कहा जाता है , बिना आत्मविश्वास के तो मानव दो कदम भी नहीं बढ़ सकता ! आप जब घोर विपत्तियों में घिर जाते हैं , चारों ओरअन्धकार, निराशाएं ही होती हैं , जब आपके अपने सगे - सम्बन्धी और मित्र तक साथ छोड़ देते हैं , जब आप महसूस करते हैं कि कहीं भी कोई आपका अपना नहीं रहा है , सब स्वार्थों से भरे हैं , ना धन रहा और न संपत्ति है , परिवार कि जीवन नैय्या अभावों में घिरी है , आपके सामने सब रास्ते बंद हो गए हैं , आप हर तरफ से निराश हैं , जीवन आपको नीरस लगने लगता है ! तब एक ही चीज है जो हमारे जीवन में प्रकाश करती है , बंद रास्तों को खोलती है , हमें सहारा देती है , आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है , शक्ति और सहस को बढ़ाती है , बह प्रबल शक्ति है इन्सान के अन्दर का आत्मविश्वास ! अगर आपके पास आत्मविश्वास है तो यह इन्सान को कभी धोखा नहीं देगा , जब तक आप चाहेंगे यह आपका साथ देगा ! आप स्वयं ही इसका साथ छोड़ देंगे , किन्तु यह कभी आपका साथ नहीं छोड़ता , जब इन्सान के अन्दर का आत्मविश्वास मर जाता है इसमें वेचारे आत्मविश्वास का क्या दोष ?
जो किसी भी परिस्थिति में आत्मविश्वास का साथ नहीं छोड़ते , वास्तव में वही असली सम्मान के पात्र होते हैं या पात्र बनते हैं !संसार उन्हीं को पूजता है जो स्वयं के मिटने तक अपने आत्मविश्वास पर द्रढ़ रहते हैं ! इन्सान के पास अगर आत्मविश्वास है तो वह अकेला ही अनेक कठिनाइयों का सामना करने को सदैव तत्पर रहता है ! यदि व्यक्ति गरीब भी है और उसके पास आत्मविश्वास है तो वह आत्मविश्वास उसकी पूँजी हैं ! इस आत्मविश्वास रुपी पूँजी से सब कुछ पैदा कर सकता है , अपने गरीबी के अभिशाप से भी मुक्त हो सकता है ! बशर्ते वह अपने आत्मविश्वास पर अडिग रहे ! एक आत्मविश्वासी गरीब ऐसे अनेक कार्य कर सकता है जिसे बड़े-बड़े धनवान नहीं कर पाते या करने में असमर्थ होते हैं ! द्रढ़ता और आत्मविश्वास के साथ , सफलता आप अवश्य हासिल करेंगे ! पर आत्मविश्वास में सच होना चाहिए ! क्योंकि इन्सान असमर्थ नहीं है ! इन्सान के पास आत्मविश्वास कि ऐसी पूँजी हैं जो कभी खत्म नहीं होती ! यह पूँजी इन्सान के जीवन में सबसे उपयोगी होती है , इससे बढ़कर दूसरा कोई नहीं !
क्या आपके पास है , सबसे बड़ी पूँजी ? ( आत्मविश्वास )
धन्यवाद
हाँ, है। आभार याद दिलाने का।
ReplyDeleteजी हाँ सहमत हैं
ReplyDeleteआत्मविश्वास कायम हो हमेशा तो इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता
एक इंसान की सबसे बड़ी पूँजी आत्मविश्वास ही होती है
आभार & शुभ कामनाएं
ek prerak lekh......achha likha hai...
ReplyDeleteसचमुच, सबसे बड़ी पूँजी तो आत्मविश्वास ही होती है!
ReplyDeleteaatmvishvas asambhav lagne vale kaaryon ko bhi sambhav kar deta hai ..
ReplyDeleteबिलकुल ठीक याद किया ! मेरे पास भी है और खूब है .....
ReplyDeleteशुभकामनायें !
... prasanshaneey post !!
ReplyDelete.....आत्मविश्वास ही सबसे बड़ी पूँजी है!
ReplyDeleteइन्सान के अन्दर आत्म विश्वास है dailymajlis.blogspot.in/2013/01/soulpower.html
ReplyDeleteआत्मविश्वास न हो तो इंसान की मृत्यु निश्चित है।
ReplyDeleteअपने सही कहा है के किसी भी कार्ये को करने के लिए आत्मविश्वास का होना अनिवार्य है।
आत्मविश्वास न हो तो इंसान की मृत्यु निश्चित है।
ReplyDeleteअपने सही कहा है के किसी भी कार्ये को करने के लिए आत्मविश्वास का होना अनिवार्य है।