68 वें स्वतंत्रता दिवस पर मैं आप सभी साथियों एवं समस्त देशवासियों को " स्वतंत्रता दिवस " की ढेर सारी बधाइयाँ और शुभ-कामनाएं देता हूँ ! आइये हम सब अपने मन में उठने वाले सभी नकारात्मक विचारों से आजाद होकर इस पर्व को परिवार सहित हँसी ख़ुशी- ख़ुशी मनाएं।
क्या आप भारतीय हैं ? इस तरह का प्रश्न पूंछना शायद गलत है , किसी भी सच्चे देशभक्त की भावनाओं को ठेस पहुँच सकती है ! इस प्रश्न के लिए मैं माफ़ी चाहता हूँ ! फिर भी आप कौन से भारतीय हैं इस बात पर जरा ध्यान दीजिये ! सर्वे और रिपोर्ट के आधार पर हम भारतियों की स्थिति।
पहला भारतीय ............. आंकड़ों के अनुसार औसतन हर भारतीय कर्जदार है !
दूसरा भारतीय .............. अभी सर्वे जारी है।
तीसरा भारतीय ..........… हर तीसरा भारतीय गरीब है ! हर तीसरा भारतीय भ्रष्ट है ! देश की हर तीसरी शादी शुदा महिला बालिका बधु है ! ( मतलब उसका विवाह १८ बर्ष की उम्र के पहले हुआ )
पाँचवे से लेकर १०० वें भारतीय का सर्वे भी अभी जारी है !
इस तरह के सर्वे और रिपोर्ट कितनी सही और कितनी गलत है ये कहना मुश्किल है फिर भी ये हमारे देश का दुर्भाग्य है कि , हमारे देश पर या देशवासियों पर विश्व बैंक का कर्जा है तो दूसरी ओर काली कमाई का " स्विस बैंक " में जमा कालेधन में पिछले बर्ष ४०% का इजाफा होना ( पहले ७० लाख करोड़ और अब ८५ लाख करोड़ ) " गरीबों का पैसा अमीरों के बैंक में " ! चार बर्ष पूर्व एक सर्वे आया था जिसमें ये बताया गया था कि , भारत का हर तीसरा व्यक्ति भ्रष्ट है और भ्रष्ट देशों की सूची में भारत चार साल पहले विश्व में ८४ वें नम्बर पर था , अब प्रश्न यह उठता है कि , क्या पिछले चार सालों में हम नंबर २ की पोजीशन पर आये या फिर तीन पर ही बरकरार हैं ? बहुत दिनों से बड़े घोटालों की ख़बरें आना बंद हो गई हैं ! शायद " अच्छे दिन " आ गए हैं या फिर मेंहगाई की मार ने हमारी सोचने समझने की शक्ति हमसे छीन ली है ! अभी २०१४ में सँयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के आधार पर एक नया सर्वे आया जिसमें ये बताया गया है कि , भारत का हर तीसरा व्यक्ति गरीब है , अभी दो दिन पूर्व एक और चौंकाने वाली रिपोर्ट में ये बताया गया है कि , करोड़पतियों की सूचि में भारत अब विश्व में आठवें नंबर पर है , यानि १५००० करोड़पतियों ने भारत को टॉप १० की लिस्ट में पहुंचा दिया है , जिस लिस्ट में चीन , जापान ,अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित विकासशील देश शामिल हैं ! ( अमीर लोगों का गरीब देश भारत )
इस तरह की रिपोर्ट पढ़कर ये सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि, हम भारतीय हैं ? पर कौन से .... पहले - दुसरे या तीसरे या फिर हमारा कोई नंबर ही नहीं है ! कोई भी भारतीय इस रिपोर्ट पर विश्वास नहीं कर रहा है , और हर कोई यह कह रहा है, कि यह रिपोर्ट पूरी तरह गलत है, १२५ करोड़ की आवादी वाला देश जहाँ चारों ओर गरीबी और बेरोजगारी है , लोगों के पास ना तन ढंकने को कपडा है ना सिर पर छत है ! हजारों - लाखों भारतीय तो यह भी नहीं जानते कि , भ्रष्टाचार होता क्या है ? उस देश का हर तीसरा आदमी कैसे भ्रष्ट हो सकता है ! ऐसा लगता है कि , भारत को बदनाम करने के लिए पडोसी देश की ये कोई नई चाल है ! यह रिपोर्ट क्या आई आम नागरिक अब एक-दुसरे को शक की द्रष्टि से देखने लगा है और मन ही मन यह अनुमान लगा रहा है कि, यह कौनसा भारतीय है , लेकिन अनुमान लगाना इतना आसान नहीं हैं , क्योंकि इस देश में रहने वाला कोई भी भारतीय अपने आप यह कभी नहीं कहेगा की मैं किस नंबर का भारतीय हूँ ! वह तो सिर्फ इतना कहेगा की मैं तो सिर्फ भारतीय हूँ , ना पहला, दूसरा और ना तीसरा , उसकी यह बात सुनकर अच्छा भी लगा , क्योंकि हमारे देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रहते यहाँ हैं , खाते- पीते यहाँ हैं जीवन यापन इस देश में करते हैं और जब राष्ट्र भक्ति की बात आती है तो गुणगान किसी और का ................ खैर जाने देते हैं इस बात को ... वर्ना देश के कुछ गद्दार कहीं भड़क ना जाएँ ! ( सच बहुत कड़वा होता है )
