Thursday, February 24, 2011

तोड़ते हैं नियम ! शयद सभी को जल्दी है ! क्या आपको भी ? .....>>>> संजय कुमार

भारत में जिस हिसाब से जनसंख्या है और लगातार बढ़ रही है उसका असर आज हम सब अपने जीवन में बराबर देख रहे हैं ! जहाँ देखो वहां भीड़ ही भीड़ , लम्बी - लम्बी लाइनें , चारों तरफ शोरगुल हर तरफ भागमभाग ! आज हर इंसान को जल्दी है , और इतनी जल्दी कि सारे नियम ताक में भी रखना पड़े तो उसे, उस बात का कोई मलाल नहीं ! आज मैं बात कर रहा हूँ इंसान के जीवन से जुड़ी लम्बी - लम्बी लाइनों की , आज जहाँ देखो वहां हमें लम्बी - लम्बी लाइनों में इंसानी भीड़ दिखाई देती है ! घंटों भीड़ में लगा हुआ इंसान कभी कभी इतना पाक जाता है ! और उसे एक वक़्त ऐसा लगता है जैसे उसकी जिंदगी ठहर सी गयी हो , और लगता है जैसे जिंदगी यूँ ही खड़े - खड़े निकल जायेगी ! आज यह स्थिती लगभग हर उस इंसान की है जो घंटों लाइन में लगा रहता है ! इन्तजार रहता है बस लाइन खत्म होने का ! और जब उसका नंबर आता है तो उसे लगता है जैसे उसने जग जीत लिया हो ! और जब पीछे देखता है तो लगता है जैसे ये लाइन शायद कभी खत्म नहीं होगी ! आज जहाँ देखों वहां हर कोई कतार में है ! कुछ नियम से लगे रहते हैं तो कुछ नियम तोड़कर पहले पहुंचना चाहते हैं ! कहीं किसान खाद और बीज खरीदने के लिए लाइन में खड़ा है , तो कहीं अपनी फसल को बेचने के लिए लम्बी - लम्बी लाइन बनाकर खड़ा है ! शायद लाइन खत्म हो और उसको उसका असली हक उसे मिल जाए ! डॉक्टर ( भगवान ) का इन्तजार करते मरीजों की लम्बी लाइन है ! कुछ तो लाइन में ही दम तोड़ देते हैं ! तो कहीं दवा खरीदने के लिए मरीज लाइन में खड़ा हुआ है ! कहीं बिजली के बिल को जमा करने की लाइन है ! तो कहीं बच्चों की स्कूल फीस जमा करने की लाइन है ! कहीं गैस सिलेंडर पाने की लाइन है ! ( अगर गैस मिल गयी तो आज खाना आसानी से मिल जाएगा ) तो कहीं गैस नम्बर हासिल करने की लाइन है ! कहीं बैंक में पैसा जमा करने की लाइन है तो कहीं अपना ही जमा किया हुआ पैसा बापस लेने के लिए भी इंसान को लाइन में घंटों खड़े होना पड़ता है ! रेल का टिकिट लेना हो या बस का या फिर चाहे प्लेन का टिकिट ही क्यों ना लेना हो आपको लाइन में लगना ही पड़ेगा ! कहीं कोई पुलिस और फ़ौज में भर्ती के लिए बेरोजगार युवा कतारबद्ध है तो कोई स्कूल में होने बाली प्रार्थना के लिए ! आज आपको भगवान् के दर्शन भी करना हो तो आपको लाइन में खड़े होना ही पड़ेगा , भले ही आपको २४ घंटे ही क्यों ना खड़ा होना पड़े , भगवान् के दर्शन आपको बिना लाइन में लगे नहीं होंगे ! कहा जाता है की मौत का कोई भरोसा नहीं होता कब किसकी आ जाए पता नहीं , इंसान अंदाजा भी नहीं लगा पाता और ................ फिर जब हम जानबूझकर ही मौत खरीदने के लिए लाइन में लगते हों तो फिर किसको दोष दें ....... अरे भाई ........ आजकल शराब की दुकानों पर भी तो लम्बी लाइन लगने लगी हैं ! अब यहाँ भी लम्बी - लम्बी लाइनों में लगकर हम मौत खरीदते हैं ! एक बार बच्चे की स्कूल की फीस भले ही एक दिन बाद जमा कर पायें लेकिन एक शराबी घंटों यहाँ लाइन में लग सकता है ! फिर भले ही वो कितने नशे में क्यों ना हो ! इस लाइन में वह बिना बहके सीधा कतारबद्ध हो सकता है ! इस तरह की लाइनों में सिर्फ गरीब तबका , मध्यम वर्गीय , और छात्रों को , या फिर जिन लोगों को कहीं जाने की जल्दी होती है या कोई मजबूरी हो तो ही उन्हें लाइन में लगना होता है ! वर्ना आज कोई लाइन में नहीं लगना चाहता , कारण आज हर किसी को जल्दी है ! लेकिन पैसा एक ऐसी चीज है जो आपको लाइन में लगने से बचा सकती है ! क्योंकि आज पैसे ने भगवान् की जगह जो ले रखी है ! ये झूंठ नहीं है बिलकुल सच है ! आप लोगों ने भी पैसे के बलबूते कभी लाइन में बिना लगे अपना काम निकाला होगा ! एक बार मैंने भी ऐसा किया था जब में " श्री महाकालेश्वर " उज्जैन में दर्शन करने के लिए गया था ! मेरे पास समय कम था हमें बापस भी आना था और मेरे साथ ऑफिस स्टाफ भी था ! जब वहां गए और देखा कि बहुत लम्बी लाइन लगी हुई है ! उस वक़्त ऐसा लग रहा था जैसे १०-१२ घंटे तक हमारा नंबर ही नहीं आएगा ! अब क्या करें ? इतनी दूर से गए थे सो दर्शन तो करना ही था ! अन्दर जाने के उपाय ढूँढने लगे , फिर चाहे पैसे ही क्यों ना खर्च करने पड़ें ? बस आप एक बार पैसा खर्च करने का सोच लें , इस देश में आप एक बार गलत बात के लिए अपने दिमाग में विचार भी लायें तो उपाय अपने आप आपके पास चला आएगा ! और उपाय मिल गया , मंदिर के एक " पंडा " ने हमें उपाय बताया , अगर आप इस लाइन में लगोगे तो कल सुबह तक आपका नंबर आएगा पक्का नहीं है ! आप अगर १५० रूपए प्रति व्यक्ति मुझे दें तो में आपको VIP दर्शन करवा सकता हूँ बह भी आधा घंटे में ! फिर क्या था हम सबने उसको ७०० रूपए दिए और हम पांच लोगों ने VIP दर्शन कर लिए ! महसूस किया अगर लाइन में लगे होते तो जीवन निकल जाता ! ये बात बिलकुल सच है आप पैसा खर्च करें तो सब कुछ हो सकता है ! फिर चाहे लाइन में लगा हुआ आदमी घंटों से खडा हुआ क्यों ना हो !

क्या आपको गुस्सा आता है ? जब आप लाइन में खड़े हों और आपके बाद आया हुआ आप से पहले अपना काम करके चला जाए अर्थात बिना लाइन में लगे डॉक्टर से मिल ले , बस और रेल का टिकिट ले ले , स्कूल की फीस जमा करले , बैंक से पैसा निकाल ले और जमा करदे ! गुस्सा तो बहुत आता है और उसको गालियाँ भी हम बहुत देते हैं ! कमबख्त मारा ना जाने कहाँ से आ गया हम सुबह से लाइन में लगे हुए हैं हमारा अभी तक नंबर नहीं आया और ये अभी आया और अभी ......... वैसे लाइन में खड़े होना एक नियम है ! किन्तु आज नियम मानता कौन है .... शायद सभी को जल्दी है ! क्या आपको भी ?


धन्यवाद

6 comments:

  1. माँग बहुत है, क्या करें?

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  2. sach kaha Sanjay ji, sabke man se aise samay me gaali hi nikaltee hain. sundar aalekh.

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  3. सत्य है ऐसे समय में सबसे पहले हर व्यक्ति गाली ही देगा

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  4. क्योंकि शायद सभी को जल्दी है !

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