Monday, February 22, 2010

मे इन्सान किस काम का

main insan हूँ , पर हूँ किस काम का
मै karta बड़े -बड़े काम , पर आ न सकूँ किसी के काम,
फिर भी है मेरा बड़ा नाम , मै इन्सान हूँ बस नाम का
मै इन्सान किस काम का
मै इन्सान हूँ बस नाम k



मै नेता इस देश का, भविष्य इस देश का
जनता का रखवाला, इस देश को चलानेवाला
पर मै नेता हूँ किस काम का, मै नेता बस नाम का
न कर सका गरीबी को दूर, ना मंहगाई को
रोक न सका अपराध, ना ही भ्रह्स्त्ताचार
ऩा आतंकबाद और ना ही, जातिबाद
मै नेता किस काम का , मै नेता बस नाम का

मै हूँ साधू - संत, हूँ ज्ञानी बड़ा
मेरे आगे सब नतमस्तक , हो छोटा या बड़ा
मैं करता धर्म की बातें, देता हूँ प्रवचन और ज्ञान
जिनसे मै बन गया बड़ा और महान
पर मैं महान साधू - संत , हूँ किस काम का
मैं साधू - संत हूँ बस नाम का
ऩा दूर कर सका अधरम और लोगों व्याप्त अज्ञान
ऩा चल सका कोई सदमार्ग पर, ऩा चल सका इन्सान धर्म पर
मैं साधू - संत किस काम का , मैं ......................................

यह मेरी सुरुआत है , कृपया अपनी राय अबश्य दें
सधान्याबाद
संजय कुमार चौरसिया
शिवपुरी (मध्य - प्रदेश )
मोब_ 09993228299




3 comments:

  1. प्रिय संजय जी, बहुत बेहतरीन कविता लिखी आपने.. अपना नाम लेके समाज के उन विद्रूप चेहरों के काम लिख दिए जो लोगों की नज़रों में चढ़े हुए हैं.... बस कुछ छोटी-मोटी कमियाँ हैं जैसे आपने अभी तक ना तो अपने ब्लॉग को ब्लॉगवाणी या चिठ्ठाजगत या किसी अन्य एग्रीगेटर से जोड़ा है.. ये बहुत आसान है बस www.blogvani.com पर जाके अपना चिटठा जोड़ें या ब्लॉग जोड़ें ऑप्शन पर क्लिक करके उसके अनुसार करते जाएँ..
    कुछ शब्द बीच बीच में अंग्रेजी के आ गए हैं.. और कुछ अशुद्ध हो गए हैं जैसे- main insan, karta, k .... भ्रह्स्त्ताचार- भ्रष्टाचार, आतंकबाद-आतंकवाद, जातिबाद- जातिवाद, मै- मैं, अधरम- अधर्म.. शुरुआत में सबसे ऐसा होता है इसलिए परेशान होने वाली बात नहीं है..
    कविता के भाव बहुत प्यारे हैं.. जितनी जल्दी हो ब्लॉग को किसी एग्रीगेटर से जोड़िए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आपके हुनर को जान सकें.. :)
    जय हिंद... जय बुंदेलखंड...

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  2. अच्छा प्रयास है, लगता है ईमानदार हो !हार्दिक शुभकामनायें !

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