प्रश्न ये है कि , क्या आप भारतीय हैं ? और हम सभी का जबाब " हाँ " है ! किन्तु ये भी सच है कि , हम सभी भारतीय होने से पहले कुछ और हो जाते हैं ! हम हिन्दू-मुस्लिम हो जाते हैं , हम सवर्ण - दलित हो जाते हैं , हम गरीब - अमीर हो जाते हैं , हम छोटे और बड़े हो जाते हैं .…… और फिर धीरे - धीरे हम भारतीयता को भूल जाते हैं ! हम सभी ने अपने आप को कई वर्गों में बाँट रखा है और इस वर्गीकरण से हम सच से कोसों दूर होते जा रहे हैं ! भारतीय होने का अहसास हमें २६ जनवरी - १५ अगस्त को ही विशेष रूप से होता है ! विदेशियों द्वारा किये जाने वाले सर्वे से एक बात की ख़ुशी अवश्य होती है कि , वो हम भारतियों पर सर्वे करते हैं , ना की वर्गीकरण के साथ , इसलिए तीसरा भारतीय ( गरीब , भ्रष्ट , बालिका बधु ) कोई भी हो सकता है ! रिपोर्ट का हमारे धर्म-मजहब , हिन्दू-मुस्लिम , सवर्ण -दलित से कोई लेना देना नहीं है ! अब रिपोर्ट पर आते हैं तो सवाल यह उठता है की, वह तीसरा आदमी कौन है ? जो इस सर्वे की रिपोर्ट में पकड़ में आया हैं और कैसे ? क्योंकि आज तक हम लोग चंद मुट्ठी भर लोगों को ही इस देश में भ्रष्ट मानकर चले आ रहे हैं ! देश के नेता , मंत्री -संत्री , साधू-सन्यासी , आला-अफसर , पुलिस , डॉक्टर , वकील , गुंडे-मवाली , और देश की बागडोर चलाने वालों के चमचे , चेले-चपाटे और भी बहुत से लोग हैं जो देश में तीसरे भारतीय हैं ! अगर हर तीसरा भारतीय गरीब भी है तो एक गरीब आदमी भ्रष्ट कैसे हो सकता है ? आज का गरीब तो अपने हक़ की लड़ाई , लड़ते - लड़ते कई बार दम तक तोड़ देता है ! भ्रष्टाचार क्या और कैसे होता है ? बेईमानी क्या है ? ऐ गरीब नहीं कर सकता , बल्कि बेईमानी और भ्रष्टाचार तो उसके साथ होता है ! अगर रिपोर्ट आई है तो कुछ ना कुछ तो सही होगा , लेकिन कैसे , अब तो हम सिर्फ अनुमान ही लगा सकते हैं कि, हम कौन से भारतीय है ? पहले , दुसरे या तीसरे , हम तो उस तीसरे भरतीय को खोज रहे हैं जो हमारे देश का नाम ख़राब कर रहा है ! अगर वह तीसरा भारतीय आपको कहीं मिल जाए तो आप जरूर बताइएगा !
( एक सच ) अंग्रेजों से आज़ादी हांसिल करने के लिए जिन लोगों ने लड़ाईयाँ लड़ी , वलिदान दिया वो सभी भारतीय थे और वो सभी पूर्ण भरतीयता के साथ लड़े .......... ना कि , किसी वर्गीकरण के साथ ……… यदि लड़े होते तो हम आज भी गुलाम होते ! तो फिर क्यों आज भारतीय होने से ज्यादा दुसरे मुद्दों पर ज्यादा जोर है ?
( एक सच ) अंग्रेजों से आज़ादी हांसिल करने के लिए जिन लोगों ने लड़ाईयाँ लड़ी , वलिदान दिया वो सभी भारतीय थे और वो सभी पूर्ण भरतीयता के साथ लड़े .......... ना कि , किसी वर्गीकरण के साथ ……… यदि लड़े होते तो हम आज भी गुलाम होते ! तो फिर क्यों आज भारतीय होने से ज्यादा दुसरे मुद्दों पर ज्यादा जोर है ?
मैं तो सिर्फ भारतीय हूँ और अपने भारतीय होने पर फक्र भी करता हूँ ! फिर भी मैं आपसे पूंछ रहा हूँ कि ,
क्या आप भारतीय हैं ?? यदि हाँ , तो फिर कौन से ?………
एक बार फिर से मैं आप सभी को " स्वतंत्रता दिवस " की ढेर सारी बधाइयाँ और शुभ-कामनाएं देता हूँ !
जय हिन्द …… वन्दे मातरम् ……… …… इन्कलाब जिन्दाबाद …… जय हिन्द
धन्यवाद
संजय कुमार
मै भी भारतीय हूँ कौन से नम्बर की कोई वर्गीकरण नहीं करूम्गी आत्मा से भारतीय हूम
ReplyDeleteVicharniy Baat
ReplyDeleteसबसे बढ़िया , उत्कृृष्ट और विचारनीय लेख। जी सच है , नंबरों में ही बँटते रहे हैं भारतीय , भारतीयता से उन्हें प्रेम नहीं।
ReplyDeleteआपको हार्दिक शुभकानाएं!
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ReplyDeleteHi Sanjay ji
ReplyDeleteMujhe aapka blog accha laga. Maine haal hi me ek hindi me blog likhna start kiya hai, Kripya aakar apne comments ya suggestions dijiye. Mere blog ka naam hai Dainik Blogger (http://dainikblogger.blogspot.in/)
Thanks
Ayaan
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ReplyDeleteहम भारतीय हैं।भ्रष्टाचार हमारे आचरण में रच बस गया है। अब नयी सरकार आने के चार माह बाद उसकी सक्रियता और काम देखने के बाद ऐसा लग रहा है कि शायद सचमुच ही अच्छे दिन आ जाएं और एक दिन भ्रष्टाचार भी कम होने लगे।
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