Sunday, May 1, 2011

दीजिये मजदूर को मान-सम्मान , तभी कहलायेगा सच्चा " मजदूर-दिवस " ....>>> संजय कुमार

आज देश के अखबार किन चीजों से भरे पड़े रहते हैं ? " अन्ना का लोकपाल विधेयक " " श्री सत्य साईं ने ली समाधी " " कलमाड़ी गिरफ्तार " सोना-चांदी आसमान पर " शेयर बाजार लुढ़का " सचिन को भारत रत्न " सब कि सब बही ख़बरें, भरष्टाचार , घूस , घोटाले , आम जनता के साथ धोखा , गन्दी राजनीति, इसके आलावा आज कुछ भी नहीं बचा जो इस देश में नहीं हो रहा हो ! हम लोंग हर दिन कोई ना कोई दिन किसी ना किसी दिवस के रूप में अवश्य मनाते हैं ! जन्म-दिवस पर फल मिठाईयाँ , फल वितरण मान-सम्मान में दो शब्द ! पुन्य-तिथि पर शौर्य गाथा ! आज भी एक दिवस है और जिन लोगों के लिए ये दिवस मनाया जाता है उनमें से ९० से ९५ % तक को ये बात मालूम ही नहीं होती ! आज है मजदूर दिवस, महाराष्ट्र डे, मई दिवस जिसे आज हिंदुस्तान में मनाया जा रहा है ! पर कौन है वो जो आज मजदूर दिवस मना रहा है ? चार पहिया ठेला चलाने वाला मजदूर , बड़ी - बड़ी इमारतों में ईंट-पत्थर ढ़ोने वाला मजदूर , बड़ी-बड़ी मीलों और फेक्टरियों में बंधुआ मजदूर के जैसे काम करने वाला , एक-एक रूपए के लिए अपना खून-पसीना बहाने वाला , सुबह -सुबह उठकर काम-धंधे कि तलाश में निकला मजदूर ! आखिर मजदूर दिवस है किसके लिए ? क्या मजदूर के लिए ? जी नहीं, मजदूर दिवस तो मना रहे हैं हमारे देश के महान खादीधारी नेता ! वह भी वातानुकूलित कमरों में बैठकर चाय की चुस्कियों के साथ और कर रहे हैं मजदूर को मिलने वाली योजनाओं की राशि का बंदरबांट कि , किस तरह मजदूरों के हक पर अपना कब्ज़ा करें ! और दूसरी ओर मजदूर लगा हुआ है बही दो जून की रोटी कमाने में वो रोटी जिससे उसका परिवार दो वक़्त का खाना खा सके ! भीषण गर्मी हो या सर्दी या फिर बरसात निरंतर परिश्रम करने वाला यह इन्सान जिसे हम मजदूर के नाम से जानते हैं ! यह बात हम सभी बहुत अच्छे से जानते हैं कि, मजदूर दिवस पर क्या होता है ? क्या हो रहा है ? और आगे भी क्या होगा ? नेताजी सुबह सुबह अपनी वातानुकूलित कार से उतरेंगे , तुरंत उनका माल्यार्पण होगा , उनके लिए ठन्डे जलपान की व्यवस्था की जायेगी ! सभा में चिलचिलाती धूप में बैठा मजदूर नेताजी के नाम के नारे लगाएगा उसकी पार्टी का गुणगान करेगा ! नेताजी एक भाषण देंगे कि, आज का मजदूर जिन्दावाद , हम हमेशा से अपने मजदूर भाइयों के साथ हूँ ! मजदूर हमारा भगवान् होता है , मजदूर ना हो तो इस देश में कोई काम नहीं चलेगा , मजदूरों ने इस देश को बहुत कुछ दिया , वगैरह वगैरह ..... और भोला भाला मजदूर अपनी तारीफ़ सुनकर ख़ुशी से फूला नहीं समाता ! मजदूर इस बात से खुश हो जाता है कि , जिस नेता कि जय जयकार हम जिंदगी भर करते हैं , आज वह हमारी जय जयकार कर रहा है ! ज्यादातर मजदूरों को तो यह तक मालूम नहीं होता कि, ये मजदूर दिवस होता क्या है ? क्यों मनाया जाता है ? आज का मजदूर तो होली, दिवाली और ईद भी ठीक ढंग से नहीं मना पाता तो ये मजदूर दिवस कैसे मनायेगा ! मजदूर का जन्म तो गरीबी में होता है और एक दिन मजदूरी करते करते दम तोड़ देता है ! कठोर परिश्रम के लिए जैसे हम जानवरों में बैल को जानते हैं ठीक वैसे ही इंसानों में सच्चे कठोर परिश्रम के लिए इन मजदूरों को जानते और मानते हैं ! लेकिन आज का मजदूर जीवन भर कठोर परिश्रम करके अपने परिवार को सिर्फ रोटी के अलावा और कुछ नहीं दे पाता ! अगर आज हिंदुस्तान में किसी मजदूर का बेटा या बेटी कलेक्टर या कोई बड़ा अधिकारी है तो वह आज एक अपवाद हैं ! आज हमारे देश में मजदूरों की स्थिति किसी से छुपी नहीं हैं ! मजदूर किस तरह अपने आप को बेचकर किसी कारखाने में अपनी पूरी जिंदगी निकाल देता है ! किस वदहाली में आज का मजदूर जी रहा है ! यह सब जानते हुए भी हम कुछ नहीं कर सकते ! सरकार ने तो आज तक सिर्फ मजदूरों के नाम पर सेकड़ों योजनायें चलायी हैं ! जो सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गयीं हैं ! सारी योजनायें सिर्फ अधिकारीयों की जेबें भरने के लिए बनायीं जाती हैं ! क्या हैं मजदूरी के नियम कायदे ? क्या हैं उनका हक क्या हैं उनके अधिकार ? जब एक आम पढ़े लिखे इन्सान को अपने हक और अधिकारों की जानकारी नहीं है तो फिर अनपढ़ और भोले- भाले मजदूरों को कहाँ मालूम होंगे उनके अधिकार ! वह सिर्फ बैलों की तरह काम करना जानता है ! आज जिसे देखो इन मजदूरों के हक का ही दोहन कर रहा है ! मजदूर के बच्चों की शिक्षा, घर, दवा और ना जाने कितनी योजनाओं का पैसा मजदूर को मिलना चाहिए लेकिन वह पैसा उन योजनाओं में शामिल अधिकारी नेता और ठेकेदार अपने घर, अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा और अपने ऐशोआराम पर खर्च कर रहे हैं ! और मजदूर रह जाता है जन्म से लेकर मृत्यु तक सिर्फ मजदूर ! मजदूर अपने पूरे जीवनकाल में अपना ना तो कभी मनोरंजन कर पाता है ना अपने बच्चों के सपने पूरे ! क्योंकि उनको आज तक उनकी महनत का कभी पूरा पैसा मिलता ही नहीं ! जहाँ एक एक ईंट के साथ महनत करके ऊंचे ऊंचे महल बनाता है , वहीँ अपनी पूरी जिंदगी निकाल देता है , टूटे फूटे झोंपड़ों में ! जहाँ पल पल पर उसके योगदान की जरूरत पड़ती हैं , वहीँ पल पल पर तिल-तिल मरते हुए वह अपनी जिंदगी निकाल देता हैं ! बिना दवा और बिना किसी की मदद के ! एक ओर इस देश में लाखों टन अनाज खुले आसमान के नीचे सड़ रहा है ! हमारे यहाँ के मंदिर ट्रस्टों के पास हजारों करोड़ों कि संपत्ति है ! विदेशों में अरबों-खरबों रुपया बेकार पड़ा हुआ है ! इस देश के हालात और यहाँ के आम आदमी की हालत किसी से छुपी नहीं है ! क्या कभी कोई ऐसा दिन इन मजदूरों की जिंदगी में आएगा जब आज का मजदूर अपने आपको एक खुशहाल मजदूर कह सकेगा और जिस पर वह फक्र महसूस कर सकेगा !

