इंसान को जीने के लिए क्या चाहिए ? रोटी -कपड़ा- मकान या और कुछ , रोटी खाने से इंसान जिन्दा रहता है ! कपड़े इंसान का तन ढंकते है ! और मकान इंसान को रहने के लिए ! आज तक हम सिर्फ इन तीनों चीजों के लिए जीते आये हैं , और आज भी इसी के लिए जी रहे हैं और भविष्य में भी इन्हीं चीजों के लिए काम करते रहेंगे ! अगर जीने के लिए सिर्फ यही हैं तो फिर ओक्सिजन किस काम आती है ? जल का क्या महत्त्व है ? हम लोगों ने तो पेड़ लगाना कब का छोड़ दिया , जंगलों को धीरे-धीरे हम अपने हांथों से नष्ट करते जा रहे हैं ! जब जंगल नहीं रहेंगे तो ओक्सिजन कैसे मिलेगी ! ओक्सिजन जब तक मिलती रहेगी तब तक इंसान का जीवन चलता रहेगा ! ऑक्सीजन के अलावा जल इंसान के लिए दूसरा सबसे महत्वपूर्ण साधन है ! आज पीने योग्य जल कितना बचा है ? आज पीने योग्य जल के कितने भण्डार है ? आज धरती का सीना चीरकर हमने सारा जल निकाल लिया है और स्थिती अब ये है कि, जैसे ही फरवरी - मार्च का महीना आता है , देश के बहुत से राज्यों में जल की एक- एक बूँद के लिए त्राहि-त्राहि करते हुए लोगों को देखा जा सकता है ! एक - एक बूँद के लिए आम जनता को संघर्ष करते देखा जा सकता है ! एक-एक बूँद के लिए भाइयों को आपस में लड़ते देखा जा सकता है ! पानी के लिए आज पडोसी दुश्मन तक बन जाते हैं ! आज भले ही सरकार पानी के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च करने का दावा करती हो किन्तु आज भी आम जनता के कंठ सूखे हुए हैं ! हम तो बर्षों से यही सुनते आये थे , पढ़ते आये थे कि, " जल ही जीवन है " अगर जल ही जीवन है तो फिर आज कहाँ है हमारा जीवन ? आप अपना जीवन बचालो यूँ बर्बाद ना करो ये आपका जीवन है और अपने जीवन को व्यर्थ में बर्बाद ना करें ! ये जल हम सबका जीवन है ! आज हम लोग जल का उपयोग कम और दुरूपयोग ज्यादा कर रहे हैं ! आज कई जगह जल सड़कों पर यूँ ही बहता रहता है ! कई बार हम स्वयं जल का अपव्यय करते हैं ! आप सोचिये अगर जल ना रहा तो क्या होगा ? क्या आप जल के बिना रहने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं ! जल की अहमियत को समझो ! जल का महत्व आप आज भले ही ना समझ रहे हों ! पूँछिये उन सूखे खेत- खलिहानों से जो आज एक - एक बूँद के प्यासे हैं ! पूँछिये उन घने वन जंगलों से जो सिर्फ आज जल के ही कारण जीवित हैं ! जल का महत्व तो इतना है कि , लोग जल की पूजा करते हैं ! आप भी समझें जल की अहमियत! आज जिस तरह दिन - प्रतिदिन इंसान का स्तर गिर रहा है ठीक उसी तरह जल का भी स्तर कई वर्षों से लगातार गिर रहा है ! इसके पीछे हम सब जिम्मेदार हैं ! अगर जल ना रहा तो मिट जायेंगे वो पावन नाम जिन्हें आप गंगा, जमुना, सरस्वती आदि के नाम से जानते हैं ! जल नहीं रहा तो कैसे इंसान अपने तन की गंदगी दूर करेगा ! आज इंसान जल के लिए इंसान के खून का प्यासा तक हो जाता है ! सड़कों पर अपना और अपनों का खून तक बहा देता है ! जल का महत्त्व इतना है कि , जल प्रतिदिन इश्वर के चरणों से लेकर मृत देह तक में उपयोग होता है ! आप जल को बर्बाद होते देख रहे हैं फिर भी कुछ नहीं कर रहे हैं ! जल को बचाने का वादा तो सब करते हैं ! किन्तु वादा करके भूल जाते हैं ! जल की एक -एक बूँद अमृत के सामान हैं ! अपने अमृत को यूँ बर्बाद न करो अपने जीवन को यूँ बर्बाद ना करो !
मैं आप सभी आमजन से गुजारिश करता हूँ ! आप सभी आमजन से मैं ये वादा चाहता हूँ ! आप सब मिलकर आगे आयें और जल को बर्बाद होने से बचाएं ! क्योंकि " जल ही जीवन हैं "
धन्यवाद
जल ही जीवन हैं
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
जल बचाना ही होगा, बंगलोर में एक साक्षात्कार हुआ जल से, शीघ्र लिखूँगा।
ReplyDeleteजल को बचाना ही होगा वर्ना आने वाले समय में स्थिति भयावह हो जाएगी...
ReplyDeleteउत्तम संदेश!!!
ReplyDeleteSundar prayas hai aapka. Achha laga
ReplyDeleteसुन्दर सन्देश देती हुई शानदार प्रस्तुती!
ReplyDeletesarthak aur sundar sandesh deti post,
ReplyDeleteजल बचाना ही होगा जल ही जीवन हैं
ReplyDelete...सुन्दर सन्देश शानदार प्रस्तुती.......संजय जी
जल ही जीवन हैं |
ReplyDeleteसुन्दर नजरिया ज्ञानवर्धक पोस्ट |
"आज जिस तरह दिन - प्रतिदिन इंसान का स्तर गिर रहा है ठीक उसी तरह जल का भी स्तर कई वर्षों से लगातार गिर रहा है !"
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया सन्देश दिया है आपने.
आभार.