरा भाषा लगती हैं ! शायद हिंदी बोलने से उनका स्टेटस नीचे आ जाता है ! आज तेजी से हिंदी शब्द हम सबसे दूर हो रहे हैं और अंग्रेजी दिल में बस रही है , इसका अंदाजा आप अपने आस-पास के वातावरण को देखकर लगा सकते हैं कि , अंग्रेजी का कितना बोलबाला है ! आज स्थिति बदल गयी है , आज अंग्रेजी हमारे घरों में अपनी पकड़ दिन प्रति -दिन इतनी मजबूत करती जा रही है , जिसके घातक या बुरे परिणाम हम लोगों को भविष्य में देखने को मिलेंगे ! आज जिस तरह के परिवेश में हम सब जी रहे हैं उस परिवेश को आधुनिकता का युग कहते हैं और जब से इन्सान ने अपने आप को इस आधुनिकता की दौड़ में अपने आपको सबसे आगे करने का ढोंग करने लगा तब से इंसान ऐसी चीजों को अपनाने लगा जो कभी उसकी थी ही नहीं ! आज कई लोग भले ही हिंदी स्पष्ट ना बोल पायें इस बात का उन्हें जरा भी गम नहीं होता , लेकिन उनसे कहीं अंग्रेजी बोलने में कहीं कोई गलती हो जाये तो वह अपने आपको शर्मिंदा सा महसूस करते हैं ! ऐसा नहीं होना चाहिए !
इसलिए मैं जानना चाहता हूँ उन लोगों से जो अंग्रेजी को ही सब कुछ समझते हैं , अंग्रेजी ही उनके लिए सब कुछ है ! क्या आपको हिंदी आती है ? यदि नहीं तो सबसे पहले आप हिंदी का ज्ञान लीजिये और फिर सीखें अंग्रेजी .............

धन्यवाद

13 comments:

  1. निज भाषा उन्नति अहे.....

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  2. दूसरे क्यों ,खुद हमारे बच्चे भी कहते हैं कि हमें हिंदी नहीं आती , हिंदी में पढना असुविधाजनक लगता है ...जब हमने उन्हें पढाया ही अंग्रेजी मध्यम से है तो उनकी क्या गलती ...मगर जब एकाधिक बार बच्चों के मुंह से यह सुना तो उन्हें हिंदी भी पढने के लिए प्रोत्साहित किया ...आज जब वे हिंदी के शब्दों के अर्थ पूछते रहते हैं तो अच्छा लगता है ...कहने का मतलब सिर्फ चिंता करने से समाधान नहीं होता , हम क्या कर रहे हैं , यह भी महत्वपूर्ण है!

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  3. हिंद की शान है हिन्दी, मेरा अभिमान है हिन्दी
    देश हो, विदेश हो, हमारा स्वाभिमान है हिन्दी !

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  4. हिंदी दिवस पर
    बहुत ही रोचक और विश्लेष्णात्मक पोस्ट
    हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    *************************
    जय हिंद जय हिंदी राष्ट्र भाषा

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  5. वंदना गुप्ता जी की तरफ से सूचना

    आज 14- 09 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....


    ...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
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  6. बिलकुल सही ,सटीक और सार्थक बातें लिखी है आपने ......हमें इस दिशा में तुरंत सोचना होगा

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  7. आज कई लोग भले ही हिंदी स्पष्ट ना बोल पायें इस बात का उन्हें जरा भी गम नहीं होता , लेकिन उनसे कहीं अंग्रेजी बोलने में कहीं कोई गलती हो जाये तो वह अपने आपको शर्मिंदा सा महसूस करते हैं ! ऐसा नहीं होना चाहिए !


    सहमत हूं आपसे.
    बहुत अच्छा मुद्दा उठाया आपने...
    पूर्वाग्रह त्याग कर इस पर सभी को विचार करना चाहिए...

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  8. हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  9. हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  10. Sanjay ji,
    bahut sundar prastuti,aabhar
    मेरी १०० वीं पोस्ट , पर आप सादर आमंत्रित हैं

    **************

    ब्लॉग पर यह मेरी १००वीं प्रविष्टि है / अच्छा या बुरा , पहला शतक ! आपकी टिप्पणियों ने मेरा लगातार मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया है /अपनी अब तक की " काव्य यात्रा " पर आपसे बेबाक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करता हूँ / यदि मेरे प्रयास में कोई त्रुटियाँ हैं,तो उनसे भी अवश्य अवगत कराएं , आपका हर फैसला शिरोधार्य होगा . साभार - एस . एन . शुक्ल

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  11. बहुत सुन्दर...
    यथार्थपरक प्रेरक लेख

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  12. bandhu,wakai sahi awal uthti aapki post ankhe khol deti hai,aapka hardik abhaar.
    mai mcx mey deal/trade karna chahta hoon/kya aap koi safal,saral rasta bata payenge/
    mera cell no 9425898136 hai aur mai rewa se hoo/aapka hi
    bksingh
    rewa

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  13. http://urvija.parikalpnaa.com/2011/09/blog-post_17.html

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