इंतजार है ऐसे सच्चे मजदूर दिवस का जो सिर्फ और मजदूर के लिए हो ! कठोर परिश्रम करने वाले मजदूर की हम लोगों को जय - जयकार करनी चाहिए ना की उनका हक खाने वाले खादीधारी नेताओं की ! दीजिये उनको मजदूर दिवस पर उनका मान सम्मान , तभी कहलायेगा सच्चा मजदूर दिवस !

धन्यवाद

12 comments:

  1. मजदूर-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...
    बहुत सार्थक सन्देश !

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  2. मानव की तरह ही व्यवहार कर लें, स्थिति सुधर जायेगी।

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  3. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (2-5-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  4. आपकी बातों से सहमत हूँ संजय जी... गंभीर चिंतन

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  5. सार्थक लेखन.

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  6. उत्तम चिंतन मजदूर दिवस पर इस उपेक्षित वर्ग के लिये । आभार सहित...

    टोपी पहनाने की कला...

    गर भला किसी का कर ना सको तो...

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  7. सुन्दर एवं सार्थक अभिव्यक्ति


    कभी हमारे ब्लॉग भी आयें

    मुझे खुसी होगी

    avinash001.blogspot.com

    इंतजार रहेगा आपका

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  8. मजदूरों को सम्मान अगर ना भी दे सकें तो उन्हें मान जरूर दिया जाना चाहिए. मलतब उनसे अच्छे से पेश आना चाहिए, जानवरों की तरह नहीं.

    मेरे ब्लॉग पर आयें, स्वागत है.
    चलने की ख्वाहिश...

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  9. आपकी बातों से सहमत हूँ संजय जी
    मजदूर-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...

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  10. ये मजदूर दिवस होता क्या है ? क्यों मनाया जाता है ? आज का मजदूर तो होली, दिवाली और ईद भी ठीक ढंग से नहीं मना पाता तो ये मजदूर दिवस कैसे मनायेगा

    very nice. good evaluation and observation.

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  11. आपकी पोस्ट को पढ़ने के बाद इस निर्णय पर पहुंचा हूँ की इस भारत का निर्माण करता .......मजदूर ,कारीगर ,ओर किसान है ......इनको जब तक सम्मान नही मिलेगा तब तक तरक्की संभव नही है

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