Sunday, July 17, 2011

जीवन की भागमभाग से फुर्सत मिले तो .... अपनी कुछ यादें ताजा कर लीजिये .........>>>> संजय कुमार

आज इंसान के पास समय बिलकुल भी नहीं है ! सुबह जागने से लेकर रात सोने तक सिर्फ भागमभाग में लगा रहता है ! घर तो वह सिर्फ मुसाफिरों की तरह रात गुजरने आता है ! रात गुजरी सुबह हुई और चल दिए बही रोजमर्रा के काम काज करने के लिए ! ना बच्चों के लिए समय ना पत्नि के लिए और ना ही माँ-बाप के लिए ! मैं आज इंसान को उसकी पुरानी यादें ताजा कराने की कोशिश कर रहा हूँ ! घर, इंसान का सबसे बड़ा साथी , वह साथी जो जीवन भर उसके साथ रहता है ! यदि इंसान के पास एक घर नहीं है तो घर के बिना इन्सान का जीवन अस्तित्वहीन है ! इन्सान के हर सुख-दुःख का साक्षी होता है घर ! इन्सान की बहुत सी यादें एक घर से जुडी होती है ! फिर चाहे वहां उसका जन्म हुआ हो या मृत्यु , उसका बचपन बीता हो, या जवान हुआ हो , फिर चाहे शादी हुई हो या हो माँ-बाप बनने का प्रथम सुख ! सब कुछ अपने घर से जुड़ा होता है ! आइये आपको घर की कुछ मुख्य जगहों और घर के कुछ महत्वपूर्ण चीजों से रूबरू कराते हैं ! घर की सभी जगह सभी चीजें किसी ना किसी तरह अपना काम करती है , और हमारी सफलता में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं ! एक अच्छे घर का सपना हर कोई देखता हैं और जिनके पास एक अच्छा घर - परिवार है वो आज खुशकिस्मत है !

1. घर , जहाँ हमने सबसे पहले अपनी आँखें खोली , जहाँ हमारा जन्म हुआ ! जन्म भूमि से हर किसी को प्रेम होता है ! किन्तु आज लगभग इन्सान का जन्म अपने घर की जगह किसी सरकारी अस्पताल या किसी नर्सिंग होम में होता है ! और इन्सान इन जगहों पर बार बार जाना नहीं चाहता !

2. हमारे घर का आँगन जहाँ हम अपने पैरों पर पहली बार खड़े हुए , और जहाँ हम अपने भाई-बहनों के साथ दौड़ लगाया करते थे ! किन्तु आज इन्सान के बीच इतना मतभेद हो गया , और हमारे घरों से यह आँगन कब कोठरियों में बदल गए नहीं मालूम ! आज-कल बड़े शहरों में तो सिर्फ फ़्लैट होते हैं , वहां पलने बाले बच्चे नहीं जानते आँगन का मतलब ! और भविष्य में जब हमारे बच्चे हम से पूंछेंगे की ये आंगन क्या होता है ? शायद हम जबाब ना दे पायें !

3. घर के वह कमरे जहाँ हमने बैठकर , जागकर , सोकर , उधम मचाकर अपनी पढाई की , और अपने भविष्य के सपने बुने ! जहाँ इस बात को लेकर हम कई बार अपने भाई-बहनों से लड़ाई करते थे कि , यह जगह मेरी है और बो जगह तेरी हैं ! शायद आज भी कई घरों में यह स्थिति होती होगी ! बचपन के सबसे प्यारे क्षण जो हमेशा याद रहते हैं और जहाँ पर तैयार होता है भाई-बहनों के सच्चे प्रेम का निर्माण , जो जीवन पर्यंत चलता है ! ( किन्तु आज का युवा अपने आप में ही मस्त है, उसे शायद अपनों की चिंता ही नहीं है )

4. घर का वह कमरा जिसे हम शयनकक्ष कहते हैं जहाँ हम जीवन भर अपने जीवनसाथी के साथ रहते हैं ! जहाँ पर जुडी होती हैं कई यादें, और अपने भविष्य को बनाने की योजना, और बहुत कुछ ! सब कुछ इसी कक्ष में , लेकिन यह कमरा आपको तभी मिलेगा जब आप शादी कर लेंगे और उस कक्ष में आपके जीवन साथी का स्वामित्व हो जाएगा तभी इस कक्ष का महत्त्व है ! इस कक्ष में इन्सान एक लम्बे समय तक रहता है ! यह कमरा हर किसी के पास होता है , फिर चाहे शहर का फ़्लैट हो या गाँव की झोपड़ी !

