आज २२ फरवरी है ! आज मेरे ब्लॉग लेखन को १ बर्ष पूर्ण हो गया है ! आज मैं अपने जीवन के बारे में , अपने लेखन के बारे में कुछ बातें आपके साथ बांटना चाहता हूँ ! आप अपना स्नेह मुझ पर बनाये रखें ! मैं संजय कुमार चौरसिया उम्र ३१ साल , पेशा " शेयर मार्केट" में जॉब , पिछले १४ बर्षों से मैं इस मार्केट से जुड़ा हुआ हूँ ! इन १४ बर्षों में मैंने इस मार्केट में बहुत उतार चढ़ाव देखे है ! ठीक उसी प्रकार अपने जीवन में भी ! हालांकि इस पेशे में आने से पहले भी अपने जीवन में, मैं बहुत कुछ कर चुका हूँ ! वक़्त ने कई बार मेरी कठिन परीक्षा ली और उसी वक़्त के हांथों में हर बार परीक्षा में पास हुआ ! काफी संघर्ष करने के बाद एक स्थायित्व मेरे जीवन में आया जब मैं इस पेशे में आया ! ठीक ४ बर्ष पूर्व मेरा विवाह मेरे गृह नगर , मेरे ननिहाल " कोंच " जिला जालौन उत्तर-प्रदेश में हुआ ! मेरा जन्म भी " कोंच "में ही हुआ है ! मेरी पत्नि गार्गी और मेरे दो पुत्र प्रथम " देव " एवं द्वितीय " कुणाल " हैं ! मेरी पत्नि गार्गी की पारिवारिक प्रष्ट भूमि साहित्यिक है ! और उनके परिवार में लगभग सभी लोग इस विधा में कुशल हैं ! उदाहरण के तौर पर मै आपको एक नाम बता रहा हूँ जो आज ब्लॉग जगत में एक जाना पहचाना नाम है ! और वो ही मुझे इस ब्लॉग जगत में लाये ! मेरी नजर में लेखन में वह बहुत ही कुशल एवं निपुण है ! आप उन्हें जानते हैं और वो हैं श्री दीपक चौरसिया जो " दीपक मशाल " के नाम से अपने लेखन क्षेत्र में जाने जाते हैं ! लेखन की अच्छी समझ मेरी पत्नि गार्गी को भी है , जिसका प्रमाण उन्होंने कई बार मेरे ब्लॉग पर आकर अपनी कविताओं के रूप में दिया !
अब मैं अपने बारे में बताता हूँ ! मेरे पिता काम-धंधे की तलाश में आज से २५ बर्ष पूर्व " शिवपुरी " आये थे ! मेरे पिता बहुत ही मेहनती हैं और आज भी कड़ी मेहनत करने से पीछे नहीं हटते " माँ " आज भी गृहणी ही हैं ! पिता को काम - धंधा मिला और जीवन धीरे-धीरे आगे बढ़ता चला ! परिवार में सदस्यों की संख्या ज्यादा होने के कारण मुझे भी काम करना पड़ा और मैं घर के आँगन से बाहर निकला ! उस वक़्त जो बाहर निकला तो आज तक बस " जीवन की आपाधापी " में लगा हुआ हूँ, अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए ! आज भी बड़ों के आशीर्वाद से अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को सही से निर्वाह करने की कोशिश कर रहा हूँ !
