कल मुझे मेरे एक मित्र ने SMS भेजा , चूँकि वह एक व्यंग्य है जिसमें मर्दों को कई उपाधियाँ दी गयी हैं ! सोचा आपको भी उन उपाधियों से रूबरू करा दूं , वैसे तो मर्दों को कई उपाधियाँ मिली हैं जैसे पत्थरदिल , उठाईगीर नामर्द, गुंडा-मावली वगैरह -वगैरह , लीजिये प्रस्तुत हैं ( SMS ) व्यंग्य जो युवाओं और सभी मर्दों पर लागू होता है !
बेचारा लड़का अगर लड़की पर हाँथ उठाये
तो जालिम
बेचारा लड़का अगर लड़की से पिट जाए
तो नामर्द
बेचारा लड़का , लड़की को किसी और के साथ देखकर
तो जलन
बेचारा लड़का अगर चुप रहे
तो बेगैरत
बेचारा लड़का यदि घर से बाहर रहे
तो आवारा
बेचारा लड़का यदि घर में रहे
तो नाकारा
बेचारा बच्चों को मारे-पीटे तो बुजदिल
अगर ध्यान ना दे तो लापरवाह
अगर बीबी को नौकरी करने से रोके
तो शकी मिजाज
ना रोके तो , बीबी की कमाई खाने बाला
इसलिए कहते हैं भैय्या .............. " मर्द को भी दर्द होता है "
धन्यवाद
बहुत अच्छी पंक्तियाँ हैं लेकिन गहराई में जाया जाए तो आपने कडवी सच्चाई को बयान करते हुए समाज को आइना दिखाया हैं.
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई.
धन्यवाद.
संजय जी ..बड़ा अच्छा किया आपने जो इन पंक्तियों को हमारे साथ बाँट लिया.
ReplyDeleteइसके लिए आपको आभार
बड़ा अच्छा लिखा है |
ReplyDeleteवाकई , लड़को के साथ ये दोहरा बर्ताव क्यो ??
ACHCHHA LIKHTE HO LIKHA KARO
ReplyDeleteहम कहते हैं की मर्द बेवफा होता है !
ReplyDeleteतो क्या उनके सीने मै दर्द नहीं होता है ?
ओरत तो अपने दर्द को आंसुओ से बयाँ कर देती है !
मर्द का व्यक्तितव तो उसे इसकी भी इज्ज़ाज़त नहीं देता !
कहाँ समेटता होगा वो इस दर्द को ?
सही बात हम समझते हैं दोस्त !
बहुत सही लिखा आप ने सच मे....
ReplyDelete" मर्द को भी दर्द होता है "मगर उसका दर्द आज तक किसी को नजर नही आया ओर आया तो भी वह कहने का साहस नही कर पाया इस .....साहस के लिये बधाई
वाह - मर्द को भी दर्द होता है "
ReplyDeleteबिलकुल भाई - जरूर होता है