कहा जाता है , इंसान अगर अच्छे कर्म करता है तो हमेशा खुश रहता है और यदि बुरे कर्म करता है तो जीवन भर परेशान और दुखी रहता है ! यह बात कितनी सच है और कितनी गलत इस बात का अंदाजा आज कलियुग में इन्सान के हालातों को देखकर लगाया जा सकता है ! आज की मतलबी और स्वार्थी दुनिया में इन्सान कितने भी अच्छे और भलाई के काम करे फिर भी उसे उसके अच्छे कर्मों का उचित फल नहीं मिलता ! आज इन्सान के अच्छे कार्यों को भी हम लोग बुरी नजर से या शक भरी निगाह से देखते हैं , लगता है इस अच्छे काम के पीछे उसका कोई गलत मकसद जरूर होगा, आज कल यही हो रहा है ! कई बार देखा गया अच्छे फल की चाहत में इन्सान को बुरा फल ही मिलता है ! या यूँ कह सकते हैं " नेकी कर और जूते खा " या " नेकी कर दरिया में डाल " आज यही कहावत हर जगह चरितार्थ हो रही है ! आज इन्सान कितनी भी सच्चाई और ईमानदारी से काम करे उसे उसकी मेहनत का उचित फल नहीं मिलता ! क्योंकि ईमानदार अब बहुत कम संख्या में हैं , अगर हैं भी तो उनकी सुनने बाला कोई नहीं ! आज सबसे ज्यादा दुखी और परेशान ईमानदार ही है क्योंकि चारों तरफ भ्रष्टाचार , घूसखोरी , लूट-खसोट का वातावरण निर्मित हैं ! एक ईमानदार कब तक " तालाब में रहकर मगरमच्छ से बैर करेगा " इसलिए उसके ईमानदार होने पर भी वह खुश नहीं है ! क्योंकि ये जालिम ज़माना उसे ईमानदार बनकर ज्यादा दिन तक जीने नहीं देगा या तो वह बेईमान बनेगा नहीं तो कहीं का नहीं रहेगा ! ये हैं अच्छे करम, ना ख़ुशी सिर्फ गम !
जीवन भर एक गरीब विद्यार्थी पूरी लगन और मेहनत के साथ पढ़ाई करता है , किन्तु जब फल खाने की बात आती है तो उसकी मेहनत पर कोई और (पैसे बाला ) डांका डाल देता है या यूँ कहें , घूस देकर उस मेहनती विद्यार्थी का हक किसी और को मिल जाता है ! क्योंकि आज कोई भी नौकरी बिना रिश्वत दिए नहीं मिलती किसी को, जब तक रिश्वत नहीं तब तक नौकरी नहीं ! कई बार होनहार विद्यार्थी अपना हुनर किसी दुकान पर नौकरी या मजदूरी कर दिखाते हैं ! यहाँ मेहनत नहीं पैसे की जीत होती है !
गरीब किसान जीवन भर कड़ी मेहनत करता है और इन्सान के लिए अनाज का उत्पादन करता है , किन्तु उसे उसकी मेहनत का सम्पूर्ण फल कभी नहीं मिलता जो उसे मिलना चाहिए , अगर कुछ मिलता है तो एक कर्जदार की जिंदगी , खुदखुशी करने के लिए मजबूर , अपनी फसल के लिए उचित मूल्य पाने के लिए जीवन भर लड़ाई , ये है उसके अच्छे कर्मों का बुरा फल , अगर किसान हल चलाना छोड़ दे तो क्या होगा मानव सभ्यता का ? आज सबसे ज्यादा दयनीय हालात में अगर कोई है तो वो है आज का किसान !
हर माँ-बाप जीवन भर अपने बच्चों के बारे में ही सोचते हैं ,उनका अच्छा सोचते हैं , उनका ख्याल रखते हैं , उन्हें जीवन की सारी खुशियाँ, सुख- सुविधाएँ देते हैं ! उसके लिए वह अपनी खुशियाँ , सुख -सुविधाएँ तक सब कुछ न्योछावर कर देते हैं ! कहते हैं माँ -बाप के अच्छे कर्मों का फल उनकी संतान को मिलता है ! किन्तु आज माँ-बाप को उनके अच्छे कर्मों के फल के रूप में क्या मिल रहा है ? घर से बेदखल होना पड़ता है , दर दर की ठोकर खाने को मजबूर , परिवार में गैरों से भी वद्तर व्यवहार, क्या यही हैं इनके अच्छे कर्म ? आज ऐसे अनगिनत मामले हमने देखे-सुने और पढ़े हैं जहाँ माँ-बाप को उनकी संतान ने सिवाय दुःख के और कुछ नहीं दिया ! इस भागदौड़ भरी दुनिया में , इस मंहगाई की दुनिया में , इस कलयुगी दुनिया में साधारण इन्सान को सिर्फ दुःख और तकलीफ के अलावा और कुछ नहीं मिलता ! आज इन्सान की जरुरत सिर्फ पैसा है ! यदि पैसा है तो शायद इन्सान इतना दुखी ना हो जितना बिना पैसे के है ! ऐसे लाखों - करोड़ों लोग हैं जो हमेशा अपनों का भला चाहते हैं और भला करते भी हैं , किन्तु उन्हें अपनी भलाई के रूप में सिर्फ उपहास मिलता है !
इस दुनिया में अपने आप को सुखी और खुशहाल समझने बाले बहुत कम लोग हैं , ज्यादा संख्या में दुखी-मजबूर और लाचार मिलेंगे जो किसी ना किसी चीज से पीड़ित हैं !
ये हैं कैसे करम, नहीं ख़ुशी - सिर्फ गम
धन्यवाद
बात आपकी सही है करनी का फ़ल तो मिलता ही है --पर ये भी उतना ही सच है कि --कर्म किये जा फ़ल की चिंता मत कर ऐ इंसान...
ReplyDeleteजो भी मिले अपने हिस्से की भलाई करते चलें.
ReplyDeletePOORA AALEKH PADHNE KE BAAD YAHI NISKARSH NIKALTA HAI...
ReplyDeleteJAISI KARNI VAISI BHARNI.........
बहुत गहरी और सार्थक बातें
ReplyDeleteनेकी कर , दरिया में डाल --- आज भी इसी में भलाई है। समझने वाले कभी नहीं मिलेंगे।
ReplyDeletesachchai ka digdarshan karata hai apka lekh ...
ReplyDeletedesh aur samaj ki visangati ...
sarthak lekh..
आपके ब्लाग पर "ये हैं कैसे करम, नहीं ख़ुशी -सिर्फ गमी" एक दम सही लिखा है आपने
ReplyDelete"समस हिंदी" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को एक दिन पहले
ReplyDelete"मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !
()”"”() ,*
( ‘o’ ) ,***
=(,,)=(”‘)<-***
(”"),,,(”") “**
Roses 4 u…
MERRY CHRISTMAS to U
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
MERRY CHRISTMAS 2 U
ReplyDeleteबहुत गहरी और सार्थक बातें|
ReplyDelete"मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !
जबाब नहीं निसंदेह ।
ReplyDeleteयह एक प्रसंशनीय प्रस्तुति है ।
"मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये!
ReplyDelete... saargarbhit lekhan ... prabhaavashaalee post !!!
ReplyDeleteबहुत सार्थक पोस्ट ...सारगर्भित
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