Tuesday, March 8, 2011

महिला - दिवस पर करता हूँ सभी को नमन ! ( Women's - Day ) इन्हें भी याद करना होगा .... >>> संजय कुमार

लीजिये वह दिन आगया जब हम निसंकोच महिलाओं के मान-सम्मान की बात करते हैं ! शायद इसी दिन हम उन्हें याद करते हैं मतलब उनके मान-सम्मान के लिए ! वर्ना कुछ महिलाओं का तो पूरा जीवन निकल जाता है , यह जानने के लिए की महिला - दिवस आखिर होता क्या है ? क्या होता है इस दिन ? क्या कोई अवार्ड दिया जाता है ? या बड़ी - बड़ी बातें कर यूँ ही दिन निकाल देते हैं ! सिर्फ इसी दिन महिलाओं के मान-सम्मान के बारे में सोचते हैं ! बाकी दिनों में क्यों नहीं ? लेकिन जो मान - सम्मान की असली हक़दार है उनका तो सम्मान करना होगा ! आज महिलायें पुरुषों से कम नहीं हैं ! आज महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चल रही हैं ! आज महिलाएं प्रगतिशील है ! आज की नारी आज़ाद है अपनी बात सबके समक्ष रखने के लिए ! आजाद है अपने विचार व्यक्त करने के लिए ! आज महिलाएं चूल्हा - चौका छोड़ देश की तरक्की में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं ! आज महिलाओं ने देश को विश्व स्तर पर काफी ऊंचा उठाया है ! आज महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी उपलब्धि दर्ज कराई है ! आज देश की राजनीति में महिलाओं का क्या रुतबा है , हम सब इस बात को भली-भांति जानते हैं ! खेल क्षेत्र हो , ज्ञान - विज्ञानं , टेलीविजन , मीडिया , शिक्षा, लेखन आदि अनेक क्षेत्रों में अपना दबदबा दिखाया है ! आज की महिलाओं को " दबंग " कहना कुछ गलत नहीं होगा ! आज हम नारी गुणगान करने से नहीं थकते ! वैसे भी नारी को पुरुषों का आधार कहा जाता है ! सब कुछ कहीं ना कहीं नारी पर आकर ही टिकता है ! कभी पुरुषों की सफलता के पीछे नारी ! संस्कारों की जननी नारी ! खानदान , वंश की परंपरा, रीति-रिवाजों को मरते दम तक संभाल कर रखती है नारी ! इसलिए हमारे देश में नारी को " देवी " का दर्जा प्राप्त है ! हम सब नतमस्तक है देश की समस्त महिलाओं के सामने ! जहाँ एक ओर हम लोग नारी जीवन की अच्छाइयों का गुणगान करते नहीं थकते वहीँ कुछ जगह नारी ने ऐसे काम भी किये हैं जिनसे कहीं ना कहीं नारी जाती का अपमान होता है ! खैर ये तो प्रक्रति का नियम है एक पहलु अच्छा तो एक बुरा ! हम कहते हैं कि , आज की नारी आजाद है अपने विचारों को प्रगट करने के लिए , आजाद पुरुषों के साथ -साथ चलने के लिए है ! शायद ऐसा कहने में हमें अच्छा लगता है ! शायद हम सब इस बात का दिखाबा करते हैं या हम दिखाबा पसंद लोग हैं ! आज तक हम लोग उन्हीं पहुंची हुई हस्तियों को ही महिला दिवस पर याद करते हैं या हम उन्ही हस्तियों का गुणगान करते हैं ,जिनके बारे में हम जानते हैं देखते हैं या हमें बताया जाता है ! आज जो दिखता है सो बिकता है ! इस चकाचौंध में हम कहीं ना कहीं अपनों को अनदेखा करते हैं ! हम कभी भी अपने घर की महिलाओं की तरफ ध्यान नहीं देते, कहावत तो आपने सुनी होगी " घर की मुर्गी दाल बराबर " शायद हम उन महिलाओं को भूल जाते हैं , जो वाकई में कहीं ना कहीं महिला दिवस की असली हकदार हैं ! भले ही उन्होंने जग में अपना नाम ना किया हो, फिर भी उनका जज्बा , हालातों से लड़ने की हिम्मत हमें उनका सम्मान करने के लिए विबश करता है ! आज भी हम अपने बच्चों को सिर्फ बही बताते हैं जो हम देखते हैं सुनते हैं ! फलां - फलां महिलाओं ने इस क्षेत्र में , तो उसने उस क्षेत्र में कड़ी महनत करके ये मुकाम हासिल किया है ! जिसने मेहनत की पर मुकाम हासिल ना किया हो तो, तो क्या हम उसको भूल जायेंगे ? मेरा सोचना है हमें उन महिलाओं को भी याद करना चाहिए जो अपने आस-पास हैं ! कहीं ना कहीं महिला दिवस पर सम्मान पाने की हक़दार हैं ! हमारी "माँ" जो हर परिस्थति में आज भी अपनों का ख्याल रखती हैं ! अपने सुख त्यागकर अपने बच्चों के सुखमय जीवन के लिए जीवन भर बहुत कुछ सहती और करती है ! " माँ " का जीवन सिर्फ त्याग के लिए जाना जाता है ! वो भी कहीं ना कहीं सम्मान पाने की हक़दार है ! आज हमें इन्हें भी सम्मानित करना होगा ! " माँ " तो " माँ " होती है अच्छी हो या बुरी क्योंकि उसने हमें जन्म दिया , उसका यह ऋण कभी कोई उतार नहीं सकता ! फिर भी आज " माँ " कहीं ना कहीं अपने बच्चों के कारण दुखी है ! एक मजदूर औरत जो एक एक ईंट के साथ मेहनत करके सुंदर भवनों को बनाने में अपना योगदान देती है ! तब जाकर कहीं हम अपने ऊंचे महलों में ऐशोआराम से रहते हैं ! शायद ही कभी किसी ने आज तक उसका सम्मान किया हो ! शायद हम उसका सम्मान कभी नहीं कर सकेंगे ! आज किसानों की स्थिति के बारे में तो हम जानते ही हैं , जीवन भर कड़ी मेहनत कर हम लोगों के भोजन की व्यबस्था करता है , और उसकी कड़ी मेहनत में उसकी पत्नि की भी बहुत बड़ी भूमिका होती है ! लेकिन आज तक उसकी भूमिका सिर्फ भूमिका बनकर ही रह गयी है ! ये भी हक़दार हैं सम्मान की ! बहुत सी महिलाएं ऐशी हैं जो आज भी बड़ी ईमानदारी के साथ अपना काम कर रही हैं ! किन्तु उनके मान-सम्मान की किसी को भी चिंता नहीं हैं ! जीवन में एक बार हमें उनका सम्मान अवश्य करना होगा ! आज हमें सम्मान करना होगा उन सभी नारियों का का जो लडती है किसी ना किसी बात पर अपने मान-सम्मान के लिए ! लडती हैं अपने अधिकार के लिए ! सम्मान करना होगा उन सभी का जिन्होंने हर बुरी परिस्थिति में पुरुषों का साथ दिया ! सम्मान करना होगा हर उस महिला का जो ग्रामीण परिवेश में रहकर हम सब से कहीं अधिक मेहनत करती है !