5. घर का बरामदा जहाँ पर हमने उधम मचाते हुए कई बार अपने माता-पिता, दादा-दादी के द्वारा डांट खायी और कई बार सजा के हक़दार बने , किन्तु अब इन बरामदों में आपको हमारे माता-पिता या दादा-दादी कम ही देखने को मिलेंगे क्योंकि आज का इन्सान अब अलग और अकेला रहना चाहता है , और अब धीरे-धीरे संयुक्त परिवार वाली परम्परा समाप्त हो रही है ! और आज के बहुत से बच्चे अपने दादा-दादी की डांट नहीं सुन पाते जो हर किसी के जीवन में बहुत उपयोगी होती हैं क्योंकि इनके पास होता है , जीवन का सच्चा अनुभव !

6. घर की छत जहाँ हमने आसमान में उड़ने वाले पक्षियों को देखकर आसमान में उड़ने और आसमानी बुलंदी को पाने की सच्ची कोशिश सीखी ! और नीला आकाश, चंद्रमा की शीतलता , सूर्य का तेज और टिमटिमाते तारे , उमड़ते-घुमड़ते बादल सब कुछ यही से देखा ! बड़े - बड़े फ़्लैट में रहने बालों को छत नसीब नहीं होती !

7. घर की रसोई जहाँ से हमने पहली बार किसी स्वाद को चखा , और आज इन्सान के सारे काम यहीं से शुरू होते है सुबह सुबह चाय नाश्ता हमको यहीं से मिलता है तभी हम अपने घर से अपने कार्य क्षेत्र को जाते हैं ! जहाँ माँ कामधेनु निवास करती हैं !

8. घर में भगवान का छोटा सा कमरा या छोटी सी अलमारी जहाँ विश्व की सबसे बड़ी शक्ति विराजमान होती है ! जहाँ से हम अपने सुख समृद्धि की कामना करते हैं , और जहाँ से हम अपने धर्म और ईश्वर के प्रति श्रधा का भाव सीखते हैं ! और सीखते हैं , आदर , अपनापन और जानते हैं ईश्वरीय शक्ति के बारे में ! किन्तु आज इश्वर में ध्यान कितने लोग लगाते हैं , यह कहना बहुत मुश्किल हैं ! आज इन्सान के पास अपने परिवार को देने के लिए समय नहीं है तो फिर भगवान् को पूंछता कौन है ! भगवान् को सिर्फ बुरे और विपत्ति समय में ही याद किया जाता है ! आज भगवान् भी तरसता हैं ऐसे इंसानों के लिए जो वाकई उसमे विश्वास रखता हो और सच्ची भक्ति रखता हो ! आज के आदर्श सलमान , कटरीना , सचिन , आमिर हैं !

9. घर का बाथरूम जहाँ पर हम यूँ ही गुनगुनाते हुए बाथरूम सिंगर से एक अच्छा कलाकार बन गए और अच्छा नाम कमा लिया !घर का आईना जिसे देखकर हमने कई बार अपने आपको निहार कर जीवन में कभी मूक अभिनय कर बहुत कुछ सीखा , और एक कलाकार बन गए ! क्योंकि आईना कभी झूंठ नहीं बोलता !

इंसान के जीवन में अगर अपने घर का सुख नहीं हैं तो उसके पास कुछ भी नहीं हैं ! किसी भी इंसान का अस्तित्व एक घर से जुड़ा हुआ होता है ! अगर घर हैं तो इन्सान हैं अगर घर नहीं तो कुछ भी नहीं है ! इनके अलावा भी एक घर में बहुत सी चीजें होती हैं , बहुत सी जगह होती हैं जिनसे इन्सान का लगाव बहुत होता है ! क्या आपके पास है ऐसा घर ? क्या आपके पास हैं घर से जुडी हुई कुछ यादें ? अवश्य बताएं !

क्योंकि हर घर बहुत नहीं बहुत बहुत कुछ कहता है !

धन्यवाद

5 comments:

  1. जीवन की भागदौड़ के बाद घर ही ऐसी जगह बचती है जहाँ मन को शान्ति मिल सके।

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  2. यथार्थ के धरातल पर रची गयी एक सार्थक प्रस्तुति !

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  3. बहुत सुन्दर कहा।

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  4. आज इंसान के पास समय बिलकुल भी नहीं है ! सुबह जागने से लेकर रात सोने तक सिर्फ भागमभाग में लगा रहता है
    .....आपने एक सच्ची बात को सामने रखा है ...संजय भाई

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  5. ......श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनायें !
    जय भोलेनाथ

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