आई रे आई, होली है आई
मन में उमंग, लेके तरंग
खेलें होली अपनों के संग
होली के रंग, जीवन के रंग,
खेलें होली हम संग संग
खेलें होली हम सब ऐसे ,
ना पड़े रंग में भंग
आई रे आई, होली है आई .......
लो आ गया है दिन रंगने - रंगाने का,
झूमने, गाने, खुशियाँ मनाने का
यह पर्व है रंगों का
खुशियों का उमंगों का
रूठों को मनाने का
दुश्मन को भी गले लगाने का
यह पर्व है भाईचारे का
ना हिन्दू का ना मुस्लिम का
ना सिख का ना ईसाई का
यह पर्व है भाई-भाई का
आई रे आई होली है आई ..........
हरा रंग हरियाली का
पीला रंग खुशहाली का
काला रंग करता विरोध
लाल रंग देता उमंग
गुलाबी रंग बिखेरे गुलाबी छटा
और नीला आसमानी घटा
इन्द्रधनुष के रंग हैं सारे
किसी एक के नहीं हैं ये रंग
हम सब के प्यारे हैं ये रंग
क्योंकि हर रंग कुछ कहता है
खाए होंगे तुमने पीजा और बर्गर
चाइनीज व्यंजन चाऊमिन और मंचूरियन
एक बार खा के देखो
" माँ " के हाँथ की गुजिया और पापड़ी
सच कहता हूँ
याद आ जायेगा वो अपना बचपन
आज भी दिल करता है
बही गुजियाँ खाने का
" माँ " का लाढ पाने का
आधुनिकता में खो गया अपनापन
अब आगये अंग्रेजी व्यंजन और
छुटता जा रहा हमारा बचपन
आई रे आई, होली है आई ................
समस्त ब्लोगर साथियों को होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं , यह पर्व आपके जीवन में खुशियाँ और उमंग लेकर आये .............
शुभकामनाओं सहित
संजय - गार्गी
देव -कुनाल
धन्यवाद
मन में उमंग, लेके तरंग
खेलें होली अपनों के संग
होली के रंग, जीवन के रंग,
खेलें होली हम संग संग
खेलें होली हम सब ऐसे ,
ना पड़े रंग में भंग
आई रे आई, होली है आई .......
लो आ गया है दिन रंगने - रंगाने का,
झूमने, गाने, खुशियाँ मनाने का
यह पर्व है रंगों का
खुशियों का उमंगों का
रूठों को मनाने का
दुश्मन को भी गले लगाने का
यह पर्व है भाईचारे का
ना हिन्दू का ना मुस्लिम का
ना सिख का ना ईसाई का
यह पर्व है भाई-भाई का
आई रे आई होली है आई ..........
हरा रंग हरियाली का
पीला रंग खुशहाली का
काला रंग करता विरोध
लाल रंग देता उमंग
गुलाबी रंग बिखेरे गुलाबी छटा
और नीला आसमानी घटा
इन्द्रधनुष के रंग हैं सारे
किसी एक के नहीं हैं ये रंग
हम सब के प्यारे हैं ये रंग
क्योंकि हर रंग कुछ कहता है
खाए होंगे तुमने पीजा और बर्गर
चाइनीज व्यंजन चाऊमिन और मंचूरियन
एक बार खा के देखो
" माँ " के हाँथ की गुजिया और पापड़ी
सच कहता हूँ
याद आ जायेगा वो अपना बचपन
आज भी दिल करता है
बही गुजियाँ खाने का
" माँ " का लाढ पाने का
आधुनिकता में खो गया अपनापन
अब आगये अंग्रेजी व्यंजन और
छुटता जा रहा हमारा बचपन
आई रे आई, होली है आई ................
समस्त ब्लोगर साथियों को होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं , यह पर्व आपके जीवन में खुशियाँ और उमंग लेकर आये .............
शुभकामनाओं सहित
संजय - गार्गी
देव -कुनाल
धन्यवाद
बहुत सुन्दर। होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteबोल जोगीरा सारा रा रा रा रा ....
ReplyDeleteहोली की ढेरों शुभकामनाएँ ..
गुजिया और पापड़ी के सामने पीज़ा बर्गर सब फेल है।
ReplyDeleteलो आ गया है दिन रंगने और रंगाने का,
ReplyDeleteझूमने और गाने और खुशियाँ मनाने का
यह पर्व है रंगों का
खुशियों का उमंगों का
वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
रंगों का त्यौहार बहुत मुबारक हो आपको और आपके परिवार को|
ReplyDelete" माँ " के हाँथ की गुजिया और पापड़ी
ReplyDeleteसच कहता हूँ
याद आ जायेगा वो अपना बचपन
आज भी दिल करता है
बही गुजियाँ खाने का
" माँ " का लाढ पाने का
आधुनिकता में खो गया अपनापन
अब आगये अंग्रेजी व्यंजन और
छूटता जा रहा हमारा बचपन ....
बहुत सुन्दर...
आपने अपनी कविता के कैनवास पर सच का रंग बिखेर दिए हैं....
बहुत-बहुत बधाई !
रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !
रूठों को मनाने का
ReplyDeleteदुश्मन को भी गले लगाने का
इस पर्व की सार्थकता को सिद्ध करती पंक्तियाँ ..आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत खुबसूरत रंगों में रंगी रचना |
ReplyDeleteआपको होली की बहुत - बहुत बधाई दोस्त |
खाए होंगे तुमने पीजा और बर्गर
ReplyDeleteचाइनीज व्यंजन चाऊमिन और मंचूरियन
एक बार खा के देखो
" माँ " के हाँथ की गुजिया और पापड़ी
आ हा ...भेजिएगा .....!!
हरा रंग हरियाली का
ReplyDeleteपीला रंग खुशहाली का
काला रंग करता विरोध
लाल रंग देता उमंग
गुलाबी रंग बिखेरे गुलाबी छटा
और नीला आसमानी घटा
शब्द-शब्द फागुनमयी .....खुबसूरत रंगों की सुन्दर अभिव्यक्ति हैं.
Holee kee dheron shubhkamnayen!
ReplyDeleteहोली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
ReplyDeleteआइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।
bahut khub...sahi main maa ke hath ka koi vikalp nahi hai.....aap ko bhi holi bahut bahut mubark ho
ReplyDeleteप्रशंसनीय लेखन के लिए बधाई।
ReplyDelete===================
"हर तरफ फागुनी कलेवर हैं।
फूल धरती के नए जेवर हैं॥
कोई कहता है, बाबा बाबा हैं-
कोई कहता है बाबा देवर है॥"
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क्या फागुन की फगुनाई है।
डाली - डाली बौराई है॥
हर ओर सृष्टि मादकता की-
कर रही मुफ़्त सप्लाई है॥
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होली के अवसर पर हार्दिक मंगलकामनाएं।
सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
होली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeletemanish jaiswal
Bilaspur
chhattisgarh
रंग-पर्व पर हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeletePizza aur Burger Se Maan Bhar Sakta hai, per Maa Ke Haat ke bane pakwan Se Maan Nahi Bhar Sakta hai. Holi ki Hardik Shub Kamnaye-Abhay Seth.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर .....रस-रंग भरी रचना |
ReplyDeleteहोली की badhai sweekaren ...
आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
ReplyDeleteरंग के त्यौहार में
सभी रंगों की हो भरमार
ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार
यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार।
आपको और आपके परिवार को होली की खुब सारी शुभकामनाये इसी दुआ के साथ आपके व आपके परिवार के साथ सभी के लिए सुखदायक, मंगलकारी व आन्नददायक हो।