Wednesday, December 1, 2010

अब गद्दारों के हाँथ में है देश ........ इस देश में एक गद्दार ढूँढने निकलो , कई मिल जायेंगे ..... >>> संजय कुमार

गद्दार एक ऐसा व्यक्ति, एक ऐसा नाम जो किसी भी विकसित राष्ट्र को एक ही क्षण में तवाह करवा सकता है ! किसी भी राष्ट्र की नींव को अन्दर तक खोखला करने की क्षमता रखता है एक गद्दार , इतनी ताक़त होती है एक गद्दार और राष्ट्रद्रोही में ! यह हमारे साथ रहकर हमारी जड़ें खोखली करता रहता है और हमे तब पता चलता है जब इसके बुरे परिणाम हमारे सामने आते हैं ! यह कब हमें मौत के मुँह में पहुंचा दे , इस बात का हमें अहसास भी नहीं होने देता , यह हमारे लिए कब्र तैयार करता रहता है , और हम विश्वास में अपनी जान इसके हवाले तक कर देते हैं , और फिर यही आपका अपना आपकी पीठ में ऐसा खंजर घोंपता है , जहाँ इन्सान को मिलती है सिर्फ मौत ! आप सभी ने एक पौराणिक कहावत तो जरूर सुनी होगी ! " घर का भेदी लंका ढाये " जहाँ विभीषण ने अपने घर के सारे राज खोलकर अपनी पूरी राक्षस जाति का सर्वनाश करवा दिया था ! पर विभीषण ने धर्म के लिए ऐसा किया था इसलिए हम विभीषण को गलत नहीं मानते ! लेकिन जैसे जैसे समय बदला इन गद्दारों ने सत्ता के मोह में , पैसों के लालच में आकर, स्वयं को दुश्मनों को बेच दिया और खोल दिए, हमारे अपने सारे राज दुश्मनों पर ! और वहा दी अपनों के खून की नदियाँ !

अंग्रेजो ने जो हम पर इतने सालों तक राज किया उसमे देश के गद्दारों का बहुत बड़ा योगदान था ! इनकी गद्दारी ने इस देश को कितने गहरे जख्म दिए है जिनके निशान आज भी कहीं ना कहीं हमारे दिलों में हैं जिन्हें हम आज भी याद करते हैं ! फिर चाहे गद्दारी के कारण टीपू-सुल्तान, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई , भगत सिंह , चंद्रशेखर आजाद, या तात्या टोपे इन सभी सूरमाओं को अपनों की गद्दारी की कीमत में अपनी जान से हाँथ धोना पड़ा ! वर्ना इन्हें कोई यूँ ही नहीं मार सकता था ! यह वो वीर थे जो इतिहास बदलने की क्षमता रखते थे ! काश , गद्दार ना होते तो ...........
देश में भ्रष्टाचार इतना बढ गया हैं कि, सत्ता की लालच में , पैसों के लिए बिकता इन्सान, आज देश से गद्दारी करने से भी नहीं चूकता , लोगों ने अपनी जरूरतें इतनी बड़ा ली हैं जिन्हें वह एक मामूली वेतन से पूरा नहीं कर पाता , इन्हीं में से कुछ लोग अपने ईमान का सौदा कर लेते हैं और देश से गद्दारी करने तक को तैयार हो जाते हैं ! आज देश में सर्वोच्य पदों पर बैठे कुछ लोग हमारे देश से ही गद्दारी कर रहे हैं ! और इन गद्दारों की करनी का फल आज हम लोगों को भुगतना पड़ रहा हैं ! हम हिन्दुस्तानी हमेशा से विश्वास करने बाले होते हैं और किसी पर सहसा विश्वास कर लेते हैं ! और हमारी इसी भावना को दुश्मन अपना हथियार बना लेते हैं ! और इसका उदहारण माधुरी गुप्ता, (पकिस्तान में भारत की आयुक्त ) , रवि इन्दर सिंह (IAS) जैसे लोग हैं , जो इस देश के सर्वोच्य पदों पर बैठ कर अपने ही देश से गद्दारी कर रहे हैं ! गद्दारों की गद्दारी का परिणाम इस देश की अवाम को भुगतना पड़ रह हैं ! फिर चाहे मुंबई धमाके हो या संसद पर हमला , फिर चाहे नक्सलियों को हथियार मुहैया कराने बाले कुछ जवान जिनके कारण कितने जवानों को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी ! आज किसी छोटे मोटे चोर को पकड़ कर पुलिस का सजा देने का अंदाज तो हम सभी ने कई बार देखा है ! जब उनको बेरहमी से सजा दी जाती है या उनको इतना प्रताड़ित किया जाता है कि वो अपना दम तक तोड़ देते हैं ! ऐसे लोगों की तो मजबूरी हो सकती है , गरीबी , भूख, बेरोजगारी जिस कारण से ये लोग इस तरह के काम करते हैं ! इनको हम जीवन भर घ्रणा की द्रष्टि से देखते हैं ! पर देश के सर्वोच्य पदों पर बैठे इन लोगों की क्या मजबूरी है ? जो अपने ईमान के साथ साथ इस देश को भी बेच रहे हैं ! पर ऐसे लोगों के साथ हम या हमारी सरकार क्या कर रही है ? और क्या करेगी ? आज तक सरकार ने कितने गद्दारों को उनकी करनी की सजा दी है ! सरकार सिर्फ इन लोगों से अपने देश की जेलें भर सकती है और कुछ नहीं ! क्यों नहीं है देश में ऐसा कानून जहाँ गद्दारी की सजा सिर्फ मौत हो , जो पहले कभी हुआ करती थी ! यदि एक गद्दार को सजा मिलेगी तो दूसरा, देश के साथ गद्दारी करने से पहले कई बार सोचेगा ! पर ऐसा नहीं होगा ! क्योंकि आज एक बड़ा वर्ग इस देश में हैं जो राजनीती में हैं ! एक बड़ा वर्ग इस देश के आला अधिकारीयों का है , जो पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है ! तो फिर कैसे पता चलेगा की कौन देश के साथ उसके हित की सोच रहा है और कौन गद्दारी कर रहा है !