मेरी तरफ से विश्व की सभी महिलाओं को इस महिला दिवस पर नमन ! जो मेरी याद में हैं और जो गुमनाम हैं ............. में नमन करता हूँ समस्त नारी ब्लोगर्स को .............. नमन करता हूँ उन सभी को जो देश का नाम रौशन कर रही है !
धन्यवाद

12 comments:

  1. समस्त नारी ब्लोगर्स को नमन

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  2. नारी मनुष्य का निर्माण करती है.नारी समाज की प्रशिक्षक है और उसके लिए आवश्यक है कि सामाजिक मंच पर उसकी रचनात्मक उपस्थिति हो

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  3. अन्तरार्ष्ट्रीय महिला दिवस पे आपको भी हार्दिक
    सुभकामनाये
    http://vangaydinesh.blogspot.com/

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  4. महिला दिवस केवल एक दिखावा है ...मेरा मानना है कि हर दिन महिला दिवस होता है ...

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  5. I fully agree with Sangeeta ji. Every day is Women's Day

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  6. बहुत सारगर्भित .....सटीक विश्लेषण

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  7. सबको इस दिन की शुभकामनायें।

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  8. बहुत अच्छी कामना ......
    अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई तथा शुभकामनाएं !

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  9. शुक्रिया... नारी ब्लोगर्स की ओर से...

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  10. बहुत ही सार्थक आलेख.
    नारी शक्ति को नमन.

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  11. बहुत संवेदनशील सकारात्मक आलेख।
    बहुत बहुत बधाई .....

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  12. बहुत सटीक विश्लेषण

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