अब बात करते हैं मेरे लेखन की, मैं तो लेखन जानता ही नहीं था ! क्या होती हैं कवितायेँ ? क्या होता है व्यंग्य ? क्या लघु कथा ? इत्यादि , क्योंकि कभी इतना समय ही नहीं मिला या मेरी पारिवारिक प्रष्ट-भूमि ऐसी नहीं थी जहाँ किसी को साहित्य या अन्य कोई किताब पढ़ने का शौक हो , सो कभी लिखने के बारे मे सोचा नहीं , लेकिन छोटी सी उम्र में जीवन में बहुत कुछ देख चुका था सो बहुत सी बातें मन मे थीं सो मन की मन में ही रह गयी थीं ! एक दिन " दीपक मशाल " जी का फ़ोन आया की आपको आना है मेरे काव्य संग्रह " अनुभूतियाँ " के विमोचन पर ! इस तरह के किसी भी कार्यक्रम में ये मेरा पहला निमंत्रण था ! मुझे जाना तो था ही आखिर " सारी खुदाई एक तरफ और ............ तो पहुँच गए विमोचन पर ! उस वक़्त मैंने जाना की लेखन क्या होता है ? समझा " दीपक मशाल " को की, ये तो भई बहुत ही छुपे रुस्तम निकले मैं तो इन्हें कुछ और रूप में जानता था ! ये तो लेखन में अच्छा खासा मुकाम हांसिल कर चुके हैं ! वहां मालूम चला की ब्लॉग क्या होता है ? किसे कहते हैं ? हालांकि ब्लॉग के बारे मे सुन रखा था ! घर लौटते वक़्त मन में बहुत से विचार , बहुत से प्रश्न और उमंग लिए बापस आया ! जब मैंने पहली बार " दीपक मशाल " के ब्लॉग को खोला और पढ़ा मुझे बहुत अच्छा लगा ! सबसे पहले मैंने उनके लेखन पर टिपण्णी देना शुरू किया और टिप्पणियों का सिलसिला लगभग एक महीने तक चलता रहा ! एक दिन दीपकजी ने मुझसे कहा की आप भी क्यों लिखना शुरू नहीं करते ! आप अपने " शेयर मार्केट " पर ही कुछ लिख दीजिये , मैंने बहुत सोचा विचार किया और अपने ब्लॉग का निर्माण किया ! और एक पोस्ट लिखी वो भी बहुत सोच विचार कर " मैं इंसान किस काम का " सबसे पहले पत्नि को पढ़कर सुनाई उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ की ये मैंने लिखा है ! सही है भई मैंने अपने जीवन में कभी कोई साहित्य पढ़ा ही नहीं तो वो कैसे विश्वास करतीं , फिर भी मैंने उन्हें विश्वास दिलाया , और पोस्ट प्रकाशित कर दीपकजी को बताया उन्होंने मेरी होंसला अफजाई की मुझे ब्लॉग जगत में सबसे मिलवाया , कई बरिष्ठ लोगों ने मेरी तारीफ़ की , आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया , मुझे अच्छा लगा ! और फिर मैं धीरे धीरे पोस्ट लिखने लगा ! अपने आस-पास के माहौल , गतिविधियों , हालात को देखते हुए लिखना शुरू किया ! जब मुझे समस्त ब्लोगर्स का मार्ग-दर्शन ,स्नेह एवं प्यार मिला तो मेरा होंसला बढ़ता ही चला गया ! और आज भी आप सभी के मार्ग-दर्शन से कुछ अच्छा लिखने की कोशिश करता रहता हूँ !
आज मेरे ब्लॉग लेखन को १ बर्ष पूर्ण हो गया है ! सोचा क्यों ना आप सभी का धन्यवाद किया जाए ! मैं उन सभी को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने मेरे लेखन की तारीफ़ की उसको सराहा , उन सभी को धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने मेरे लेखन को नहीं सराहा , उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ जो मेरे ब्लॉग पर एक बार भी आये ! मैं सभी बरिष्ठ जनों से आशीर्वाद और मार्गदर्शन चाहता हूँ जिससे मैं आगे और भी बहुत कुछ सीख सकूँ ! आप सभी के प्रेम और स्नेह के बशीभूत होकर के ही मैं आज लिख पाता हूँ !
मैं सर्वप्रथम धन्यवाद करना चाहता हूँ " दीपक मशाल " का एवं मेरे सभी ब्लोगर्स साथियों का , सभी बरिष्ठजनों का
बहुत बहुत
धन्यवाद
अब मैं अपने बारे में बताता हूँ ! मेरे पिता काम-धंधे की तलाश में आज से २५ बर्ष पूर्व " शिवपुरी " आये थे ! मेरे पिता बहुत ही मेहनती हैं और आज भी कड़ी मेहनत करने से पीछे नहीं हटते " माँ " आज भी गृहणी ही हैं ! पिता को काम - धंधा मिला और जीवन धीरे-धीरे आगे बढ़ता चला ! परिवार में सदस्यों की संख्या ज्यादा होने के कारण मुझे भी काम करना पड़ा और मैं घर के आँगन से बाहर निकला ! उस वक़्त जो बाहर निकला तो आज तक बस " जीवन की आपाधापी " में लगा हुआ हूँ, अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए ! आज भी बड़ों के आशीर्वाद से अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को सही से निर्वाह करने की कोशिश कर रहा हूँ !
