Thursday, December 23, 2010

ये हैं कैसे करम, नहीं ख़ुशी - सिर्फ गम ..... >>> संजय कुमार

कहा जाता है , इंसान अगर अच्छे कर्म करता है तो हमेशा खुश रहता है और यदि बुरे कर्म करता है तो जीवन भर परेशान और दुखी रहता है ! यह बात कितनी सच है और कितनी गलत इस बात का अंदाजा आज कलियुग में इन्सान के हालातों को देखकर लगाया जा सकता है ! आज की मतलबी और स्वार्थी दुनिया में इन्सान कितने भी अच्छे और भलाई के काम करे फिर भी उसे उसके अच्छे कर्मों का उचित फल नहीं मिलता ! आज इन्सान के अच्छे कार्यों को भी हम लोग बुरी नजर से या शक भरी निगाह से देखते हैं , लगता है इस अच्छे काम के पीछे उसका कोई गलत मकसद जरूर होगा, आज कल यही हो रहा है ! कई बार देखा गया अच्छे फल की चाहत में इन्सान को बुरा फल ही मिलता है ! या यूँ कह सकते हैं " नेकी कर और जूते खा " या " नेकी कर दरिया में डाल " आज यही कहावत हर जगह चरितार्थ हो रही है ! आज इन्सान कितनी भी सच्चाई और ईमानदारी से काम करे उसे उसकी मेहनत का उचित फल नहीं मिलता ! क्योंकि ईमानदार अब बहुत कम संख्या में हैं , अगर हैं भी तो उनकी सुनने बाला कोई नहीं ! आज सबसे ज्यादा दुखी और परेशान ईमानदार ही है क्योंकि चारों तरफ भ्रष्टाचार , घूसखोरी , लूट-खसोट का वातावरण निर्मित हैं ! एक ईमानदार कब तक " तालाब में रहकर मगरमच्छ से बैर करेगा " इसलिए उसके ईमानदार होने पर भी वह खुश नहीं है ! क्योंकि ये जालिम ज़माना उसे ईमानदार बनकर ज्यादा दिन तक जीने नहीं देगा या तो वह बेईमान बनेगा नहीं तो कहीं का नहीं रहेगा ! ये हैं अच्छे करम, ना ख़ुशी सिर्फ गम !

जीवन भर एक गरीब विद्यार्थी पूरी लगन और मेहनत के साथ पढ़ाई करता है , किन्तु जब फल खाने की बात आती है तो उसकी मेहनत पर कोई और (पैसे बाला ) डांका डाल देता है या यूँ कहें , घूस देकर उस मेहनती विद्यार्थी का हक किसी और को मिल जाता है ! क्योंकि आज कोई भी नौकरी बिना रिश्वत दिए नहीं मिलती किसी को, जब तक रिश्वत नहीं तब तक नौकरी नहीं ! कई बार होनहार विद्यार्थी अपना हुनर किसी दुकान पर नौकरी या मजदूरी कर दिखाते हैं ! यहाँ मेहनत नहीं पैसे की जीत होती है !

गरीब किसान जीवन भर कड़ी मेहनत करता है और इन्सान के लिए अनाज का उत्पादन करता है , किन्तु उसे उसकी मेहनत का सम्पूर्ण फल कभी नहीं मिलता जो उसे मिलना चाहिए , अगर कुछ मिलता है तो एक कर्जदार की जिंदगी , खुदखुशी करने के लिए मजबूर , अपनी फसल के लिए उचित मूल्य पाने के लिए जीवन भर लड़ाई , ये है उसके अच्छे कर्मों का बुरा फल , अगर किसान हल चलाना छोड़ दे तो क्या होगा मानव सभ्यता का ? आज सबसे ज्यादा दयनीय हालात में अगर कोई है तो वो है आज का किसान !

हर माँ-बाप जीवन भर अपने बच्चों के बारे में ही सोचते हैं ,उनका अच्छा सोचते हैं , उनका ख्याल रखते हैं , उन्हें जीवन की सारी खुशियाँ, सुख- सुविधाएँ देते हैं ! उसके लिए वह अपनी खुशियाँ , सुख -सुविधाएँ तक सब कुछ न्योछावर कर देते हैं ! कहते हैं माँ -बाप के अच्छे कर्मों का फल उनकी संतान को मिलता है ! किन्तु आज माँ-बाप को उनके अच्छे कर्मों के फल के रूप में क्या मिल रहा है ? घर से बेदखल होना पड़ता है , दर दर की ठोकर खाने को मजबूर , परिवार में गैरों से भी वद्तर व्यवहार, क्या यही हैं इनके अच्छे कर्म ? आज ऐसे अनगिनत मामले हमने देखे-सुने और पढ़े हैं जहाँ माँ-बाप को उनकी संतान ने सिवाय दुःख के और कुछ नहीं दिया ! इस भागदौड़ भरी दुनिया में , इस मंहगाई की दुनिया में , इस कलयुगी दुनिया में साधारण इन्सान को सिर्फ दुःख और तकलीफ के अलावा और कुछ नहीं मिलता ! आज इन्सान की जरुरत सिर्फ पैसा है ! यदि पैसा है तो शायद इन्सान इतना दुखी ना हो जितना बिना पैसे के है ! ऐसे लाखों - करोड़ों लोग हैं जो हमेशा अपनों का भला चाहते हैं और भला करते भी हैं , किन्तु उन्हें अपनी भलाई के रूप में सिर्फ उपहास मिलता है !

इस दुनिया में अपने आप को सुखी और खुशहाल समझने बाले बहुत कम लोग हैं , ज्यादा संख्या में दुखी-मजबूर और लाचार मिलेंगे जो किसी ना किसी चीज से पीड़ित हैं !

ये हैं कैसे करम, नहीं ख़ुशी - सिर्फ गम

धन्यवाद

14 comments:

  1. बात आपकी सही है करनी का फ़ल तो मिलता ही है --पर ये भी उतना ही सच है कि --कर्म किये जा फ़ल की चिंता मत कर ऐ इंसान...

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  2. जो भी मिले अपने हिस्से की भलाई करते चलें.

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  3. POORA AALEKH PADHNE KE BAAD YAHI NISKARSH NIKALTA HAI...
    JAISI KARNI VAISI BHARNI.........

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  4. बहुत गहरी और सार्थक बातें

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  5. नेकी कर , दरिया में डाल --- आज भी इसी में भलाई है। समझने वाले कभी नहीं मिलेंगे।

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  6. sachchai ka digdarshan karata hai apka lekh ...
    desh aur samaj ki visangati ...
    sarthak lekh..

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  7. आपके ब्लाग पर "ये हैं कैसे करम, नहीं ख़ुशी -सिर्फ गमी" एक दम सही लिखा है आपने

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  8. "समस हिंदी" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को एक दिन पहले
    "मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !

    ()”"”() ,*
    ( ‘o’ ) ,***
    =(,,)=(”‘)<-***
    (”"),,,(”") “**

    Roses 4 u…
    MERRY CHRISTMAS to U

    मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है

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  9. बहुत गहरी और सार्थक बातें|

    "मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !

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  10. जबाब नहीं निसंदेह ।
    यह एक प्रसंशनीय प्रस्तुति है ।

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  11. "मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये!

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  12. ... saargarbhit lekhan ... prabhaavashaalee post !!!

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  13. बहुत सार्थक पोस्ट ...सारगर्भित

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