एक दिन आएगा जब यह देश दुश्मनों के हाँथ में होगा और हम सब उनके इशारों पर नाचने बाले ! कारण देश के गद्दार होंगे , जो पता नहीं कब इस देश को बेच दे ! आज इस देश में हम अगर एक गद्दार ढूँढने निकलेंगे तो हमें कई मिल जायेंगे ! अगर इस देश में गद्दार नहीं हैं तो क्यों बढ़ रहीं है इस देश में यह दिन प्रतिदिन होती घटनाएं ! ...................... ( अब गद्दारों के हाँथ में है देश )

धन्यवाद

8 comments:

  1. इन गद्दारों को गद्दी पे बिठाने वाली जनता है. जब करोडो के घोटाले के बाद सजा बस यही की इस्तीफा तो गद्दारी बढ़ेगी ही ना..

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  2. desh kaa hit koun sochta hai.....gaddaron ki chalati hai.

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  3. एक बड़ा वर्ग इस देश के आला अधिकारीयों का है , जो पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है ! तो फिर कैसे पता चलेगा की कौन देश के साथ उसके हित की सोच रहा है और कौन गद्दारी कर रहा है !

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  4. देश में भ्रष्टाचार इतना बढ गया हैं कि, सत्ता की लालच में , पैसों के लिए बिकता इन्सान, आज देश से गद्दारी करने से भी नहीं चूकता ,
    ....संजय भाई सभी मौके की तलाश में रहते है

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  5. अब गद्दारों के हाँथ में है देश
    ..............सच कहा आपने संजय भाई

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  6. देश में भ्रष्टाचार इतना बढ गया हैं कि, सत्ता की लालच में , पैसों के लिए बिकता इन्सान,
    सच कहा भाई ...आज ऐसा ही हो रहा है ...बहुत शुक्रिया

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  7. जब भी एसी घटना होती है हम दुसरे देशो पर उंगली उठाना शुरू कर देते हैं बाहर झांकने से पहले हमे अपने घर अपने देश के नागरिको पर नज़र डालनी चाहिए ! रामायण मै एक बहुत ही सुन्दर पंक्ति लिखी गई है '' घर का भेदी लंका ढाहे '' सुनने मै बहुत बुरा लगता है पर ये शब्द हकीकत बयान भी करता है ! जब तक हम अपने देश की खबर बहार जाने से नहीं रोकेंगे तब तक एसी वारदातों को होने से कोई नहीं रोक सकता !
    सुन्दर रचना बधाई दोस्त !

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