अब बात करते हैं मेरे लेखन की, मैं तो लेखन जानता ही नहीं था ! क्या होती हैं कवितायेँ ? क्या होता है व्यंग्य ? क्या लघु कथा ? इत्यादि , क्योंकि कभी इतना समय ही नहीं मिला या मेरी पारिवारिक प्रष्ट-भूमि ऐसी नहीं थी जहाँ किसी को साहित्य या अन्य कोई किताब पढ़ने का शौक हो , सो कभी लिखने के बारे मे सोचा नहीं , लेकिन छोटी सी उम्र में जीवन में बहुत कुछ देख चुका था सो बहुत सी बातें मन मे थीं सो मन की मन में ही रह गयी थीं ! एक दिन " दीपक मशाल " जी का फ़ोन आया की आपको आना है मेरे काव्य संग्रह " अनुभूतियाँ " के विमोचन पर ! इस तरह के किसी भी कार्यक्रम में ये मेरा पहला निमंत्रण था ! मुझे जाना तो था ही आखिर " सारी खुदाई एक तरफ और ............ तो पहुँच गए विमोचन पर ! उस वक़्त मैंने जाना की लेखन क्या होता है ? समझा " दीपक मशाल " को की, ये तो भई बहुत ही छुपे रुस्तम निकले मैं तो इन्हें कुछ और रूप में जानता था ! ये तो लेखन में अच्छा खासा मुकाम हांसिल कर चुके हैं ! वहां मालूम चला की ब्लॉग क्या होता है ? किसे कहते हैं ? हालांकि ब्लॉग के बारे मे सुन रखा था ! घर लौटते वक़्त मन में बहुत से विचार , बहुत से प्रश्न और उमंग लिए बापस आया ! जब मैंने पहली बार " दीपक मशाल " के ब्लॉग को खोला और पढ़ा मुझे बहुत अच्छा लगा ! सबसे पहले मैंने उनके लेखन पर टिपण्णी देना शुरू किया और टिप्पणियों का सिलसिला लगभग एक महीने तक चलता रहा ! एक दिन दीपकजी ने मुझसे कहा की आप भी क्यों लिखना शुरू नहीं करते ! आप अपने " शेयर मार्केट " पर ही कुछ लिख दीजिये , मैंने बहुत सोचा विचार किया और अपने ब्लॉग का निर्माण किया ! और एक पोस्ट लिखी वो भी बहुत सोच विचार कर " मैं इंसान किस काम का " सबसे पहले पत्नि को पढ़कर सुनाई उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ की ये मैंने लिखा है ! सही है भई मैंने अपने जीवन में कभी कोई साहित्य पढ़ा ही नहीं तो वो कैसे विश्वास करतीं , फिर भी मैंने उन्हें विश्वास दिलाया , और पोस्ट प्रकाशित कर दीपकजी को बताया उन्होंने मेरी होंसला अफजाई की मुझे ब्लॉग जगत में सबसे मिलवाया , कई बरिष्ठ लोगों ने मेरी तारीफ़ की , आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया , मुझे अच्छा लगा ! और फिर मैं धीरे धीरे पोस्ट लिखने लगा ! अपने आस-पास के माहौल , गतिविधियों , हालात को देखते हुए लिखना शुरू किया ! जब मुझे समस्त ब्लोगर्स का मार्ग-दर्शन ,स्नेह एवं प्यार मिला तो मेरा होंसला बढ़ता ही चला गया ! और आज भी आप सभी के मार्ग-दर्शन से कुछ अच्छा लिखने की कोशिश करता रहता हूँ !
आज मेरे ब्लॉग लेखन को १ बर्ष पूर्ण हो गया है ! सोचा क्यों ना आप सभी का धन्यवाद किया जाए ! मैं उन सभी को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने मेरे लेखन की तारीफ़ की उसको सराहा , उन सभी को धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने मेरे लेखन को नहीं सराहा , उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ जो मेरे ब्लॉग पर एक बार भी आये ! मैं सभी बरिष्ठ जनों से आशीर्वाद और मार्गदर्शन चाहता हूँ जिससे मैं आगे और भी बहुत कुछ सीख सकूँ ! आप सभी के प्रेम और स्नेह के बशीभूत होकर के ही मैं आज लिख पाता हूँ !
मैं सर्वप्रथम धन्यवाद करना चाहता हूँ " दीपक मशाल " का एवं मेरे सभी ब्लोगर्स साथियों का , सभी बरिष्ठजनों का
बहुत बहुत
धन्यवाद
एक वर्ष पूर्ण करने पर बहुत बहुत बधाई संजय जी
ReplyDeleteये सब आपकी मेहनत का फल है एक बार पुनः ढेर सारी शुभकानाए
ReplyDeleteब्लॉग की वर्ष ग्रंथी पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteआशा
आपको बहुत शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteआपका सफ़र पढ़ा.
बहुत ही सचे मन से लिखते हैं आप.
