इतना आसान नहीं किसी को भुला पाना
इतना आसान नहीं किसी के दिल से निकल पाना
भले ही वो प्यार करे न करे हमें
पर इतना आसान नहीं हमारा
उसकी तरफ से यूँ मुंख मोड़ पाना
ये क्या है रब कुछ समझ नहीं आता
शिकायत है उसे की ,
जिंदगी उसने,
मेरी वीरान बर्बाद की
पर फिर भी जिंदगी को उसकी
आदत सी हो गयी है !
वह हर बार मुंह मोड़ता है
और मेरा दिल रौंधता है
वह तो अपने सपने जी चुका है
पहले ही किसी और के संग
और मुझसे जिन्दगी की गाँठ जोड़ी थी उसने
झूंठ के ही साथ
क्रोध तो इस बात का है की
मैंने अपना सब कुछ अर्पित किया उसे जाकर
जो अपना सब कुछ
पहले ही किसी और को अर्पित कर चुका है
अब पहुंची जो उसकी जिंदगी में तो
लग रहा है की
मुझको शायद काटनी
किसी अनजाने पाप की सजा है !
धन्यवाद
PREM GALI ATI SAANKRI...
ReplyDeleteYAHI TO TADAPNA HAI...
BEBAK PRASTUTI.
यादों पर हमारा बस नहीं चलता है।
ReplyDeleteइतना आसान नहीं किसी को भुला पाना
ReplyDeleteइतना आसान नहीं किसी के दिल से निकल पाना...
यथार्थ भावाभिव्यक्ति! इसी तरह लिखते रहिए।
इतना आसान नहीं किसी को भुला पाना
ReplyDeleteइतना आसान नहीं किसी के दिल से निकल पाना
भले ही वो प्यार करे न करे हमें
पर इतना आसान नहीं हमारा
उसकी तरफ से यूँ मुंख मोड़ पाना
ये क्या है रब कुछ समझ नहीं आता
मै आपकी इस बात से पूरी तरह से सहमत हूँ !
सुन्दर एहसासों का खुबसूरत ताना बाना !
सुन्दर रचना !
इतना आसान नहीं किसी को भुला पाना
ReplyDeleteयथार्थमय सुन्दर पोस्ट
ह्र्दय की गहराई से निकली अनुभूति रूपी सशक्त रचना
ReplyDeletevery nice blog dear firend.....
ReplyDeletekeep visiting dear friends...
Lyrics Mantra
Music Bol
नाजुक भावनाओं की सुरीली अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteभावनाओं में पगी कविता
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई !
ReplyDeletehttp://hamarbilaspur.blogspot.com/
काश कि आपकी भावना को सहज पाता वो जिसके लिये इतने करून स्वरो की रचना बनी।।
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