सलाम
आप बहुत अच्छे लेखक तो हो दोस्त उससे अच्छे और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी भी हो जिस चीज़ की इन्सान में सबसे ज्यादा जरूरत होती है | आप को मेरी तरफ से बहुत सारी शुभकामनाये और आपकी पत्नी जो आपका साथ देती हैं उन्हें भी बहुत - बहुत बधाई और दोनों प्यारे बच्चों को भी ढेर सारी बधाई | हम दुआ करेंगे की आप इसी तरह आगे बड़ते रहें और साल एसे ही गुजरते रहें |
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई |
आप को मेरी तरफ से बहुत सारी शुभकामनाये .
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई |
ब्लॉगिंग का एक वर्ष पूर्ण होने पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं
ReplyDeleteसंजय जी,
ReplyDeleteआपके ब्लॉग को एक वर्ष पूरा होने पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई !
आप अपनी उत्कृष्ट लेखनी से ब्लॉग जगत को इसी तरह समृद्ध करते रहें, माँ शारदे से यही कामना है !
एक बार और अनंत शुभकामनाएँ
ब्लाग की वर्षगाँठ पर बहुत बहुत बधाई तथा शुभकामनायें। ये सिलसिला अनवरत चलता रहे।
ReplyDeleteसंजय जी,
ReplyDeleteआपके ब्लॉग को एक वर्ष पूरा होने पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई ! आपकी सफलता-यात्राएं सतत जारी रहें!
आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि जानकर प्रसन्नता हुई। प्रिय गार्गी भाभी और प्रिय भतीजों देव एवं कुणाल को इस शुभ-सुखद अवसर पर असीम स्नेह!
बहुत-बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनायें संजय भाई !
ReplyDelete... badhaai va shubhakaamanaayen !!
ReplyDeleteबधाई ...आपको व गार्गी को भी .....सहयोग के लिए ....
ReplyDeleteSanjay ji evam Gargi ko bahut-2 badhaai... ye aapke badappan ke alawa aur kuchh nahin, warna maine kuchh bhi aisa nahin kiya jiske liye mere naam ka ullekh bhi ho. aapki ye vinamrata hi aapko logon ke dilon me chirsthaan dilaayegee.
ReplyDeleteDua hai ki aise hi oonchaaiyon ko chhuyen aur sadlekhan me sanlagn rahen.
shubhkaamnaayen.
आप सभी के प्रेम - स्नेह , एवं होंसला अफजाई का शुक्रिया
ReplyDeleteशुक्रिया
श्री दीपक जी
श्री संजय भास्करजी
श्री बी एस भाकुनी जी
श्री सगिबो जी
श्री इस्मत जैदिजी
श्री ज्ञानचंद जी
श्री सुरेन्द्र जी
श्री उदय जी
आदरणीय अर्चना जी
आदरणीय आशा जी,
आदरणीय मिनाक्षी पन्त जी
आदरणीय निर्मला कपिला जी
आदरणीय सतीशजी
आदरणीय Miss शरद सिंह जी
एवं समस्त ब्लोगर्स को धन्यवाद
आपको एक वर्ष होने पर बहुत बहुत बधाई और भविष्य के लिये शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई आपको...... सतत लेखन की शुभकामनायें......
ReplyDeleteमेरी तरफ से बहुत सारी शुभकामनाये....!!
ReplyDeleteसंजय जी,
ReplyDelete✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹
ब्लॉग लेखन की बर्षगांठ पर....
आपको हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई !
✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹✹
बहुत ही उम्दा रचना , बधाई स्वीकार करें .
ReplyDeleteआइये हमारे साथ उत्तरप्रदेश ब्लॉगर्स असोसिएसन पर और अपनी आवाज़ को बुलंद करें .कृपया फालोवर बन उत्साह वर्धन कीजिये
प्रिय बंधुवर संजय कुमार चौरसिया
ReplyDeleteजी
सादर सस्नेहाभिवादन !
ब्लॉग के एक वर्ष का होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
आपका एक वर्ष का कार्य प्रशंसनीय है ।
अवश्य ही आप आगे भी श्रेष्ठ ही करेंगे … तथास्तु !
♥ बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ! ♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत-बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनायें संजय भैया
ReplyDelete-----------------------
चैतन्य का कोना पर सुंदर सफेद चमकते पेड़........
एक वर्ष पूर्ण करने पर बहुत बहुत बधाई|
ReplyDeleteआप सभी के प्रेम - स्नेह , एवं होंसला अफजाई का शुक्रिया
ReplyDeleteशुक्रिया
श्री प्रवीण पण्डे जी
श्री मिथलेश दुबे जी
श्री राजेंद्र स्वर्णकार जी
श्री Patali-The-Village जी
श्री चैतन्य
आदरणीय वर्षा जी
आदरणीय हरकीरत' हीर जी
आदरणीय डॉ॰ मोनिका शर्मा जी
एवं समस्त ब्लोगर्स को धन्यवाद